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MP Seat Scan Dindori: इस आदिवासी सीट पर पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाता की संख्या ज्यादा, पिछले 15 साल से कांग्रेस का कब्जा

आज बात मध्यप्रेश के महाकौशल की आदिवासी अंचल की डिंडोरी विधानसभा की. यह एक छोटे से जिले की विधानसभा है, जो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. इस सीट की पहचान बैगा आदिवासियों से है.

MP Seat Scan Dindori
डिंडोरी विधानसभा 2023
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 12, 2023, 4:13 PM IST

डिंडोरी। महाकौशल की आदिवासी अंचल की डिंडोरी एक छोटे से जिले की विधानसभा है. यह विधानसभा अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित है. यहां लगभग 60% आदिवासी रहते हैं. पिछले तीन विधानसभा चुनाव से कांग्रेस के पास है. आदिवासी बाहुल्य इस विधानसभा की पहचान बैगा आदिवासियों के नाम पर है, लेकिन विशेष संरक्षित जनजाति में होने के बाद भी इस विधानसभा क्षेत्र में विकास नजर नहीं आता. आज भी यह विधानसभा बुनियादी सुविधाओं के लिए परेशान है. यहां मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच में है, लेकिन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी यहां से हुंकार भर रही है.

MP Election 2023
मध्यप्रदेश डिंडोरी विधानसभा की खासियत

डिंडोरी का राजनीतिक समीकरण: डिंडोरी विधानसभा में पिछले तीन चुनाव (2018, 2013 और 2008) से लगातार ओमकार मरकाम जीते रहे हैं. ओमकार मरकाम कांग्रेस के नेता हैं और उन्होंने बीते दो चुनावों भारतीय जनता पार्टी के जय सिंह मरावी को को शिकस्त दी है.

2018 के चुनाव में ओमकार मरकाम ने जय सिंह मरावी को 33000 वोटों से हराया था. वहीं, 2013 के चुनाव में जय सिंह मरावी ओमकार मरकाम से 6000 वोटों से हारे थे. 2008 का विधानसभा चुनाव भी ओमकार मरकाम ने लगभग 32000 वोटों से जीता था. बेशक, ओमकार मरकाम की छवि डिंडोरी विधानसभा में अच्छी है. इसलिए उन्हें कमलनाथ सरकार में कांग्रेस ने मंत्री बनाया था. फिलहाल उन्हें केंद्रीय चुनाव समिति में जगह दी है, लेकिन इस बार का चुनाव ओमकार मरकाम के लिए सरल नहीं है.

ओमकार मरकाम को चुनौती देने के लिए भारतीय जनता पार्टी के पास तो कोई चेहरा नहीं है, लेकिन कांग्रेस के एक नेता रूद्रेश परस्ते ने घोषणा कर दी है कि यदि कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दी तो वे निर्दलीय चुनाव में खड़े हो जाएंगे.

उन्होंने 10,000 से ज्यादा आदिवासियों के साथ डिंडोरी कलेक्ट्रेट का घेराव किया था. डिंडोरी कलेक्टर पर आरोप लगाया है कि वह भारतीय जनता पार्टी के लिए काम कर रहे हैं. इस बार रूद्रेश परस्ते ओमकार मरकाम के लिए संकट खड़ा करेंगे.

इलाके से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी कोशिश कर रही है, लेकिन डिंडोरी में गोंडवाना का बहुत प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा. हालांकि, गोंडवाना ज्यादातर समय कांग्रेस के वोट ही काटती रही है. भारतीय जनता पार्टी से पंकज राजेंद्र कुशराम और जय सिंह मरावी का नाम चर्चा में है.

Madhya Pradesh Election 2023
पिछले तीन चुनाव में डिंडोरी विधानसभा की स्थिति

डिंडोरी में कुल कितने मतदाता: डिंडोरी में करीबन 2 लाख से ज्यादा मतदाता हैं. यहां का पुरुष के मुकाबले महिला वोटर्स ज्यादा हैं. यहां कुल मतदाता 2,41,245 है. इनमें पुरुष मतदाता की संख्या 120362 और महिला मतदाता की संख्या 120362 हैं और थर्ड जेंडर की संख्या 10 है.

Madhya Pradesh Election 2023
डिंडोरी विधानसभा पर मतदाता के आंकड़े


बैगा आदिवासी: डिंडोरी विधानसभा में बैगा आदिवासियों की संख्या बहुत अधिक है. यहां चाड़ा बजाज करणजिया समनापुर इलाकों में बैगा आदिवासी बड़े पैमाने पर रहते हैं. यह सदियों से इसी इलाके में रहते आए हैं और बैगा आदिवासियों का झुकाव आज भी कांग्रेस की ओर है. जो यहां पर कांग्रेस के जीतने की मूल वजह है.

