देवास। तहसील बागली के स्थानीय विभागों में सुनवाई नहीं होने से नाराज कुछ आदिवासी महिलाएं आर्थिक सहायता की मांग को लेकर जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन देने पहुंची. पीड़िता मनु बाई ने बताया कि उनके पति का निधन हुए एक साल से अधिक हो गया है. उनके घर में कमाने वाले सिर्फ वो ही थे. जिनकी मृत्यु उपरांत परिवार सहायक, अंत्येष्टी सहायता एवं संबल कार्ड पंजीयन होने के बाद भी सहायता नहीं मिल रही है. साथ ही पीड़िता मनु बाई ने बताया कि उन्हें समग्र आईडी में मृत दर्शाया जा रहा है. जिससे मुझे योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. मनु बाई ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें राष्ट्रीय सहायता एवं अन्य योजनाओं का लाभ दिलाया जाए.
वहीं एक अन्य पीड़िता फुलवंती बाई ने बताया कि उनके बेटे दिनेश की 30 जून 2020 को दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. वह घर में कमाने वाला अकेला था और इसकी की कमाई से घर चलता था. लेकिन अब हमारी आर्थिक स्थिति काफी खराब है. पीड़िता फुलवंती बाई ने मांग करते हुए कहा कि उन्हें भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाए.
इसी कड़ी में शकु बाई ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि उनके पति का स्वर्गवास 25 फरवरी 2019 को हो गया था. बच्चे भी नाबालिग हैं घर में कमाने वाला कोई नहीं है. शकुबाई ने राष्ट्रीय सहायता के साथ प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाए जाने की मांग की. समस्त आदिवासी महिलाओं ने कलेक्टर से पीएम आवास योजना के लाभ दिए जाने की भी मांग की.
कलेक्टर के नाम ज्ञापन
आदिवासी महिलाएं आर्थिक सहायता की मांग को लेकर जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन देने पहुंची. मनु बाई ने बताया कि मेरे पति का निधन हुए एक वर्ष से अधिक हो गया है. मेरे घर में कमाने वाले सिर्फ वो ही थे.