डिंडौरी। आदिवासी बाहुल्य इस जिले में जल संकट दिनों दिन गहराता जा रहा है, एक तरफ नदी-नाले सूखने की कगार पर हैं तो दूसरी तरफ लोग सूखा गला तर करने के लिए पथरीली जमीन से बूंद-बूंद रिस रहे पानी का इंतजार कर रहे हैं. डिंडौरी नगर सहित ग्रामीण इलाकों में पानी की समस्या विकराल रूप ले रही है, बजाग विकास खंड के कारोपानी गांव में विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग पानी के लिए रोजाना जिंदगी से जंग लड़ने को मजबूर हैं.
भले ही राष्ट्रपति की दत्तक संतानें प्यास से व्याकुल हैं, लेकिन सरकार इनकी सुविधा के लिए पानी की तरह पैसा बहा रही है और इन्हें बूंद-बूंद पानी के लिए रोजाना जद्दोजहद करनी पड़ रही हैं, जबकि पीएचई विभाग के अधिकारी क्या कह रहे हैं, वो भी सुन लीजिए.
बैगा जनजाति जिसे विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा प्राप्त है, इन्हें बचाने के लिए सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है, लेकिन धरातल पर इसका असर कम ही दिखाई पड़ता है. कारोपानी पंचायत के बैगान टोला में लोगों को दो वक्त की रोटी-पानी भी मयस्सर नहीं हो रहा है.