MP Seat Scan Dindori
मध्यप्रदेश डिंडोरी विधानसभा

आज भी बैगा आदिवासी इंदिरा गांधी के नाम पर वोट डालता है. हालांकि, बैगा आदिवासी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. 2010 से बैगा आदिवासी महिलाओं को ₹1000 प्रतिमाह दिया जा रहा है, लेकिन आज भी बैगा आदिवासी महिलाएं आदिवासी विभाग में भ्रष्टाचार की वजह से यह पैसा नहीं ले पा रहे हैं.

वहीं, बैगा आदिवासी बहुत कम पढ़े लिखे हैं. सरकार ने इन आदिवासियों की पढ़ाई लिखाई पर बहुत ध्यान नहीं दिया. बैगा आदिवासियों को सरकार नहीं वन अधिकार पट्टा देने की बात कही थी, लेकिन इस पर भी पूरी तरह अमल नहीं हो पाया.

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मोटे अनाज पर चर्चा: डिंडोरी भारत के कुछ चुनिंदा इलाकों में हैं, जहां मिलेट्स या मोटा अनाज बड़े पैमाने पर प्राकृतिक तरीके से पैदा किया जाता है. देश में और दुनिया में मोटे अनाज पर बहुत चर्चा हो रही है. समा कोदो कुटकी जैसे अनाज पर जी 20जैसे सम्मेलनों में भी चर्चा हुई. यहां की लहरी बाई बैगा की वजह से डिंडोरी का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाना गया. हालांकि इलाके के लोग बताते हैं, कि लहरी बाई की खुद हालात बेहद खराब है.

Madhya Pradesh Election 2023
डिंडोरी विधानसभा का 2018 का रिजल्ट
डिंडोरी की आर्थिक हालात: डिंडोरी में व्यापारिक गतिविधि नहीं है, यहां 60% आबादी आदिवासियों की है. आदिवासियों में ज्यादातर लोग कृषि और मजदूरी पर निर्भर हैं. छोटे-मोटे व्यापार गांव के स्तर पर यहां होते हैं, लेकिन डिंडोरी के नाम से कोई बड़ा व्यापार स्थापित नहीं है.

कृषि में भी यहां केवल बरसाती फसलें किसानों की मुख्य आय का स्रोत है. यहां पानी की बहुत कमी है. इसलिए खेती को पर्याप्त पानी नहीं मिलता. इसके चलते रवि की फसल तक बहुत कम इलाके में हो पाती है, ज्यादातर लोग मजदूरी के जरिए ही अपना पेट पाल रहे हैं.

डिंडोरी का केरल कनेक्शन: इस इलाके में पलायन की समस्या अधिक है. इसी वजह से अधिकतर लोग केरल में मजदूरी के लिए जाते हैं. इसकी वजह है कि केरल में मध्यप्रदेश के मुकाबले ज्यादा मजदूरी मिलती है. एमपी में यहां 220 रुपए रोजाना मिलते हैं, तो वहीं 500 रुपए रोजाना मजदूरी के केरल में मिलते हैं.

डिंडोरी। महाकौशल की आदिवासी अंचल की डिंडोरी एक छोटे से जिले की विधानसभा है. यह विधानसभा अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित है. यहां लगभग 60% आदिवासी रहते हैं. पिछले तीन विधानसभा चुनाव से कांग्रेस के पास है. आदिवासी बाहुल्य इस विधानसभा की पहचान बैगा आदिवासियों के नाम पर है, लेकिन विशेष संरक्षित जनजाति में होने के बाद भी इस विधानसभा क्षेत्र में विकास नजर नहीं आता. आज भी यह विधानसभा बुनियादी सुविधाओं के लिए परेशान है. यहां मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच में है, लेकिन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी यहां से हुंकार भर रही है.

MP Election 2023
मध्यप्रदेश डिंडोरी विधानसभा की खासियत

डिंडोरी का राजनीतिक समीकरण: डिंडोरी विधानसभा में पिछले तीन चुनाव (2018, 2013 और 2008) से लगातार ओमकार मरकाम जीते रहे हैं. ओमकार मरकाम कांग्रेस के नेता हैं और उन्होंने बीते दो चुनावों भारतीय जनता पार्टी के जय सिंह मरावी को को शिकस्त दी है.

2018 के चुनाव में ओमकार मरकाम ने जय सिंह मरावी को 33000 वोटों से हराया था. वहीं, 2013 के चुनाव में जय सिंह मरावी ओमकार मरकाम से 6000 वोटों से हारे थे. 2008 का विधानसभा चुनाव भी ओमकार मरकाम ने लगभग 32000 वोटों से जीता था. बेशक, ओमकार मरकाम की छवि डिंडोरी विधानसभा में अच्छी है. इसलिए उन्हें कमलनाथ सरकार में कांग्रेस ने मंत्री बनाया था. फिलहाल उन्हें केंद्रीय चुनाव समिति में जगह दी है, लेकिन इस बार का चुनाव ओमकार मरकाम के लिए सरल नहीं है.

ओमकार मरकाम को चुनौती देने के लिए भारतीय जनता पार्टी के पास तो कोई चेहरा नहीं है, लेकिन कांग्रेस के एक नेता रूद्रेश परस्ते ने घोषणा कर दी है कि यदि कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दी तो वे निर्दलीय चुनाव में खड़े हो जाएंगे.

