धार। लॉकडाउन की वजह से पर्यटकों से गुलजार रहने वाला मांडू नगर पूरी तरीके से शांत हो चुका है. कभी यहां पर चारों ओर पर्यटकों की चहल-पहल की गूंज सुनाई देती थी, कोरोना वायरस के प्रभाव से बचने के लिए मांडू पूरी तरीके से लॉकडाउन किया गया है और आर्कोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया ने मांडू की सारी पौराणिक धरोहरों को लॉकडाउन के चलते पूरी तरीके से बंद कर दिया गया है.
जिससे मांडू में रहने वाले होटल व्यवसाई, पर्यटकों को मांडू की जानकारी देने वाले गाइड और मांडू में छोटी मोटी दुकान लगाकर व्यापार करने वाले लोगों के आगे अब रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. ऐसा पहली बार हुआ है जब मांडू इतने लंबे समय तक पूर्ण रूप से बंद हुआ है, जिन पौराणिक धरोहरों में कभी पर्यटक रानी रूपमती और बाज बहादुर के संगीत प्रेम की गाथाओं को सुनते थे, मांडव में स्थित पौराणिक धरोहरों में हिंदू-मुस्लिम संस्कृति का मिलाजुला रूप देखकर पर्यटक खुद को प्रफुल्लित महसूस करते थे.
आज उसी मण्डू में वीरानी छा गई है, चारों ओर सन्नाटा पसर गया है और मांडू वासियों को अब लॉकडाउन खुलने का इंतजार है. जिन पौराणिक धरोहरों में कभी राजा महाराजा काल में परमार और मुगल राजाओं का राज चलता था. आज लॉकडाउन की वजह से उन इमारतों में आज बिल्कुल भी हलचल नहीं है.