धार। भारत कृषि प्रधान देश है, भारत की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है, इसलिए भारत में उन्नत किसान अब पारंपरिक खेती के साथ में कृषि के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग कर कम लागत में आमदनी बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. इसी कड़ी में धार जिले के एक छोटे से गांव सुंद्रेल के किसान शिव पाटीदार ने 10 एकड़ कृषि भूमि में पॉली हाउस और नेट हाउस बनाकर सब्जियों के पौधे तैयार कर रहे हैं और आसपास के किसानों को सस्ते दाम में पौधे उपलब्ध कराकर करोड़ों का मुनाफा कमा रहे हैं.
शिव पाटीदार ने सब्जियों के पौध तैयार करने की ठानी और इसके लिए बकायदा उन्होंने पहले आधा एकड़ कृषि भूमि पर नर्सरी में पौध तैयार करने की पूरी प्रक्रिया शरू की. बारीकियों को समझने और उसमें होने वाले नफा नुकसान, तकनीकी ज्ञान पाने के लिए शिव ने रायपुर और महाराष्ट्र की कई नर्सरियों का दौरा किया और वहां से ट्रेनिंग प्राप्त की. शिव ने ट्रेनिंग में सिखाई गई तकनीकी को अपनी नर्सरी में प्रयोग में लाया और अब किसान शिव इससे करोड़ों का मुनाफा कमा रहे हैं.
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पारंपरिक खेती से ज्यादा पौध में लाभ
छोटे से गांव सुंद्रेल के उन्नत किसान शिव पाटीदार ने बताया कि पारंपरिक खेती में समय के साथ-साथ खर्च बढ़ता जा रहा है और मुनाफा कम होता जा रहा है, जिसके चलते उनका पारंपरिक खेती से मोह भंग हुआ और उन्होंने सब्जियों के पौध तैयार करने में रुचि ली. शिव पाटीदार ने बताया शुरुआती समय में उन्होंने आधा एकड़ कृषि भूमि में नर्सरी तैयार की, जिसमें उन्होंने टमाटर, करेला, मिर्च, बैगन, गोभी के पौधे तैयार किए उसकी सफलता के के बाद वे10 एकड़ कृषि भूमि पर पॉलीहाउस और नेट हाउस में फसल तैयार करने लगे. अब शिव मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र राजस्थान,गुजरात के किसानों को सस्ते दाम में पौधे उपलब्ध करा रहे हैं.
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ऑटोमेटिक नर्सरी प्लांट
किसान शिव पाटीदार बताते हैं कि उन्होंने शासन कि योजनाओ के माध्यम से 4 एकड़ पर पॉलीहाउस और 4 एकड़ पर नेट हाउस की नर्सरी तैयार की, जहां पौध तैयार करने के लिए वह कोको पेट का उपयोग करते हैं, इसके अलावा उन्होंने नर्सरी में इजराइल तकनीक पर आधारित ऑटोमेटिक कूलिंग सिस्टम भी लगा रखा है, जिससे पौधो को बेहतर वातावरण मिल सके. वहीं पौधों को उपयुक्त मात्रा में पानी, खाद,कीटनाशक देने के लिए भी ऑटोमेटिक मशीनें का प्रयोग किया जाता है. जिससे क्वालिटी युक्त पौधा तैयार करके किसानों को उपलब्ध कराया जाता है.
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रिस्क कम, आमदनी ज्यादा
नर्सरी के संचालक किसान शिव पाटीदार बताते हैं कि जब से उन्होंने अपनी पारंपरिक खेती के साथ सब्जियों के पौध तैयार करने का काम शुरू किया है, तब से उनको बड़ा मुनाफा हो रहा है. वह बताते हैं 10 एकड़ भूमि में तैयार सब्जियों के पौध बेचकर डबल मुनाफा कमा लिया है. वहीं नर्सरी में नेट हाउस और पाली हाउस होने की वजह से मौसमी रिस्क भी कम हो जाता है, जिससे उनको नुकशान की आशंका कम हो जाती है और एक फिक्स आमदनी होती रहती है.
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ग्रामीणों को मिला रोजगार
उन्नत किसान शिव पाटीदार बताते हैं कि उनकी शिव नर्सरी में जब से सब्जियों की पौधे तैयार करने का काम शुरू हुआ है, तब से ही नर्सरी के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिला है. उनकी नर्सरी में साल भर किसी न किसी प्रकार के पौधे तैयार होते रहते हैं, जिसके स्थानीय लोगों को ही रोजगार भी मिलता रहता है. अभी नर्सरी के जरिए गांव के 80 परिवारों को रोजगार भी मिला है. इसके अलावा ट्रांसपोटेशन आदि में स्थानीय लोगों को रोजगार की आमदनी बनी रहती है.
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उद्यानिकी और कृषि अधिकारी करते हैं तारीफ
धार उद्यानिकी विभाग के उप संचालक कालू सिंह मंडलोई और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक केएस किराड़ शिव पाटीदार की शिव नर्सरी की जमकर तारीफ करते हैं. उनका कहना है कि किसान शिव पाटीदार ने पारंपरिक खेती के साथ में सब्जियों की पौधे तैयार करने के लिए जो नर्सरी तैयार की है, वह एक सराहनीय कदम है. वह नर्सरी के माध्यम से सालाना बड़ा मुनाफा कमा रहे हैं, वहीं वह अन्य किसानों के लिए भी एक आदर्श किसान के बनकर उभरे हैं. नर्सरी के माध्यम से किसानों को क्वालिटी युक्त सब्जी की फसल के लिए सस्ते दामो में पौध मिल रहे हैं, जिससे किसान गुणवत्ता युक्त सब्जियां तैयार कर बाजार में बेचकर बड़ा मुनाफा कमा रहे हैं.
शिव पाटीदार इसी सराहनीय कदम के चलते अब दूसरे किसानों के लिए आदर्श किसान बने हुए हैं और उनके इस काम की उद्यानिकी और कृषि विज्ञान केंद्र के से भी सहयोग और मिलता रहता है. इस छोटे से गांव का किसान शिव पाटीदार ने पारंपरिक खेती के साथ में सब्जियों की पौध तैयार करने का जो काम शुरू किया है, वह न सिर्फ काबिले तारीफ है, बल्कि कभी मौसम तो कभी प्रशासन की लापरवाही से लगातार घाटे में जा रहे किसानों के लिए सफलता का मंत्र भी है.