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बिना सड़क के पिछले चार साल से बनाई जा रही पुलिया, ग्राणीणों को सड़क का इंतजार

डिंडौरी जिले की अमरपुर जनपद के बरबसपुर गांव में एक नाले पर लाखों रुपये की लागत से बिना सड़क के ही पुलिया बना दी गई, जिसका कोई उपयोग ही नहीं है. पुलिया बनने से भले ही ग्रामीणों को कोई फायदा नहीं है, पर इस तरह का निर्माण भ्रष्टाचार की ओर इशारा जरूर कर रहा है.

Culvert became without road
बिना सड़क के बन गई पुलिया
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Published : Jun 22, 2020, 1:00 AM IST

डिंडौरी। एक तरफ सरकारें गांवों की हालत सुधारने के लिए बेहतर सड़कें बनाने का डिंडौरा पीटती हैं वहीं दूसरी तरफ जमीनी हालात बिलकुल इसके उलट दिखाई देते हैं. ताजा मामला आदिवासी जिला डिंडौरी से सामने आया है, जहां बिना उपयोग के एक पुलिया का निर्माण हो रहा है, जिसका काम एक साल से अटका पड़ा है. ये पूरा मामला डिंडौरी के बरबसपुर का है, जहां सरकारी पैसे का गलत उपयोग किया जा रहा है. क्योंकि यहां बिना सड़क के पुलिया बनाई जा रही है, जबकि ग्राणीमों को पिछले कई सालों से सड़क का इंतजार है. हद तो तब हो गई जब पूरे मामले में गांव की महिला सरपंच गनसी बाई को निर्माण संबंधी कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि काम पूरा उनके पति संभालते हैं. वहीं अमरपुर सीईओ ने पहले तो पंचायत का पक्ष लिया बाद में जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया.

पुलिया के नाम पर भ्रष्टाचार

गांव में नही पक्की सड़क
ग्रामीण आज भी अपने गांव मे पक्की सड़क को मोहताज हैं, गांव को मेन रोड़ से जोड़ने के लिए आज तक पक्की सड़क नही बनाई गई है, जबकि इसकी मांग बरबसपुर के ग्रामीण कई वर्षों से कर रहे हैं. ग्रामीणों की मानें तो वे कई सालों से बदहाली से जूझ रहा है, क्योंकि गांव में सड़क, पानी और सुविधा नहीं है. पंचायत के प्रतिनिधि इस समय केवल और केवल पुलिया, स्टापडेम, चेकडैम सब कुछ केवल एक ही नाले में बनाने पर आमादा हैं, जिसकी कोई जरूरत नही है.

Culvert became without road
बिना सड़क के बन गई पुलिया
लाखों रुपये पुलिया में खर्चजानकारी के अनुसार एक नाले पर बनाई जा रहीं 2 पुलिया, 1चेक डेम और 2 स्टॉप डेम के मटेरियल के लिए सप्लायर को लाखों रुपये का भुगतान किया जा चुका है. लेकिन कोई भी कार्य अब तक पूर्ण नही हो सका. वहीं जनभागीदारी से भी बीते वर्ष बनाई गई पुलिया भी जर्जर और गुणवत्ताहीन है. मजदूरों की जगह जेसीबी से काम लिया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को रोजगापर भी नहीं मिल रह है. किसी भी गांव के विकास की राह उसकी सड़क पर निर्भर करती है. बेहतर सड़क जो गांव से शहर तक लोगो को जोड़ती है, लेकिन इन दिनों अमरपुर जनपद के बरबसपुर में एक नाले पर लाखों रुपये की लागत से बिना सड़क के ही पुलिया बना दी गई, जिनका कोई उपयोग ही नहीं. पुलिया बनने से भले ही ग्रामीणों को कोई फायदा नहीं है, पर इस तरह के निर्माण मटेरियल सप्लायर, सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक के भ्रष्टाचार की ओर इशारा जरूर कर रहा है.

डिंडौरी। एक तरफ सरकारें गांवों की हालत सुधारने के लिए बेहतर सड़कें बनाने का डिंडौरा पीटती हैं वहीं दूसरी तरफ जमीनी हालात बिलकुल इसके उलट दिखाई देते हैं. ताजा मामला आदिवासी जिला डिंडौरी से सामने आया है, जहां बिना उपयोग के एक पुलिया का निर्माण हो रहा है, जिसका काम एक साल से अटका पड़ा है. ये पूरा मामला डिंडौरी के बरबसपुर का है, जहां सरकारी पैसे का गलत उपयोग किया जा रहा है. क्योंकि यहां बिना सड़क के पुलिया बनाई जा रही है, जबकि ग्राणीमों को पिछले कई सालों से सड़क का इंतजार है. हद तो तब हो गई जब पूरे मामले में गांव की महिला सरपंच गनसी बाई को निर्माण संबंधी कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि काम पूरा उनके पति संभालते हैं. वहीं अमरपुर सीईओ ने पहले तो पंचायत का पक्ष लिया बाद में जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया.

पुलिया के नाम पर भ्रष्टाचार

गांव में नही पक्की सड़क
ग्रामीण आज भी अपने गांव मे पक्की सड़क को मोहताज हैं, गांव को मेन रोड़ से जोड़ने के लिए आज तक पक्की सड़क नही बनाई गई है, जबकि इसकी मांग बरबसपुर के ग्रामीण कई वर्षों से कर रहे हैं. ग्रामीणों की मानें तो वे कई सालों से बदहाली से जूझ रहा है, क्योंकि गांव में सड़क, पानी और सुविधा नहीं है. पंचायत के प्रतिनिधि इस समय केवल और केवल पुलिया, स्टापडेम, चेकडैम सब कुछ केवल एक ही नाले में बनाने पर आमादा हैं, जिसकी कोई जरूरत नही है.

Culvert became without road
बिना सड़क के बन गई पुलिया
लाखों रुपये पुलिया में खर्चजानकारी के अनुसार एक नाले पर बनाई जा रहीं 2 पुलिया, 1चेक डेम और 2 स्टॉप डेम के मटेरियल के लिए सप्लायर को लाखों रुपये का भुगतान किया जा चुका है. लेकिन कोई भी कार्य अब तक पूर्ण नही हो सका. वहीं जनभागीदारी से भी बीते वर्ष बनाई गई पुलिया भी जर्जर और गुणवत्ताहीन है. मजदूरों की जगह जेसीबी से काम लिया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को रोजगापर भी नहीं मिल रह है. किसी भी गांव के विकास की राह उसकी सड़क पर निर्भर करती है. बेहतर सड़क जो गांव से शहर तक लोगो को जोड़ती है, लेकिन इन दिनों अमरपुर जनपद के बरबसपुर में एक नाले पर लाखों रुपये की लागत से बिना सड़क के ही पुलिया बना दी गई, जिनका कोई उपयोग ही नहीं. पुलिया बनने से भले ही ग्रामीणों को कोई फायदा नहीं है, पर इस तरह के निर्माण मटेरियल सप्लायर, सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक के भ्रष्टाचार की ओर इशारा जरूर कर रहा है.
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