डिंडौरी। मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल डिंडौरी की ये तस्वीर झकझोरने वाली है, कमलनाथ सरकार के मंत्री भले ही प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर होने का ढिंढोरा पीटते रहे हों, लेकिन हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है. अधिकारियों की लापरवाही और स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के चलते कभी मरीजों को अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिलते तो कभी एंबुलेंस.
स्ट्रेचर पर प्रसूता को ले जाते परिजन बमुश्किल एंबुलेंस नसीब हो भी जाए तो एक नई समस्या सामने होती है. ऐसा ही हुआ डिंडौरी के समनापुर विकासखंड के रंजरा-बिंजरा गांव की डिलिवरी कराने आई महिला के साथ हुआ. 108 एंबुलेंस की मदद से महिला को जिला अस्पताल लाया गया. जहां प्रसूता को ऑपरेशन हॉल तक पहुंचाने स्ट्रेचर तो मिला, लेकिन बॉर्ड वाय मौके से गायब था.
स्ट्रेचर पर प्रसूता को ले जाते परिजन वार्ड वाय की गैरमौजूदगी में महिला के परिजन स्ट्रेचर को ढकेलते ऑपरेशन रुम तक ले गए. जब ये तस्वीर ईटीवी भारत ने कैमरे में कैद की तो मौके पर मौजूद 108 वाहन के टेक्नीशियन नागेंद्र जायसवाल भी स्ट्रेचर को ढकेलने में जुट गए. महिला दर्द से कराह रही थी, लेकिन सिस्टम सो रहा था, अगर परिजन खुद ही तत्परता दिखाते हुए उसे ऑपरेशन हॉल नहीं पहुंचाते तो कुछ भी अनहोनी हो सकती थी.