गुना। जिला अस्पताल प्रबंधन की मनमानी कलेक्टर के निर्देश पर भारी पड़ रही है. जिला अस्पताल को व्यवस्थित बनाने के क्रम में कलेक्टर के निर्देशों पर न तो अस्पताल प्रशासन ने ध्यान देना जरूरी समझा है और न ही व्यवस्था में सुधार के लिए नियुक्त अधिकारियों ने अपनी जबावदेही ठीक से संभाली.
जिला अस्पताल के हालात देखकर आसानी से समझा जा सकता है कि कलेक्टर के निर्देशों पर अमल तो दूर, उन पर काम तक शुरू नहीं हुआ है. जिला अस्पताल में बदहाली का आलम यह है कि कोविड-19 के सैंपल कैबिन में गाय आराम फरमा रही हैं. वहीं जिला अस्तपाल परिसर में कुत्तों का झुंड आतंक मचा रहा है. कुछ ऐसे ही हालात अस्पताल में साफ सफाई को लेकर है.
दरअसल जिला अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं में सुधार के लिए कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने साफ-सफाई, पार्किंग, मरीजों की समस्याओं के निराकरण और भोजन व्यवस्था आदि के लिए दो डिप्टी कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों को मॉनिटरिंग के लिए नियुक्त किया गया था.
जिनके द्वारा समय-समय पर व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर आवश्यक निर्देश देकर मॉनिटरिंग करनी थी. इन अधिकारियों को काम में लापरवाही बतरने वाले कर्मचारियों का प्रतिवेदन कलेक्टर को देना था, जिसके चलते लापरवाह लोगों पर कार्रवाई हो सके.
वहीं कलेक्टर के इस प्रयास का जिला अस्पताल में कोई असर नहीं पड़ा. बुधवार को यहां अस्पताल परिसर में मवेशी विचरण करते रहे. बदहाली का आलम यह है कि जिस कोविड-19 से देश समेत पूरा विश्व लड़ रहा है. इसको लेकर भी जिला अस्पताल प्रशासन का रवैया लापरवाही पूर्ण दिखा. कोविड-19 मरीजों के सैंपल लेने के लिए बनाए गए कैबिन में मवेशी आराम फरमा रहे थे. ऐसे में मरीजों से लेकर अस्पताल स्टाफ में संक्रमण फैलने का अंदेशा है.