डिंडौरी। आदिवासी जिला डिंडौरी के एक छोटे से गांव से निकली बेटी ने आज वो मुकाम हासिल किया है, जिसे पाने के लिए लोग पूरा जीवन मेहनत करने में गुजार देते हैं, राजेश्ववरी भी उन्ही में से एक हैं जिन्हें विक्रम अवार्ड 2019 के लिए चयनित किया गया है. राजेश्वरी कुशराम ने महज 25 साल की उम्र में विक्रम अवार्ड अपने नाम किया है.
राजेश्वरी गाड़ासरई थाना क्षेत्र के ग्राम किकरा तालाब की रहने वाली हैं, जिनके माता-पिता पेशे से एक किसान हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में राजेश्वरी ने बताया कि उसने गांव के छोटे से तालाब से झीलों की नगरी भोपाल तक का सफर किस तरह से तय किया और राज्य से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडलों की बौछार लगा दी.
तालाब से शुरु की तैराकी
राजेश्वरी ने बताया कि उनकी शुरुआती पढ़ाई उनके गांव किकरा तालाब में हुई है, जहां वे पढ़ाई के दौरान गांव के ही छोटे से तालाब में तैरना सीख रही थीं. राजेश्वरी के पिता अजय सिंह इसके लिए नाराज भी हुआ करते थे, लेकिन इसके बाद भी राजेश्वरी ने तालाब में तैरना नही छोड़ा. राजेश्वरी ने बताया कि तालाब में तैरने के दौरान एक बार वे डूबने भी लगी थीं, उस दौरान उनके चाचा ने उन्हें बचाया और तैराकी सीखने में मदद की.
2013 में तैराकी के लिए हुआ चयन
राजेश्वरी कुशराम ने बताया कि जब वे मोहतरा के हाईस्कूल में 12वीं कक्षा में अध्ययनरत रहीं. उसी दौरान संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण विभाग भोपाल से आई टीम के द्वारा वर्ष 1 सितंबर 2013 में टेलेंट सर्च के दौरान तैराकी के लिए उन्हें चयनित किया. जिसके बाद राजेश्वरी को मध्यप्रदेश राज्य वाटर स्पोर्ट एकेडमी भेजा गया.
केनोइंग कयाकिंग गेम में दिखाई प्रतिभा
भोपाल तात्या टोपे एकेडमी में कुशल प्रशिक्षकों देवेंद्र गुप्ता, जीएल यादव, मयंक ठाकुर, मोहन साक्य, पीयूष, मनोज सक्सेना ने राजेश्वरी को तैराकी के साथ-साथ केनोइंग कयाकिंग गेम के लिए प्रेरित किया और उसे लगातार इसके लिए ट्रेनिंग भी दी गई. भोपाल एकेडमी में अच्छे और कुशल प्रशिक्षकों ने 2013 से राजेश्वरी कुशराम को एक होनहार महिला खिलाड़ी के रूप में उभारा, जिसके बाद उसने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक राज्य से लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मानवती रही. उन्होंने कई गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मैडल जीते. जिसका नतीजा ये निकला कि राजेश्वरी कुशराम कम उम्र में विक्रम अवार्ड 2019 के लिए चयनित की गई.
केनोइंग कयाकिंग खेल में राजेश्वरी के नाम मेडल
- वर्ष 2013 में मणिपुर में जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 1 गोल्ड
- वर्ष 2014 में भोपाल राष्ट्रीय गेम में 2 गोल्ड 2 सिल्वर
- वर्ष 2015 में केरल में सीनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 2 गोल्ड 1 सिल्वर
- वर्ष 2015 में राष्ट्रीय प्रतियोगिता छत्तीसगढ़ में 2 गोल्ड 2 सिल्वर
- वर्ष 2016 में भोपाल राष्ट्रीय सीनियर प्रतियोगिता में 2 गोल्ड
- वर्ष 2016 में इंटरनेशनल फ्रांस पेरिस में 2 गोल्ड
- वर्ष 2017 में एशियन चैम्पियनशिप चाइना भागीदारी
- वर्ष 2017 में वालहु चैपियनशिप चाइना में 2 ब्रॉन्ज
- वर्ष 2018 में दिल्ली में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 2 गोल्ड