देवास। एआईसीसी के पर्यवेक्षक एवं रायपुर नगर निगम के पूर्व महापौर प्रमोद दुबे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 'केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी से लड़ने के उपाए ढूंढने के बजाय 5 जून को लोकसभा में तीन संशोधन विधेयक पारित कर देश के किसानों को गर्त में डालने की साजिश रची है. वहीं प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार बिल को लेकर किसानों से सच छुपा रही है, जबकि देश के अनेक हिस्सों में इस बिल को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं.'
साथ ही उन्होंने कहा कि तीनों बिल जो पारित हुए हैं, उसके बाद कृषि उपज मंडी लगभग बंद हो जाएंगी और आवश्यक आलू, प्याज, तेल जैसी वस्तुओं की जमकर कालाबाजारी होगी, दाम बढ़ने की सीमा नहीं रहेगी. इस कानून से छापेमारी की कार्रवाई समाप्त हो जाएगी और उद्योगपति जो अपने गोदाम में इन वस्तुओं को उसकी मर्जी से रखेंगे, जिससे स्वाभाविक है कि उक्त उपज के दाम बढ़ेंगे. वहीं कांट्रैक्ट फार्मिंग जैसे बिल से प्रशासनिक नियंत्रण पूरी तरह समाप्त हो जाएगा और कंपनी अगर डिफाल्टर हो गई या भाग गई तो किसान का क्या होगा, इसका कहीं भी कोई उल्लेख नहीं है.
इसी के साथ दुबे ने बताया कि हाटपीपल्या विधानसभा निश्चित रूप से कांग्रेस जीतेगी, क्योंकि वहां आज भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जो पिछले चुनाव में वचन पत्र में वादे किए थे, उन वादों के अनुसार काम हो रहा है. इस अवसर पर शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी, शौकत हुसैन, पंडित जयप्रकाश शास्त्री, सुधीर शर्मा, दिनेश बैरागी, अजीत भल्ला, संतोष मोदी, जाकिर उल्ला भी उपस्थित थे.