डिंडौरी। एक तरफ सरकारें गांवों की हालत सुधारने के लिए बेहतर सड़कें बनाने का डिंडौरा पीटती हैं वहीं दूसरी तरफ जमीनी हालात बिलकुल इसके उलट दिखाई देते हैं. ताजा मामला आदिवासी जिला डिंडौरी से सामने आया है, जहां बिना उपयोग के एक पुलिया का निर्माण हो रहा है, जिसका काम एक साल से अटका पड़ा है. ये पूरा मामला डिंडौरी के बरबसपुर का है, जहां सरकारी पैसे का गलत उपयोग किया जा रहा है. क्योंकि यहां बिना सड़क के पुलिया बनाई जा रही है, जबकि ग्राणीमों को पिछले कई सालों से सड़क का इंतजार है. हद तो तब हो गई जब पूरे मामले में गांव की महिला सरपंच गनसी बाई को निर्माण संबंधी कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि काम पूरा उनके पति संभालते हैं. वहीं अमरपुर सीईओ ने पहले तो पंचायत का पक्ष लिया बाद में जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया.
गांव में नही पक्की सड़क
ग्रामीण आज भी अपने गांव मे पक्की सड़क को मोहताज हैं, गांव को मेन रोड़ से जोड़ने के लिए आज तक पक्की सड़क नही बनाई गई है, जबकि इसकी मांग बरबसपुर के ग्रामीण कई वर्षों से कर रहे हैं. ग्रामीणों की मानें तो वे कई सालों से बदहाली से जूझ रहा है, क्योंकि गांव में सड़क, पानी और सुविधा नहीं है. पंचायत के प्रतिनिधि इस समय केवल और केवल पुलिया, स्टापडेम, चेकडैम सब कुछ केवल एक ही नाले में बनाने पर आमादा हैं, जिसकी कोई जरूरत नही है.