डिंडौरी। आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में महा वैक्सीन अभियान (Maha Vaccine Campaign) को सफल बनाने के लिए कर्मचारी अपने जान की परवाह किए बिना ही नदी-नालों को पार कर दुर्गम स्थानों तक पहुंच रहे हैं. तस्वीरों में ये साफ नजर आ रहा है कि कोरोना महामारी से लोगों को बचाने की खातिर स्वास्थ्यकर्मी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जान जोखिम में डाल रही हैं और लकड़ी की डोंगी के सहारे नर्मदा नदी पार कर रही हैं. मामला विकास खंड के पतरी उड़ान गांव का है, जो नर्मदा और खरमेर नदी से पूरी तरह घिरा हुआ है.
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लकड़ी की डोंगी में बैठ नदी करते हैं पार
नर्मदा नदी (narmada river) पर कई वर्षों से सैकड़ों लोग अपनी जान जोखिम में डालकर लकड़ी से बने नाव के माध्यम से नदी पार कर रहे हैं. आलम यह है कि लोगों के लिए अब यह खेल जैसा लगने लगा है. गांव में 32 परिवार निवास करते हैं और इस गांव की आबादी 85 के करीब है. स्वास्थ्य और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के समर्पण और त्याग के चलते गांव के 79 लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लगाये जा चुके हैं.
खुद लकड़ी की डोंगी चला रही महिला
लकड़ी की डोंगी में नर्मदा नदी पार करने के दौरान जरा सी चूक जानलेवा साबित हो सकती है, बावजूद इसके स्वास्थ्यकर्मी (anganwadi workers) पूरी शिद्दत के साथ अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. हैरत की बात तो ये है कि लकड़ी की डोंगी को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता खुद ही चलाकर नर्मदा नदी पार करती हैं. वैक्सीनेशन के प्रति स्वास्थ्य और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का जज्बा देख अधिकारी भी हैरान हैं और उनकी जमकर सराहना कर रहे हैं.