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इंद्रदेव को खुश करने के लिए मनाई गई 'बाग रसोई '

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Published : Jul 21, 2019, 8:33 PM IST

Updated : Jul 21, 2019, 8:45 PM IST

देवास के हाटपिपल्या में बारिश नहीं होने के कारण लोग अब भगवान की शरण में जा रहे हैं, इलाके में बारिश हो इसके लिये स्थानीय लोगों ने बाग रसोई मनाई.

बाग रसोई मनाते ग्रामीण

देवास। इलाके में बारिश नहीं होने के कारण किसान और आमजन की चिंता बढ़ने लगी है, इसलिए हाटपिपल्या और आस पास के लोग बाग रसोई मनाकर भगवान इंद्र को मना रहे हैं. इस दौरान हिंदू, मुस्लिम एकता की बानगी भी देखने को मिली जब मंदिर और मस्जिदों में सभी ने मिलकर एक साथ पूजा की.

बारिश की प्रार्थना के साथ मनाई बाग रसोई

यहां के लोग कहते हैं कि हाटपिपल्या और आस-पास के इलाकों में जब बारिश नहीं होती तो यहां के रहवासी बाग रसोई मनाते हैं. बाग रसोई के बारे में बताते हुये चंदर सिंह पटेल ने कहा कि कि ये पारंपरिक पूजा है, जिसमें सभी लोग अपने काम धंधे छोड़कर रुठे हुये भगवान को मनाने के लिये बगीचे में रसोई लगाते हैं और क्षेत्र के सभी मंदिर-मस्जिद में विशेष पूजा-इबादत करते हैं.

स्थानीय लोगों का मानना है कि इंद्रदेव के रुष्ठ हो जाने से बारिश नहीं होती है, इसलिये उन्हें मनाने के लिए घर से बाहर किसी बगीचे में रसोई लगाकर खाना बनाया जाता है. ऐसा करने से इंद्र देव प्रसन्न होते हैं और अच्छी बारिश होती है. इसी के साथ ही पूर्वजों की मानते हुए सभी क्षेत्र के मंदिर-मस्जिद में जाकर विशेष पूजा भी मिल-जुलकर करते हैं.

मानसून आ चुका है लेकिन देवास और आसपास के इलाके में बारिश नहीं हुई है. आम लोग हों या फिर किसान हर किसी की पेशानियों पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही हैं, ऐसे में बाग रसोई के जरिये बारिश की कामना साथ ही एकता की बानगी भी देखने को मिल रही है.

देवास। इलाके में बारिश नहीं होने के कारण किसान और आमजन की चिंता बढ़ने लगी है, इसलिए हाटपिपल्या और आस पास के लोग बाग रसोई मनाकर भगवान इंद्र को मना रहे हैं. इस दौरान हिंदू, मुस्लिम एकता की बानगी भी देखने को मिली जब मंदिर और मस्जिदों में सभी ने मिलकर एक साथ पूजा की.

बारिश की प्रार्थना के साथ मनाई बाग रसोई

यहां के लोग कहते हैं कि हाटपिपल्या और आस-पास के इलाकों में जब बारिश नहीं होती तो यहां के रहवासी बाग रसोई मनाते हैं. बाग रसोई के बारे में बताते हुये चंदर सिंह पटेल ने कहा कि कि ये पारंपरिक पूजा है, जिसमें सभी लोग अपने काम धंधे छोड़कर रुठे हुये भगवान को मनाने के लिये बगीचे में रसोई लगाते हैं और क्षेत्र के सभी मंदिर-मस्जिद में विशेष पूजा-इबादत करते हैं.

स्थानीय लोगों का मानना है कि इंद्रदेव के रुष्ठ हो जाने से बारिश नहीं होती है, इसलिये उन्हें मनाने के लिए घर से बाहर किसी बगीचे में रसोई लगाकर खाना बनाया जाता है. ऐसा करने से इंद्र देव प्रसन्न होते हैं और अच्छी बारिश होती है. इसी के साथ ही पूर्वजों की मानते हुए सभी क्षेत्र के मंदिर-मस्जिद में जाकर विशेष पूजा भी मिल-जुलकर करते हैं.

मानसून आ चुका है लेकिन देवास और आसपास के इलाके में बारिश नहीं हुई है. आम लोग हों या फिर किसान हर किसी की पेशानियों पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही हैं, ऐसे में बाग रसोई के जरिये बारिश की कामना साथ ही एकता की बानगी भी देखने को मिल रही है.

