डिंडौरी। मंडला जिले के बाद अब डिंडौरी में भी महुआ माता को खुश करने की होड़ लगी है, डिंडौरी-शहपुरा मार्ग पर जोगी टिकरिया से कुछ ही दूरी पर स्थित धमन गांव लोगों की आस्था का केन्द्र बना है, जहां ददरा टोला के जंगल में वर्षों पुराना महुआ का पेड़ है. लोगों का मानना है कि इस पेड़ के पास आकर जो भी मनोकामनाएं मांगी जाती हैं, महुआ माता उसे पूरी करती हैं.
ये महुआ का पेड़ वर्षों पुराना बताया जा रहा है. इसे लोग महुआ माता मानकर इसकी पूजा कर रहे हैं. उनका मानना है कि महुआ माता को अगरबत्ती, नारियल और बेलपत्र चढ़ाने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. लोगों का कहना है कि ये पूजा सामग्री दोनों हाथों से महुए के पेड़ के पास रखना पड़ता है. अगर आपके हाथ खुद-ब-खुद पेड़ की तरफ खिसकने लगे तो मानिए आप की मुराद पूरी हो गई.
ऐसे फैली अफवाह
महुआ माता चमत्कारी हैं, इस बात की जानकारी स्थानीय निवासी सुदर्शन सिंह सिंगरौरे को उसकी पड़ोस में रहने वाली मलिया बाई से लगी. उनका कहना था कि महुआ माता सभी रोगों को ठीक कर रही हैं. हाथ जमीन में रखे तो महुआ माता अपनी तरफ हाथ खींचती हैं. माता से अर्जी लगाने के लिए पूजा सामग्री चढ़ानी पड़ती है. सुदर्शन जब एक-दो दिन गए तो उनके हाथ नहीं खिंचे, लेकिन उनकी पत्नी के हाथ खिंचने लगे और 25 फीसदी आराम भी हो गया. ऐसे ही उनके पैर का दर्द भी ठीक हुआ है.
जब लोगों की भीड़ महुए के पेड़ के आसपास जुटने लगी तो इसका रियलिटी चेक किया गया, जहां कुछ लोग अन्य लोगों की तरह महुए के पेड़ के पास दोनों हाथ रखकर बैठे भी, लेकिन कोई चमत्कार नहीं दिखा. आज विज्ञान इतना आगे बढ़ चुका है, इसके बावजूद लोगों का इस तरह के अंधविश्वास पर विश्वास करना आशचर्यजनक है.
ईटीवी भारत किसी भी अंधविश्वास का समर्थन नहीं करता है और न ही इस खबर को प्रकाशित करने के पीछे ऐसा कोई मकसद है.