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बारिश के लिए भगवान की शरण में पहुंचे ग्रामीण, मान्यताओं के अनुसार की पूजा-अर्चना - Puja for rain on the basis of old beliefs in Dhar

नर्मदा किनारे स्थित भगवान चिंतामन ऋषि महाराजा का नर्मदा के जल से तब तक अभिषेक किया जब तक कि अभिषेक का जल बहते-बहते दोबारा जाकर नर्मदा में नही मिला जाता. क्षेत्र में अच्छी बारिश और खुशहाली की कामना से ऐसा किया गया.

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Published : Jul 15, 2019, 11:42 PM IST

धार। धरमपुरी में लोगों ने पुरानी मान्यताओं के आधार पर नर्मदा किनारे स्थित भगवान चिंतामन ऋषि महाराजा का नर्मदा के जल से तब तक अभिषेक किया जब तक अभिषेक का जल बहते-बहते दोबारा जाकर नर्मदा में नही मिला जाता. पौराणिक मान्यता के आधार पर ऐसा करने से क्षेत्र में अच्छी बारिश होती है और खुशहाली भी आती है.

बारिश के लिए भगवान की शरण में पहुंचे ग्रामीण

इसी मान्यता के आधार पर लोगों ने मानव श्रंखला बनाकर बाल्टियों की सहायता से एक-एक बाल्टी कर भगवान श्री चिंतामन ऋषि महाराज का जलाभिषेक किया और क्षेत्र में अच्छी बारिश की कामना के लिए भगवान चिंतामन ऋषि महाराज की पूजा अर्चना की. भगवान श्री चिंतामन ऋषि महाराज का नर्मदा के जल से जलाभिषेक का यह क्रम कई सालों से चला आ रहा है और मान्यता है कि ऐसा करने से अच्छी बारिश होती है.

जुलाई महीने के पहले सप्ताह में अच्छी बारिश हुई, लेकिन उसके बाद बारिश ने अपना रुख बादल लिया. जिससे क्षेत्र के किसानों के साथ लोगों की चिंता भी बढ़ गई है. लोगों को अब अच्छी बारिश की आश है, इस आशा में अब लोग पौराणिक मान्यताओं के आधार पर पूजा अर्चना में जुट गए हैं.

धार। धरमपुरी में लोगों ने पुरानी मान्यताओं के आधार पर नर्मदा किनारे स्थित भगवान चिंतामन ऋषि महाराजा का नर्मदा के जल से तब तक अभिषेक किया जब तक अभिषेक का जल बहते-बहते दोबारा जाकर नर्मदा में नही मिला जाता. पौराणिक मान्यता के आधार पर ऐसा करने से क्षेत्र में अच्छी बारिश होती है और खुशहाली भी आती है.

बारिश के लिए भगवान की शरण में पहुंचे ग्रामीण

इसी मान्यता के आधार पर लोगों ने मानव श्रंखला बनाकर बाल्टियों की सहायता से एक-एक बाल्टी कर भगवान श्री चिंतामन ऋषि महाराज का जलाभिषेक किया और क्षेत्र में अच्छी बारिश की कामना के लिए भगवान चिंतामन ऋषि महाराज की पूजा अर्चना की. भगवान श्री चिंतामन ऋषि महाराज का नर्मदा के जल से जलाभिषेक का यह क्रम कई सालों से चला आ रहा है और मान्यता है कि ऐसा करने से अच्छी बारिश होती है.

जुलाई महीने के पहले सप्ताह में अच्छी बारिश हुई, लेकिन उसके बाद बारिश ने अपना रुख बादल लिया. जिससे क्षेत्र के किसानों के साथ लोगों की चिंता भी बढ़ गई है. लोगों को अब अच्छी बारिश की आश है, इस आशा में अब लोग पौराणिक मान्यताओं के आधार पर पूजा अर्चना में जुट गए हैं.

Intro:अच्छी बारीश के लीये पौराणिक मान्यताओं के आधार पर लोगो ने भगवान चिन्तण गणेश का किया माँ नर्मदा के जल से अभिषेक,ऐसा करने से होती है छेत्र में अच्छी बारिश,


Body:जुलाई महीने के पहले सप्ताह में अच्छी बारिश हुई,परंतु उसके बाद बारिश ने अपना रुक बादला,जिससे छेत्र के किसानो के साथ लोगो कि चिंता बढ़ गई,लोगो को अब अच्छी बारिश की आश है,इस आशा में अब लोग पौराणिक मान्यताओ को आधार पर पूजा अर्चना में जुट गए हैं ,इसी कड़ी में धार के धरमपुरी में लोगों ने पुरानी मान्यताओं के आधार पर नर्मदा किनारे स्थित भगवान चिंतामन ऋषि महाराजा का नर्मदा के जल से तब तक अभिषेक किया जब तक अभिषेक का जल बहते-बहते पुन जा कर नर्मदा में नही मिला जाता, पौराणिक मान्यता के आधार पर ऐसा करने से क्षेत्र में अच्छी बारिश होती है और खुशहाली भी आती है इसी मान्यता के आधार पर लोगों ने मानव श्रंखला बनाकर बाल्टीयो की सहायता से एक-एक बाल्टी कर भगवान श्री चिंतामन ऋषि महाराज का जलाभिषेक किया और क्षेत्र में अच्छी बारिश की कामना के लिए भगवान चिंतामन ऋषि महाराज की पूजा अर्चना करी ,भगवान श्री चिंतामन ऋषि महाराज का नर्मदा के जल से जलाभिषेक का यह क्रम कई वर्षों से चला आ रहा ओर ऐसा करने से अच्छी बारिश होती है।



Conclusion:बाइट-01-विनीत व्यास-पंडित
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