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एक विवाह ऐसा भी! देवउठनी एकादशी पर विवाह बंधन में बंधे दिव्यांग बेटा-बेटी

कहते हैं जोड़ियां ऊपर आसमानों में बनती हैं, लेकिन इन्हे मिलाने का काम धरती पर होता है. देवास (Dewas) की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ समिति (Beti Bachao Beti Padhao Committee) ने एक ऐसा विवाह (marriage) करवाया है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है. देवास में देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi) पर दो दिव्यांग परिणय सूत्र में बंधकर एक-दूसरे का सहारा बने. लोग भी समिति के इस सकारात्मक पहल की सराहना कर रहे हैं.

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शादी के बंधन में बंधे दिव्यांग
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Published : Nov 15, 2021, 10:48 PM IST

Updated : Nov 15, 2021, 11:01 PM IST

देवास। देवास (Dewas) में एक विवाह (marriage) चर्चा में है,जहां दो दिव्यांगों ने शादी के बंधन में बंधकर ताउम्र एक-दूसरे का साथ निभाने की कसम खाई और ये मुमकिन हो पाया बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ सेवा समिति (Beti Bachao Beti Padhao Committee) के सहयोग से. एक ओर जहां दिव्यांग का परिवार इस शादी से बेहद खुश है. वहीं लोगों ने भी समिति के पहल की सराहना की.

शादी के बंधन में बंधे दिव्यांग

एक विवाह ऐसा भी
देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi) पर फिर से शहनाइयों की गूंज सुनाई दी है. तुलसी विवाह के शुभ दिन पर कई शादियां हुई. इस दौरान देवास के मेंढकी रोड स्थित गौ रक्षा धाम में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ सेवा समिति द्वारा नि:शुल्क वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न कराया गया. आश्रम में विधि विधान से एक दिव्यांग जोड़े का नि:शुल्क विवाह कराया गया है. गोविंद गौ रक्षा धाम एवं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ सेवा समिति(Beti Bachao Beti Padhao Committee) द्वारा आयोजित इस वैवाहिक कार्यक्रम में दोनों पैर से दिव्यांग युवक अनिल अरोड़ा व नेत्रहीन युवती ममता सूर्यवंशी की हिन्दू रीति रिवाजों के अनुसार शादी कराई गई और एक दूसरे का सहारा बने. इसमें वर-वधू की ओर से आए परिवारजनों के लिए भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था भी की गई थी. जहां 100 से अधिक लोगों को भोजन किया.

गिफ्ट में घरेलू सामान भी दिए

वर-वधू को संस्था की ओर से शादी (marriage) में उपहार स्वरूप गृहस्थी के उपयोगी सामान भी कन्यादान में भेंट किया गया है. यहां मौजूद लोगों का कहना है कि किसी का दिव्यांग होना अभिशाप नहीं है. हमें दो दिव्यांगों का विवाह करने का सौभाग्य भगवान ने दिया है जो एक पुण्य का कार्य है. वर-वधू दोनों देवास के निवासी हैं. वहीं परिवार के लोग और वर-वधू के माता-पिता दिव्यांगों की शादी से बहुत खुश हैं.

देवास। देवास (Dewas) में एक विवाह (marriage) चर्चा में है,जहां दो दिव्यांगों ने शादी के बंधन में बंधकर ताउम्र एक-दूसरे का साथ निभाने की कसम खाई और ये मुमकिन हो पाया बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ सेवा समिति (Beti Bachao Beti Padhao Committee) के सहयोग से. एक ओर जहां दिव्यांग का परिवार इस शादी से बेहद खुश है. वहीं लोगों ने भी समिति के पहल की सराहना की.

शादी के बंधन में बंधे दिव्यांग

एक विवाह ऐसा भी
देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi) पर फिर से शहनाइयों की गूंज सुनाई दी है. तुलसी विवाह के शुभ दिन पर कई शादियां हुई. इस दौरान देवास के मेंढकी रोड स्थित गौ रक्षा धाम में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ सेवा समिति द्वारा नि:शुल्क वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न कराया गया. आश्रम में विधि विधान से एक दिव्यांग जोड़े का नि:शुल्क विवाह कराया गया है. गोविंद गौ रक्षा धाम एवं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ सेवा समिति(Beti Bachao Beti Padhao Committee) द्वारा आयोजित इस वैवाहिक कार्यक्रम में दोनों पैर से दिव्यांग युवक अनिल अरोड़ा व नेत्रहीन युवती ममता सूर्यवंशी की हिन्दू रीति रिवाजों के अनुसार शादी कराई गई और एक दूसरे का सहारा बने. इसमें वर-वधू की ओर से आए परिवारजनों के लिए भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था भी की गई थी. जहां 100 से अधिक लोगों को भोजन किया.

गिफ्ट में घरेलू सामान भी दिए

वर-वधू को संस्था की ओर से शादी (marriage) में उपहार स्वरूप गृहस्थी के उपयोगी सामान भी कन्यादान में भेंट किया गया है. यहां मौजूद लोगों का कहना है कि किसी का दिव्यांग होना अभिशाप नहीं है. हमें दो दिव्यांगों का विवाह करने का सौभाग्य भगवान ने दिया है जो एक पुण्य का कार्य है. वर-वधू दोनों देवास के निवासी हैं. वहीं परिवार के लोग और वर-वधू के माता-पिता दिव्यांगों की शादी से बहुत खुश हैं.

Last Updated : Nov 15, 2021, 11:01 PM IST
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