देवास। खातेगांव थाना क्षेत्र में राजस्थान के भरतपुर जिले के बयाना और करौली के पीपलहेड़ा व यूपी के मथुरा के 4 लोगों ने मकान किराए पर लिया था, फरियादी पूनम चंद के मुताबिक ग्रीन इंडिया नाम से कई किसानों को सौ-सौ रुपए में नींबू, आंवला, आम, जाम जैसे पौधे बेचकर किसानों से व्यवहार बनाए. बाद में किसानों को बताया कि सरकार की कांट्रैक्ट फॉर्मिंग स्कीम के तहत उनकी कंपनी को काम मिला है, जिसके तहत किसानों को 1000 पौधे डेढ़ लाख रुपए में खरीदने होंगे. 12 से 15 दिन बाद तार फेंसिंग के लिए किसानों को पोल और तार उपलब्ध करा दिए जाएंगे. एक माह बाद किसानों के खेत पर सोलर पंप स्कीम के तहत लगवा दिया जाएगा. करीब 6 महीने में किसानों को प्रति पौधा ₹500 का भुगतान भी किया जाएगा. इस तरह किसानों को डेढ़ लाख रुपए इन्वेस्ट करने के एवज में करीब 8 से 10 लाख रुपए का लालच दिया.
आरोपियों के फैलाए लालच के जाल में न सिर्फ खातेगांव बल्कि सतवास कांटाफोड़, कन्नौद, आष्टा, सीहोर, सिराली और हरदा क्षेत्र के किसान भी फंस गए, तमाम किसानों से डेढ़-डेढ़ लाख रुपए लेकर इन लोगों ने पहले चरण में किसानों को पौधे मुहैया कराए, उसके बाद तार फेंसिंग के लिए पोल भी डलवा दिए, ये देख बड़ी संख्या में किसान इनके चंगुल में जा फंसे. इन किसानों को पांच-पांच सौ रुपए प्रति पौधा वापस करने का समय बीता और सोलर पंप भी नहीं लगे और न ही उन्हें बताया गया, पैसा मिला तो किसानों को चिंता हुई और किसानों ने जब तकादा शुरू किया तो ये लोग फरार हो गए.
खातेगांव थाना क्षेत्र के पाड़ियादेह के किसान पूनम चंद विश्नोई ने थाने में एफआईआर दर्ज कराई है, पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी योगेश पाठक निवासी मथुरा, जगदीश बैरागी और देवेंद्र निवासी बयाना भरतपुर राजस्थान तथा विनोद जाट निवासी पीपलहेड़ा करौली राजस्थान के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 420, 34 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू की है. खातेगांव पुलिस थाने में एक एफआईआर दर्ज होने के बाद आठ से दस किसान और पुलिस के पास पहुंचे हैं.
खातेगांव थाना प्रभारी महेंद्र सिंह परमार ने बताया कि इस मामले में कुल कितने की धोखाधड़ी हुई है, इस बात का खुलासा होना बाकी है. 25 से 30 लाख रुपए तक का मामला सामने आ चुका है. किसानों के मुताबिक मामला करोड़ों की धोखाधड़ी तक पहुंच सकता है.