देवास। लॉकडाउन के बीच तेंदूपत्ता तुड़ाई का काम लगातार चल रहा है. जो ग्रामीण अंचलों में बेरोजगार मजदूरों के लिए वरदान साबित हो रहा है. जिसमें बाहर से वापस आए मजदूर आते ही काम पर लग गए हैं. जिससे उनके परिवार का भरण पोषण आसानी से हो रहा है. वहीं इसका फायदा समितियों को भी मिल रहा है और वे आसानी से अपना लक्ष्य पूरा कर रही हैं.
पानीगांव वनपरिक्षेत्र अधिकारी डीएस चौहान ने बताया कि परिक्षेत्र में बिजवाड़ एवं कलवार दो समिति आती हैं. जिसमें बिजवाड का लक्ष्य 1700 मानक बोरा एवं कलवार का लक्ष्य 2600 मानक बोरा तेंदूपत्ता तोड़ने का है. बिजवाड समिति में लक्ष्य से ऊपर तुड़ाई की गई है. यहां 128 % तुड़ाई हो चुकी है, जिसमें 2179.545 गड्डियां शामिल हैं. वहीं कलवार समिति मे 87.73 % तुड़ाई हुई है. जिसमें 2281.100 गड्डियां टूट चुकी हैं. वहीं वनमंडल अधिकारी पी. एन मिश्रा द्वारा समितियों को लक्ष्यपूर्ति के बाद भी अच्छी गुववत्ता का पत्ता खरीदने के निर्देश दिए हैं. जिससे लोगों को रोजगार मिलता रहे और वे संकट की घड़ी में अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें. इसके साथ ही कोरोना महामारी से बचने के लिए नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं.
लॉकडाउन के बाद भी तेंदूपत्ता संग्रहण पिछले साल की अपेक्षा एक ही दिन में लगभग 50 प्रतिशत पत्ता तोड़ो में आया है. इस साल अच्छी वर्षा होने से पत्ते की गुणवत्ता भी काफी अच्छी है. वहीं लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. जानकारी के मुताबिक बिजवाड समिति में 2410 परिवार एवं कलवार समिति में 2812 परिवार, इस तरह कुल 5222 परिवार को रोजगार उपलब्ध हो रहा है.