देवास। जिले के बागली में समर्थन मूल्य पर खरीदा गया हजारों क्विंटल गेहूं अधिकारियों की लापरवाही के चलते खराब होने के कगार पर है. समय पर परिवहन न होने और स्टोरेज की सुविधा नहीं होने के चलते गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है. बता दें कि इस साल मानसून आने से पहले ही जिले सहित प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हो रही है. जिसके चलते गेहूं भीग गया है और अंकुरित भी होने लगा है.
दरअसल, शासन ने समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं खरीदा है, जो कि अधिकारियों की लापरवाही के चलते सड़ने की कगार पर आ गया है. आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था बागली के दो खरीदी केंद्रों पर एक हजार 449 किसानों से 97 हजार 223 क्विंटल गेहूं खरीदा था, जिसमें से 83 हजार 737 क्विंटल गेहूं का परिवहन हो चुका है. वहीं परिवहन नहीं होने के कारण 13 हजार 466 क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा है, जिसमें तकरीबन 2500 क्विंटल गेहूं के सड़ जाने की संभावना है.
तो सड़ जाएगा 2500 क्विंटल गेहूं
आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था कमलापुर के प्रबंधक बेनीराम राठौर ने बताया कि 773 किसानों से 42 हजार 861 क्विंटल गेहूं खरीदा जा चुका है, जिसमें 27 हजार 160 क्विंटल गेहूं का ही परिवहन हो पाया है. जबकि 15 हजार 701 क्विंटल गेहूं आज भी खुले में पड़ा हुआ है, तकरीबन 2500 क्विंटल से अधिक गेहूं सड़ जाने की संभावना है.
खुले में पड़ा हजारों क्विंटल गेहूं
उन्नत सेवा सहकारी संस्था अगुरली के प्रबंधक धीरज सिंह सेंधव ने बताया कि 369 किसानों से 25 हजार 171 क्विंटल गेहूं खरीदा गया, जिसमें से 20 हजार 5 क्विंटल गेहूं का परिवहन हो चुका है. वहीं 5 हजार 166 क्विंटल गेहूं अभी भी खुले में पड़ा हुआ है. करीब 500 क्विंटल गेहूं सड़ने की संभावना बनी हुई है. सेवा सहकारी संस्था मात मोर के प्रबंधक छोटेलाल राठौर ने बताया कि 675 किसानों से 41714 कुंटल गेहूं खरीदा गया, जिसमें से 30 हजार 800 क्विंटल गेहूं का परिवहन हो चुका है. जबकि 10914 क्विंटल गेहूं का परिवहन होना बाकी है. बारिश होने से तकरीबन 2200 क्विवंटल गेहूं खराब होने की संभावना है.