उन्होंने 10,000 से ज्यादा आदिवासियों के साथ डिंडोरी कलेक्ट्रेट का घेराव किया था. डिंडोरी कलेक्टर पर आरोप लगाया है कि वह भारतीय जनता पार्टी के लिए काम कर रहे हैं. इस बार रूद्रेश परस्ते ओमकार मरकाम के लिए संकट खड़ा करेंगे.

इलाके से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी कोशिश कर रही है, लेकिन डिंडोरी में गोंडवाना का बहुत प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा. हालांकि, गोंडवाना ज्यादातर समय कांग्रेस के वोट ही काटती रही है. भारतीय जनता पार्टी से पंकज राजेंद्र कुशराम और जय सिंह मरावी का नाम चर्चा में है.

Madhya Pradesh Election 2023
पिछले तीन चुनाव में डिंडोरी विधानसभा की स्थिति

डिंडोरी में कुल कितने मतदाता: डिंडोरी में करीबन 2 लाख से ज्यादा मतदाता हैं. यहां का पुरुष के मुकाबले महिला वोटर्स ज्यादा हैं. यहां कुल मतदाता 2,41,245 है. इनमें पुरुष मतदाता की संख्या 120362 और महिला मतदाता की संख्या 120362 हैं और थर्ड जेंडर की संख्या 10 है.

Madhya Pradesh Election 2023
डिंडोरी विधानसभा पर मतदाता के आंकड़े


बैगा आदिवासी: डिंडोरी विधानसभा में बैगा आदिवासियों की संख्या बहुत अधिक है. यहां चाड़ा बजाज करणजिया समनापुर इलाकों में बैगा आदिवासी बड़े पैमाने पर रहते हैं. यह सदियों से इसी इलाके में रहते आए हैं और बैगा आदिवासियों का झुकाव आज भी कांग्रेस की ओर है. जो यहां पर कांग्रेस के जीतने की मूल वजह है.

MP Seat Scan Dindori
मध्यप्रदेश डिंडोरी विधानसभा

आज भी बैगा आदिवासी इंदिरा गांधी के नाम पर वोट डालता है. हालांकि, बैगा आदिवासी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. 2010 से बैगा आदिवासी महिलाओं को ₹1000 प्रतिमाह दिया जा रहा है, लेकिन आज भी बैगा आदिवासी महिलाएं आदिवासी विभाग में भ्रष्टाचार की वजह से यह पैसा नहीं ले पा रहे हैं.

वहीं, बैगा आदिवासी बहुत कम पढ़े लिखे हैं. सरकार ने इन आदिवासियों की पढ़ाई लिखाई पर बहुत ध्यान नहीं दिया. बैगा आदिवासियों को सरकार नहीं वन अधिकार पट्टा देने की बात कही थी, लेकिन इस पर भी पूरी तरह अमल नहीं हो पाया.

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मोटे अनाज पर चर्चा: डिंडोरी भारत के कुछ चुनिंदा इलाकों में हैं, जहां मिलेट्स या मोटा अनाज बड़े पैमाने पर प्राकृतिक तरीके से पैदा किया जाता है. देश में और दुनिया में मोटे अनाज पर बहुत चर्चा हो रही है. समा कोदो कुटकी जैसे अनाज पर जी 20जैसे सम्मेलनों में भी चर्चा हुई. यहां की लहरी बाई बैगा की वजह से डिंडोरी का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाना गया. हालांकि इलाके के लोग बताते हैं, कि लहरी बाई की खुद हालात बेहद खराब है.

Madhya Pradesh Election 2023
डिंडोरी विधानसभा का 2018 का रिजल्ट
डिंडोरी की आर्थिक हालात: डिंडोरी में व्यापारिक गतिविधि नहीं है, यहां 60% आबादी आदिवासियों की है. आदिवासियों में ज्यादातर लोग कृषि और मजदूरी पर निर्भर हैं. छोटे-मोटे व्यापार गांव के स्तर पर यहां होते हैं, लेकिन डिंडोरी के नाम से कोई बड़ा व्यापार स्थापित नहीं है.

कृषि में भी यहां केवल बरसाती फसलें किसानों की मुख्य आय का स्रोत है. यहां पानी की बहुत कमी है. इसलिए खेती को पर्याप्त पानी नहीं मिलता. इसके चलते रवि की फसल तक बहुत कम इलाके में हो पाती है, ज्यादातर लोग मजदूरी के जरिए ही अपना पेट पाल रहे हैं.

डिंडोरी का केरल कनेक्शन: इस इलाके में पलायन की समस्या अधिक है. इसी वजह से अधिकतर लोग केरल में मजदूरी के लिए जाते हैं. इसकी वजह है कि केरल में मध्यप्रदेश के मुकाबले ज्यादा मजदूरी मिलती है. एमपी में यहां 220 रुपए रोजाना मिलते हैं, तो वहीं 500 रुपए रोजाना मजदूरी के केरल में मिलते हैं.

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