Intro:पूरे नगर के लोग पंहुचे जंगल में

व्यपारियो ने बन्द रखे प्रतिष्ठान

इंद्र देवता को मनाने के लिए बाग़ रसोई का आयोजन

मंदिरो में की गई विशेष पूजा , दरगाह पर चादर चढ़ाई

पुरे प्रदेश के साथ ही देवास के हाटपीपल्या में बारिश की लम्बी खेंच हो गई है !
छेत्र में बारिश हुए 15 दिन से अधिक का समय हो चूका है फसल सूखने की कगार पर पहुच गई है !
किसान के साथ ही आमजन भी बारिश को लेकर चिंतित नजर आ रहा है !
हर जगह बारिश को लेकर तरह तरह के जतन किये जा रहे है !
इसी कड़ी में देवास के हाटपीपल्या में बाग़ रसोई का आयोजन किया गया !
दो दिन पहले बाग़ रसोई के लिए डोंडी पिटवा कर नगर वासियो को सुचना दी गई !
आज सुबह से नगर के वरिष्ठजनों सभी मंदिरो पर विशेष पूजा की गई व् दरगाह पर चादर चढ़ाई गई !
नगर वासीयो ने जंगल जा कर ही खाना बनाया !
नगर के चंदर सिंह पटेल ने बताया की वर्षो पुरानी मान्यता है की जब भी बारिश नही होती तब बाग़ रसोई का आयोजन किया जाता है व् नगर के सभी मंदिरो व् दरगाह पर विशेष पूजा की जाती है जिससे इंद्र देवता प्रसन्न होते है व् बारिश हो जाती है !
विजवल
बाइट चंदर सिंह पटेल समाजसेवी
Body:पूरे नगर के लोग पंहुचे जंगल में

व्यपारियो ने बन्द रखे प्रतिष्ठान

इंद्र देवता को मनाने के लिए बाग़ रसोई का आयोजन

मंदिरो में की गई विशेष पूजा , दरगाह पर चादर चढ़ाई

पुरे प्रदेश के साथ ही देवास के हाटपीपल्या में बारिश की लम्बी खेंच हो गई है !
छेत्र में बारिश हुए 15 दिन से अधिक का समय हो चूका है फसल सूखने की कगार पर पहुच गई है !
किसान के साथ ही आमजन भी बारिश को लेकर चिंतित नजर आ रहा है !
हर जगह बारिश को लेकर तरह तरह के जतन किये जा रहे है !
इसी कड़ी में देवास के हाटपीपल्या में बाग़ रसोई का आयोजन किया गया !
दो दिन पहले बाग़ रसोई के लिए डोंडी पिटवा कर नगर वासियो को सुचना दी गई !
आज सुबह से नगर के वरिष्ठजनों सभी मंदिरो पर विशेष पूजा की गई व् दरगाह पर चादर चढ़ाई गई !
नगर वासीयो ने जंगल जा कर ही खाना बनाया !
नगर के चंदर सिंह पटेल ने बताया की वर्षो पुरानी मान्यता है की जब भी बारिश नही होती तब बाग़ रसोई का आयोजन किया जाता है व् नगर के सभी मंदिरो व् दरगाह पर विशेष पूजा की जाती है जिससे इंद्र देवता प्रसन्न होते है व् बारिश हो जाती है !
विजवल
बाइट चंदर सिंह पटेल समाजसेवी
Conclusion:पूरे नगर के लोग पंहुचे जंगल में

व्यपारियो ने बन्द रखे प्रतिष्ठान

इंद्र देवता को मनाने के लिए बाग़ रसोई का आयोजन

मंदिरो में की गई विशेष पूजा , दरगाह पर चादर चढ़ाई

पुरे प्रदेश के साथ ही देवास के हाटपीपल्या में बारिश की लम्बी खेंच हो गई है !
छेत्र में बारिश हुए 15 दिन से अधिक का समय हो चूका है फसल सूखने की कगार पर पहुच गई है !
किसान के साथ ही आमजन भी बारिश को लेकर चिंतित नजर आ रहा है !
हर जगह बारिश को लेकर तरह तरह के जतन किये जा रहे है !
इसी कड़ी में देवास के हाटपीपल्या में बाग़ रसोई का आयोजन किया गया !
दो दिन पहले बाग़ रसोई के लिए डोंडी पिटवा कर नगर वासियो को सुचना दी गई !
आज सुबह से नगर के वरिष्ठजनों सभी मंदिरो पर विशेष पूजा की गई व् दरगाह पर चादर चढ़ाई गई !
नगर वासीयो ने जंगल जा कर ही खाना बनाया !
नगर के चंदर सिंह पटेल ने बताया की वर्षो पुरानी मान्यता है की जब भी बारिश नही होती तब बाग़ रसोई का आयोजन किया जाता है व् नगर के सभी मंदिरो व् दरगाह पर विशेष पूजा की जाती है जिससे इंद्र देवता प्रसन्न होते है व् बारिश हो जाती है !
विजवल
बाइट चंदर सिंह पटेल समाजसेवी
Last Updated : Jul 21, 2019, 8:45 PM IST
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