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35 की जगह एक ही दिन में डॉक्टर ने कर दी 46 महिलाओं की नसबंदी, फर्श पर लिटाया - डिंडौरी

डिंडौरी में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. यहां एक ही दिन में 46 महिलाओं की नसबंदी कर दी गई और किसी भी तरह की कोई स्वास्थ सुविधाएं उन्हें नहीं दी गई.

negligence in women sterilization camp
नसबंदी ऑपरेशन में लापरवाही
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Published : Dec 10, 2019, 2:38 PM IST

Updated : Dec 10, 2019, 3:29 PM IST

डिंडौरी। महिला नसबंदी शिविर में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित मेहदवानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महज तीन घंटे के भीतर ही 46 महिलाओं की नसबंदी कर दी गई है.

नसबंदी ऑपरेशन में लापरवाही

सरकारी नियमों के मुताबिक एक दिन में एक सर्जन सिर्फ 35 नसबंदी ऑपरेशन ही कर सकता है, लेकिन टारगेट पूरा करने के चक्कर में 46 महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन कर दिया गया. नसबंदी ऑपरेशन के ठीक बाद ही सर्जन डॉक्टर आशीष राज जबलपुर के लिए रवाना हो गए.

नियमों के मुताबिक नसबंदी ऑपरेशन की हुई महिलाएं जब तक हॉस्पिटल से डिस्चार्ज न हो जाएं, तब तक सर्जन का हॉस्पिटल में मौजूद रहना अनिवार्य रहता है. इतना ही नहीं नसबंदी ऑपरेशन के बाद छोटे से बरामदे में महिलाओं को बेतरतीब ढंग से फर्श में बिस्तर डालकर लिटाया गया.

डिंडौरी। महिला नसबंदी शिविर में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित मेहदवानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महज तीन घंटे के भीतर ही 46 महिलाओं की नसबंदी कर दी गई है.

नसबंदी ऑपरेशन में लापरवाही

सरकारी नियमों के मुताबिक एक दिन में एक सर्जन सिर्फ 35 नसबंदी ऑपरेशन ही कर सकता है, लेकिन टारगेट पूरा करने के चक्कर में 46 महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन कर दिया गया. नसबंदी ऑपरेशन के ठीक बाद ही सर्जन डॉक्टर आशीष राज जबलपुर के लिए रवाना हो गए.

नियमों के मुताबिक नसबंदी ऑपरेशन की हुई महिलाएं जब तक हॉस्पिटल से डिस्चार्ज न हो जाएं, तब तक सर्जन का हॉस्पिटल में मौजूद रहना अनिवार्य रहता है. इतना ही नहीं नसबंदी ऑपरेशन के बाद छोटे से बरामदे में महिलाओं को बेतरतीब ढंग से फर्श में बिस्तर डालकर लिटाया गया.

Intro:एंकर - मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में एकबार फिर महिला नसबंदी शिविर में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। दरअसल जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित मेहंदवानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महज तीन घंटे के भीतर ही 46 महिलाओं की नसबंदी कर दी गई है जबकि सरकारी नियमों के मुताबिक एक दिन में एक सर्जन सिर्फ 35 नसबंदी ऑपरेशन ही कर सकता है लेकिन टारगेट पूरा करने के चक्कर में 46 महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन कर दिया गया। Body:वि ओ 01 _ ख़ास बात तो यह है कि नसबंदी ऑपरेशन के ठीक बाद ही सर्जन डॉक्टर आशीष राज जबलपुर के लिये रवाना हो गये ऐसे में कोई अप्रिय स्थिति निर्मित होने पर महिलाओं की जान तक जा सकती है। नियमों के मुताबिक नसबंदी ऑपरेशन की हुई महिलाएं जब तक हॉस्पिटल से डिस्चार्ज न हो जाये तब तक सर्जन का हॉस्पिटल में मौजूद रहना अनिवार्य रहता है। वहीँ आप तस्वीरों में साफ़ देख सकते हैं कि नसबंदी ऑपरेशन के बाद छोटे से बरामदे में महिलाओं को बेतरतीब ढंग से फर्श में बिस्तर डालकर लिटाया गया है। नसबंदी कराने दूरदराज से आई महिलाओं के परिजनों का कहना है कि वे सुबह से भूखे प्यासे अस्पताल में भटक रहे हैं जबकि डॉक्टर साहब गोलमोल बातें कर अपनी जवाबदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं।

Conclusion:Byte 1 - डॉक्टर रनमत सिंह,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेहंदवानी
Byte 2 - बसंत लाल,परिजन
Last Updated : Dec 10, 2019, 3:29 PM IST
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