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जर्जर भवनों में रहते हैं पुलिसकर्मियों के परिवार, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा - New buildings will be built

शहर के बीचोंबीच कोतवाली थाने के पीछे बने शासकीय भवन भी जो जर्जर अवस्था में अपनी व्यथा पर आंसू बहा रहे हैं. इन शासकीय भवनों में अभी भी लोग रह रहे हैं. यह रहवासी और कोई नहीं पुलिस विभाग में पदस्थ पुलिस के आरक्षक प्रधान आरक्षक व सैनिकों के परिवार हैं जो इन जर्जर भवनों में रहते हैं.

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जर्जर भवन
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Published : Sep 4, 2020, 8:18 PM IST

देवास। प्रदेश के अन्य जिलों के साथ-साथ देवास जिले में भी इंद्रदेव मेहरबान रहे हैं. भारी बारिश की वजह से कुछ दिन पहले शहर के लालगेट स्थित एक मकान भराभराकर गिर गया था और तीन लोगों की उसमें दबने से मौत हो गई थी. जिसके बाद नगर निगम के भवन विभाग द्वारा शहर में जर्जर भवनों की एक सूची जारी कर भवनों के मालिकों को नोटिस देकर उन्हें भवन खाली करने के निर्देश दिए थे. वहीं जर्जर भवन मे पुलिसकर्मियों के परिजन भी जान जोखिम में डालकर उन जर्जर मकानों में रह रहे हैं. लेकिन अब एसपी ने इस मामले में कहा है कि जल्द ही पुराने और जर्जर भवनों को गिराया जाएगा और उसकी जगह पर नये भवन बनाकर पुलिसकर्मियों के परिजनों को शिफ्ट किया जाएगा.

जर्जर भवन

क्योंकि शहर के बीचोंबीच कोतवाली थाने के पीछे बने शासकीय भवन भी जो जर्जर अवस्था में अपनी व्यथा पर आंसू बहा रहे हैं. इन शासकीय भवनों में अभी भी लोग रह रहे हैं. यह रहवासी और कोई नहीं पुलिस विभाग में पदस्थ पुलिस के आरक्षक प्रधान आरक्षक व सैनिकों के परिवार हैं, जो इन जर्जर भवनों में रह रहे हैं, जो कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं. इस मामले में एसपी शिवदयाल सिंह ने कहा कि जर्जर हो चुके भवन का मामला संज्ञान में आया है, मुझे इन भवनों की दशा के बारे में जानकारी नहीं थी लेकिन जल्द ही पुलिस विभाग के आरक्षक, प्रधान आरक्षक व सैनिकों के इन क्वाटरों को खाली कराकर उन्हें दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जाएगा. वहीं जीर्णशीर्ण हालत में जो यह भवन पहुंच गए हैं, उसे तोड़कर नए भवन बनाए जाएंगे, जबकि अब तक पुलिस विभाग में पदस्थ अधिकारियों ने इसकी सुध लेने का कोई विचार नहीं किया था.

Policemen live in dilapidated buildings
जर्जर भवनों में रहते हैं पुलिसकर्मी

देवास। प्रदेश के अन्य जिलों के साथ-साथ देवास जिले में भी इंद्रदेव मेहरबान रहे हैं. भारी बारिश की वजह से कुछ दिन पहले शहर के लालगेट स्थित एक मकान भराभराकर गिर गया था और तीन लोगों की उसमें दबने से मौत हो गई थी. जिसके बाद नगर निगम के भवन विभाग द्वारा शहर में जर्जर भवनों की एक सूची जारी कर भवनों के मालिकों को नोटिस देकर उन्हें भवन खाली करने के निर्देश दिए थे. वहीं जर्जर भवन मे पुलिसकर्मियों के परिजन भी जान जोखिम में डालकर उन जर्जर मकानों में रह रहे हैं. लेकिन अब एसपी ने इस मामले में कहा है कि जल्द ही पुराने और जर्जर भवनों को गिराया जाएगा और उसकी जगह पर नये भवन बनाकर पुलिसकर्मियों के परिजनों को शिफ्ट किया जाएगा.

जर्जर भवन

क्योंकि शहर के बीचोंबीच कोतवाली थाने के पीछे बने शासकीय भवन भी जो जर्जर अवस्था में अपनी व्यथा पर आंसू बहा रहे हैं. इन शासकीय भवनों में अभी भी लोग रह रहे हैं. यह रहवासी और कोई नहीं पुलिस विभाग में पदस्थ पुलिस के आरक्षक प्रधान आरक्षक व सैनिकों के परिवार हैं, जो इन जर्जर भवनों में रह रहे हैं, जो कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं. इस मामले में एसपी शिवदयाल सिंह ने कहा कि जर्जर हो चुके भवन का मामला संज्ञान में आया है, मुझे इन भवनों की दशा के बारे में जानकारी नहीं थी लेकिन जल्द ही पुलिस विभाग के आरक्षक, प्रधान आरक्षक व सैनिकों के इन क्वाटरों को खाली कराकर उन्हें दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जाएगा. वहीं जीर्णशीर्ण हालत में जो यह भवन पहुंच गए हैं, उसे तोड़कर नए भवन बनाए जाएंगे, जबकि अब तक पुलिस विभाग में पदस्थ अधिकारियों ने इसकी सुध लेने का कोई विचार नहीं किया था.

Policemen live in dilapidated buildings
जर्जर भवनों में रहते हैं पुलिसकर्मी
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