गुना। जिले में 22 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित कलेक्टर कार्यालय की हालत बेहद नाजुक हो चुकी है. महज 5 वर्षों के भीतर कलेक्टर कार्यालय का शेड फटकर उड़ चुका है. दिव्यांगों के लिए कार्यालय में लिफ्ट भी लगाई गई थी जो आज तक चली नहीं. बारिश के मौसम में कार्यालय की छत में लीकेज होता है. जिससे कर्मचारियों को परेशानी उठानी पड़ती है. कुल मिलाकर कलेक्ट्रेट की बिल्डिंग के निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार हुआ. जिसके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. (guna collector office corruption) (guna construction of collector office corruption)
शिवराज सिंह ने किया था लोकार्पणः गुना के नवीन कलेक्टर कार्यालय का नवीनीकरण वर्ष 2016-17 में किया गया था. सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने गुना पहुंचकर भवन का लोकार्पण किया था. 22 करोड़ की लागत से निर्मित बिल्डिंग में कई खामियां रह गई थीं. जिन्हें ठेकेदार ने सुधारा ही नहीं. निर्माण के बाद ठेकेदार को करोड़ों रुपये की राशि का भुगतान भी कर दिया गया. जबकि राशि का एकमुश्त भुगतान करना नियमविरुद्ध होता है. (lift is closed and water is dripping from ceiling) (guna collector office corruption)
आज तक नहीं हुआ कार्यालय वातानुकूलितः कलेक्टर कार्यालय को वातानुकूलित बनाने के लिए डिजाइन स्वीकृत की गई थी. डिजाइन पास होने के बावजूद आज तक कार्यालय को वातानुकूलित नहीं किया गया. कार्यालय के लिए नया फर्नीचर खरीदा गया था जो टूटने लगा है. बिल्डिंग में कक्षों की कमी है इसलिए कई विभाग पुराने कार्यालयों में संचालित हैं. कलेक्टर से भेंट करने के लिए दिव्यांग आवेदकों को सीढ़ियों पर घिसटकर कलेक्टर के पास पहुंचना पड़ता है. कार्यालय में पक्षियों ने घोंसले बना लिए हैं. 22 करोड़ के कलेक्टर कार्यालय में बारिश के मौसम में पानी भर जाता है. (guna collector corruption water dripping ceiling) (guna collector office corruption)