धार। देशभर में फैली कोरोना महामारी ने हर क्षेत्र को अपनी चपेट में लेकर प्रभावित किया है. खेल का क्षेत्र भी इस कोरोना संक्रमण की चपेट से अछूता नहीं है. देश-विदेश में होने वाली तमाम चैंपियनशिप और कई आयोजन तेजी से फैलते इस संक्रमण के कारण स्थगित कर दिए गए, जिसके चलते लगातार कई महीनों से जमकर प्रैक्टिस कर रहे खिलाड़ियों को निराशा हुई. वहीं बैडमिंटन की नर्सरी कही जाने वाले धार में अनलॉक होते ही एक बार फिर बैडमिंटन खिलाड़ियों ने अपने हौसलों की उड़ान भरकर प्रैक्टिस शुरू कर दी है, जिसके सामने कोरोना वायरस भी हार गया है.
शासन के निर्देशों पर शुरू हुई प्रैक्टिस
अनलॉक होते ही सरकार ने इंडोर गेम्स को शर्तों के साथ खेलने और उसकी प्रैक्टिस करने की मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद जिले में बैडमिंटन खिलाड़ियों की प्रैक्टिस एक बार फिर शुरू हुई. वहीं शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए लॉकडाउन के दौरान बैडमिंटन खिलाड़ियों को प्रैक्टिस का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई दोहरी प्रैक्टिस करके पूरी हो रही है.
लॉकडाउन से खेल प्रभावित
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा धार में बैडमिंटन हॉल बनाया गया है, जिसमें बड़ी संख्या में धार के बैडमिंटन खिलाड़ी प्रैक्टिस करते हैं. बैडमिंटन खिलाड़ियों को बैडमिंटन के गुण सिखाने वाले कोच सुधीर वर्मा बताते हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से जैसे ही लॉकडाउन लगा उससे बैडमिंटन खिलाड़ियों का खेल काफी प्रभावित हुआ. लगातार तीन महीनों तक बैडमिंटन खिलाड़ी बैडमिंटन हॉल से दूर रहे, जिस वजह से उनकी रेगुलर प्रैक्टिस प्रभावित हुई और वह खुद को फिट रखने के लिए वर्कआउट भी सही तरीके से नहीं कर पाए. इस वजह से कहीं न कहीं बैडमिंटन खिलाड़ी अनफिट हुए और बैडमिंटन की बारीकियों को भी भूल गए हैं.
पहले स्क्रीनिंग, सैनिटाइजिंग और फिर प्रैक्टिस
अनलॉक में शासन द्वारा इंडोर गेम शुरू करने के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देशों के तहत धार बैडमिंटन हॉल में सबसे पहले खिलाड़ियों की स्क्रीनिंग की जाती है, फिर उसके बाद सैनिटाइजिंग करके उन्हें बैडमिंटन हॉल में प्रवेश किया जाता है. बैडमिंटन खिलाड़ियों के फिटनेस के लिए उनको वर्क आउट भी कराया जाता है, जिसके बाद बैडमिंटन खिलाड़ी प्रैक्टिस के लिए बैडमिंटन कोर्ट में पहुंचते हैं.
शटल हुई महंगी और खिलाड़ियों में आई नकारात्मकता
बैडमिंटन कोच सुधीर वर्मा बताते हैं कि कोरोना संक्रमण की वजह से देश-विदेश में होने वाली बैडमिंटन चैंपियनशिप पर प्रतिबंध लगा हुआ है, जिससे बैडमिंटन खिलाड़ियों में नकारात्मकता की भावना पैदा हो रही है. उनका मानना है कि जब कोई चैंपियनशिप ही नहीं हो रही है तो फिर प्रैक्टिस क्यों की जाए, लेकिन अब अनलॉक में जब बैडमिंटन खिलाड़ी बैडमिंटन हॉल में आ रहे हैं तो उन्हें मोटिवेट किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि कभी भी बैडमिंटन चैंपियनशिप की शुरुआत हो सकती है. इसके लिए उन्हें भरपूर तरीके से बैडमिंटन की प्रैक्टिस करते रहना है. इस तरीके से फिजिकली और मेंटली बैडमिंटन खिलाड़ियों को प्रिपेयर किया जा रहा है. वहीं लॉकडाउन की वजह से बैडमिंटन की शटल भी काफी महंगी हो गई है, जिस वजह से अब उन्हें प्लास्टिक की शटलो से खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करवाना पड़ रही है.
प्रैक्टिस से कर रहे हैं इम्प्रूव
अनलॉक में अपनी बैडमिंटन की प्रैक्टिस को जारी करने के लिए रोजाना जिले के कई खिलाड़ी बैडमिंटन हॉल आ रहे हैं. वह यहां आकर शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए स्क्रीनिंग और सैनिटाइजिंग की प्रक्रिया के बाद ही बैडमिंटन हॉल में प्रवेश कर रहे हैं. इसके अलावा खुद को फिट रखने के लिए वह वर्क आउट भी कर रहे हैं.
बैडमिंटन खिलाड़ी खुशी सेन और कवि वर्मा बताते हैं कि लॉकडाउन में उनकी बैडमिंटन की प्रैक्टिस प्रभावित हुई है. हालांकि वे लॉकडाउन के दौरान वीडियो एप और वीडियो कॉलिंग के जरिए अपने बैडमिंटन कोच और साथियों के साथ में जुड़े रहे और घर में ही बैडमिंटन की प्रैक्टिस करते रहे. अब अपने आप को इंप्रूव करने के लिए वे बैडमिंटन कोर्ट आकर कड़ी मेहनत कर रहे हैं और सेफ्टी पॉइंट का ध्यान रखते हुए बैडमिंटन हॉल में अपने बैडमिंटन खेल को इंप्रूव कर रहे हैं.
बच्चों की रहती है चिंता
बैडमिंटन खिलाड़ी पार्थ भट्ट के पिता नैमिष भट्ट बताते हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण ने पूरे देश को प्रभावित करके रख दिया है. देशभर में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ऐसे में अब अनलॉक के दौरान बैडमिंटन खेलने के लिए आ रहे बच्चों की चिंता सताती रहती है. वहीं बच्चों का खेल भी इंप्रूव कराना है, इसलिए वह उन्हें प्रैक्टिस के लिए बैडमिंटन हॉल भेज रहे हैं.
देश-विदेश में धार का डंका
बैडमिंटन के क्षेत्र में धार का डंका देश- विदेश तक बजता है. धार कि माटी ने बैडमिंटन के क्षेत्र में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी दिए हैं. धार की बात की जाए तो यहां के सुधीर वर्मा, समीर वर्मा ने कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन के खिताब अपने नाम किए हैं. वही ओलंपिक में वह भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. इसके अलावा धार के प्रियांशु राजावत के अलावा कई और बैडमिंटन खिलाड़ी है जिन्होंने बैडमिंटन में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिताब अपने नाम कर के धार का नाम रोशन किया है.