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डिंडौरी: बैगा आदिवासी महिलाओं को नहीं मिल रहा पोषण आहार के लिए दी जाने वाली सहायता राशि

समनापुर जनपद क्षेत्र के खामहा पंचायत के गांव बीतलबहरा की बैगा आदिवासी महिलाएं पोषण आहार की एक हजार रुपये की राशि पाने 1 साल से सरकारी दफ्तारों के चक्कर लगा रही है. मंगलवार को अपनी मांग को लेकर एक बार फिर बैगा महिलाएं जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंची.

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Published : Apr 23, 2019, 7:21 PM IST

बैगा विकास अभिकरण

डिंडौरी। समनापुर जनपद क्षेत्र के खामहा पंचायत के गांव बीतलबहरा की बैगा आदिवासी महिलाएं सरकार से मिलने वाली पोषण आहार की एक हजार रुपये की राशि पाने 1 साल से सरकारी दफ्तारों के चक्कर काटने को मजबूर हैं. उनका आरोप है कि ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव से लेकर जनपद सीईओ द्वारा अब तक इनकी कोई बात नहीं सुनी गई है. वहीं मंगलवार को अपनी मांग को लेकर एक बार फिर बैगा महिलाएं जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंची.

समाज सेवी अशोक सरैया ने बताया कि बैगाओं को मिलने वाली पोषण आहार की 1 हजार रुपये की राशि इन्हें नहीं मिल पा रही है, जिसके लिए ये बैगा महिलाओं को बीते 1 साल से परेशान होना पड़ रहा है. वहीं इस योजना का लाभ नहीं मिलने से बैगा महिलाओं और उनके बच्चों के स्वास्थ्य में अब तक कोई सुधार नहीं हो पाया है. वहीं जिले के सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके का कहना है कि बैगा महिलाओं को जल्द योजना का लाभ मिलेगा.

बैगा विकास अभिकरण

बता दें कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से एक साल पहले पूर्व बीजेपी सरकार द्वारा पोषण आहार योजना की शुरूआत की गई थी. जिससे बैगा महिलाओं और उनके बच्चों को शारीरिक लाभ दिया जाता है. यह बैगा आदिवासियों को राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता है. केंद्र से लेकर राज्य तक इनके लिए खाने-पीने से लेकर इन्हें संरक्षित करने की विशेष योजनाएं शासन के द्वारा चलाई जाती हैं. इसके बावजूद बैगा महिलाओं को अपने योजनाओं का लाभ पाने पंचायत से लेकर सीईओ जनपद कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे है.

डिंडौरी। समनापुर जनपद क्षेत्र के खामहा पंचायत के गांव बीतलबहरा की बैगा आदिवासी महिलाएं सरकार से मिलने वाली पोषण आहार की एक हजार रुपये की राशि पाने 1 साल से सरकारी दफ्तारों के चक्कर काटने को मजबूर हैं. उनका आरोप है कि ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव से लेकर जनपद सीईओ द्वारा अब तक इनकी कोई बात नहीं सुनी गई है. वहीं मंगलवार को अपनी मांग को लेकर एक बार फिर बैगा महिलाएं जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंची.

समाज सेवी अशोक सरैया ने बताया कि बैगाओं को मिलने वाली पोषण आहार की 1 हजार रुपये की राशि इन्हें नहीं मिल पा रही है, जिसके लिए ये बैगा महिलाओं को बीते 1 साल से परेशान होना पड़ रहा है. वहीं इस योजना का लाभ नहीं मिलने से बैगा महिलाओं और उनके बच्चों के स्वास्थ्य में अब तक कोई सुधार नहीं हो पाया है. वहीं जिले के सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके का कहना है कि बैगा महिलाओं को जल्द योजना का लाभ मिलेगा.

बैगा विकास अभिकरण

बता दें कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से एक साल पहले पूर्व बीजेपी सरकार द्वारा पोषण आहार योजना की शुरूआत की गई थी. जिससे बैगा महिलाओं और उनके बच्चों को शारीरिक लाभ दिया जाता है. यह बैगा आदिवासियों को राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता है. केंद्र से लेकर राज्य तक इनके लिए खाने-पीने से लेकर इन्हें संरक्षित करने की विशेष योजनाएं शासन के द्वारा चलाई जाती हैं. इसके बावजूद बैगा महिलाओं को अपने योजनाओं का लाभ पाने पंचायत से लेकर सीईओ जनपद कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे है.

Intro:एंकर _ भाजपा सरकार में बैगाओं के लिए बनी योजना का लाभ पाने आज भी बैगा महिलाओ को दफ्तर दफ्तर चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ रहा है। जिन बैगाओं के लिए योजनाएं चल रही है जिनके लिए दफ्तर खोले गए है वही बैगा अधिकारियों के सालो से चक्कर लगा रहे है। ताजा मामला डिंडौरी जिले के समनापुर जनपद क्षेत्र के खामहा पंचायत के गाँव बीतलबहरा का है जहाँ आधा दर्जन बैगा महिलाए सरकार से मिलने वाली पोषण आहार की 1 हजार रुपये की राशि पाने 1 साल से सरकारी दफ्तारो के चक्कर काटने मजबूर है।आरोप है कि ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव से लेकर जनपद सीईओ ने इनकी अब तक नही सुनी।


Body:वि ओ 01 जिला कलेक्ट्रेट स्थित सहायक आयुक्त विभाग में बैठी ये आधा दर्जन महिलाए कोई आम महिलाए नही है।ये बैगा महिलाए है जिन्हें राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता है।केंद्र से लेकर राज्य तक इनके लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही है।इनके खाने पीने से लेकर इन्हें संग्रक्षित करने की योजनाए शासन चला रही है। लेकिन विशेष पिछड़ी जनजाति की बैगा महिलाए अपनी योजनाओं को पाने के लिए पिछले एक साल से पंचायत से लेकर सीईओ जनपद कार्यालय के चक्कर काटने मजबूर है। कैमरे में ज्यादा कुछ नही बोल पाने के कारण साथ मे आये समाज सेवी अशोक सरैया ने बताया कि बैगाओं को मिलने वाली पोषण आहार की 1 हजार रुपये की राशि इन्हें नही मिल पा रही है। जिसके लिए ये बैगा महिलाओ को बीते 1 साल से परेशान होना पड़ रहा है ।वही जिले के सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके से मिलने पर बैगा महिलाओ को उम्मीद है कि उन्हें अब जल्द योजना का लाभ मिलेगा।

वि ओ 02 _ हैरत की बात है कि कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से बीते एक साल पहले भाजपा सरकार द्वारा चलाई जा रही पोषण आहार योजना जिनसे बैगा महिलाओ और उनके बच्चो को शारीरिक लाभ मिलता।आरोप है कि योजना का लाभ नही मिलने से बैगा महिलाओ और उनके बच्चों के स्वास्थ्य में अब तक कोई सुधार नही हो पाया है तो सरपंच सचिव और सीईओ जनपद की लापरवाही से भला कैसे उम्मीद की जाए सरकार जिन योजनाओं को चला रही है वह उनके लिए कारगर साबित होगी।


Conclusion:बाइट 01 अशोक सरैया,आम नागरिक
बाइट 02 अमर सिंह उइके_सहायक आयुक्त जिला डिंडौरी
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