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तीन दिनों की बारिश में पानी-पानी फसलें, गृहस्थी हो रही तबाह, किसान परेशान - किसान

धार में तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, ये बारिश किसानों के लिए आफत बन गई है.

पानी-पानी फसलें
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Published : Aug 11, 2019, 10:05 AM IST

धार। जिले के कई इलाके भारी बारिश की चपेट में हैं. भू-अभिलेख कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 680.5 मिलीमीटर औसतन बारिश दर्ज की गई है. बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं. नर्मदा का जलस्तर भी पल पल बढ़ रहा है.

तीन दिनों की बारिश में पानी-पानी फसलें

लगातार हो रही बारिश के चलते फसलें पानी पानी हो गयी हैं, जिससे फसलें खराब हो रही हैं. इस स्थिति में किसान चाहता है कि कुछ दिनों के लिए बारिश रूक जाए, ताकि कपास-मक्का और अन्य फसलों को सड़ने से बचाया जा सके.

धार। जिले के कई इलाके भारी बारिश की चपेट में हैं. भू-अभिलेख कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 680.5 मिलीमीटर औसतन बारिश दर्ज की गई है. बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं. नर्मदा का जलस्तर भी पल पल बढ़ रहा है.

तीन दिनों की बारिश में पानी-पानी फसलें

लगातार हो रही बारिश के चलते फसलें पानी पानी हो गयी हैं, जिससे फसलें खराब हो रही हैं. इस स्थिति में किसान चाहता है कि कुछ दिनों के लिए बारिश रूक जाए, ताकि कपास-मक्का और अन्य फसलों को सड़ने से बचाया जा सके.

Intro:पिछले 3 दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर ,अन्नदाताओं के खेतों में भी घुसा बारिष का पानी ,अन्नदाता परेशान


Body:धार में पिछले 3 दिनों से बारिश का दौर जारी है कभी तेज तो कभी धीरे-धीरे बारिश का क्रम चल रहा है, भू-अभिलेख कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 1 जून से अभी तक जिले में 680.5 मि.मी औसत बारिश दर्ज की गई है, लगातार हो रही बारिश के चलते जहां नदी-नाले उफान पर है तो नर्मदा का भी जलस्तर बढ़ा है जहां देखो चारों तरफ पानी ही पानी हो रहा है तेज बारिश के चलते हैं अन्नदाताओं की खेतों में भी पानी जमा हो गया है जिसके चलते उनकी फसलें खराब हो रही है अधिक बारिश होने के चलते जहां किसानों की फसलें खराब होने की स्थिति में आ गई है तो वही मक्का भी अब खेतों में जमा पानी में सड़ कर खराब होने की स्थिति में आ गई है अब अन्नदाता चाहते हैं कि इंद्रदेव बारिश के क्रम को दो-तीन दिन के लिए रोक दें, ताकि उनके खेतों में जमा हुआ बारिष का पानी बाहर हो सके, जिससे अन्नदाताओं की कपास-मक्का और अन्य फसलों को बारिश के पानी में खराब होने से बचाया जा सके, यदि अन्नदाताओ की फसलें बारिश के पानी में खराब होने से बच सकती है तो उन्हें किसी नये कर्ज के बोझ के तले नहीं दबना पड़ेगा और यदि बारिश का क्रम जारी रहा तो अन्नदाताओं की फसलें जरूर नष्ट हो जाएगी और उन्हें नुकसान झेलना पड़ेगा ,अब अन्नदाता चाहता है कि कुछ दिनों के लिए बारिश का क्रम रुके।


Conclusion:बाइट-01-गोलू पटेल-किसान
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