गुना। डेढ़ माह की बीमार बच्ची की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान हालत बिगड़ने पर 25 मई को ग्वालियर रेफर किया गया था, जिस एंबुलेंस से बच्ची को परिजनों के साथ ग्वालियर भेजा गया था, उसके चालक ने रास्ते में एक बार भी ऑक्सीजन चेक नहीं किया और 30 किमी सफर पूरा करने के बाद म्याना में बच्ची ने दम तोड़ दिया. जिसके बाद परिजन शिवपुरी जिला अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने बच्ची को मृत बता दिया.
गुना जिले के आरोन तहसील के गुलाबगंज निवासी अनिल वंशकार की डेढ़ महीने की बच्ची की तबीयत खराब होने के बाद उसे आरोन अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वहां उसकी हालत बिगड़ने पर जिला मुख्यालय रेफर कर दिया गया, जिला अस्पताल में एक दिन भर्ती रहने के बाद यहां से भी उसे 25 मई को ग्वालियर रेफर कर दिया गया. इस दौरान एंबुलेंस चालक की बड़ी लापरवाही सामने आई. बच्ची की हालत ज्यादा खराब होने के बावजूद एंबुलेंस में ऑक्सीजन को चेक नहीं किया और 30 किलोमीटर चलने के बाद शिवपुरी जिले के म्याना में बच्ची ने दम तोड़ दिया.
बच्ची के माता-पिता का दिल नहीं माना तो वे उसे किसी तरह ड्राइवर से मिन्नतें कर शिवपुरी जिला अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया. एंबुलेंस चालक की अमानवीयता यहीं नहीं रुकी. वो रोते-बिलखते परिजनों को उनकी बच्ची के शव के साथ शिवपुरी में ही छोड़कर चला गया, जबकि परिजन एंबुलेंस चालक से आरोन तक छोड़ने की गुहार लगाते रहे, लेकिन उसने एक न सुनी.
मृत बच्ची के पिता ने की कार्रवाई की मांग
जब एंबुलेंस चालक छोड़कर चला गया, तब किसी तरह मृत बच्ची के पिता ने तीन हजार रूपए में निजी वाहन बुक कर बच्ची के शव को घर ले गया. इस संबंध में बुधवार को पीड़ित ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर एंबुलेंस ड्राइवर की शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है.