डिंडौरी। समनापुर जनपद क्षेत्र के खामहा पंचायत के गांव बीतलबहरा की बैगा आदिवासी महिलाएं सरकार से मिलने वाली पोषण आहार की एक हजार रुपये की राशि पाने 1 साल से सरकारी दफ्तारों के चक्कर काटने को मजबूर हैं. उनका आरोप है कि ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव से लेकर जनपद सीईओ द्वारा अब तक इनकी कोई बात नहीं सुनी गई है. वहीं मंगलवार को अपनी मांग को लेकर एक बार फिर बैगा महिलाएं जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंची.
समाज सेवी अशोक सरैया ने बताया कि बैगाओं को मिलने वाली पोषण आहार की 1 हजार रुपये की राशि इन्हें नहीं मिल पा रही है, जिसके लिए ये बैगा महिलाओं को बीते 1 साल से परेशान होना पड़ रहा है. वहीं इस योजना का लाभ नहीं मिलने से बैगा महिलाओं और उनके बच्चों के स्वास्थ्य में अब तक कोई सुधार नहीं हो पाया है. वहीं जिले के सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके का कहना है कि बैगा महिलाओं को जल्द योजना का लाभ मिलेगा.
बता दें कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से एक साल पहले पूर्व बीजेपी सरकार द्वारा पोषण आहार योजना की शुरूआत की गई थी. जिससे बैगा महिलाओं और उनके बच्चों को शारीरिक लाभ दिया जाता है. यह बैगा आदिवासियों को राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता है. केंद्र से लेकर राज्य तक इनके लिए खाने-पीने से लेकर इन्हें संरक्षित करने की विशेष योजनाएं शासन के द्वारा चलाई जाती हैं. इसके बावजूद बैगा महिलाओं को अपने योजनाओं का लाभ पाने पंचायत से लेकर सीईओ जनपद कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे है.