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प्रधानमंत्री कुसुम योजना के नाम पर किसान से लाखों की ठगी, कलेक्टर और एसपी से लगाई मदद की गुहार

देवास के हरणगांव थाना क्षेत्र के ग्राम कांकड़कुई का रहने वाले से किसान से एक लाख 24 हजार की ठगी हुई है. हरणगांव थाना प्रभारी रमनदीप हुंदल ने बताया कि पीड़ित किसान का आवेदन प्राप्त हुआ है. नंबर जांच के लिए साइबर सेल में भेज दिया गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी.

Fraud in the name of installing solar pump
सोलर पंप लगाने के नाम पर ठगी
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Published : Oct 15, 2020, 7:50 PM IST

देवास। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर पंप लगाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है. हरणगांव थाना क्षेत्र के ग्राम कांकड़कुई के रहने वाले एक किसान से एक लाख 24 हजार की ठगी हुई है. फरियादी जीवन सिंह मीणा ने बताया कि 29 सितंबर को वह अपने मोबाइल पर गूगल के माध्यम से पीएम कुसुम योजना के बारे में सर्च कर रहा था. तभी अचानक एक ऑनलाइन फार्म खुला. जिसमें किसान ने अपना नाम मोबाइल नंबर सहित अन्य व्यक्तिगत जानकारी भरी. उसके बाद अगले दिन किसान के पास एक कॉल आया. किसान ने बताया कि कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को पीएम कुसुम योजना का अधिकारी बताया और उससे एक लाख 24 हजार रुपये ऐंठ लिए. वहीं इस संबंध में हरणगांव थाना प्रभारी रमनदीप हुंदल ने बताया कि पीड़ित किसान का आवेदन प्राप्त हुआ है. नंबर जांच के लिए साइबर सेल में भेज दिया गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी.

किसान के मुताबिक, 30 सितंबर को योजना के रजिस्ट्रेशन के नाम पर आरोपी ने उससे 5 हजार 600 रूपये की राशि खाते में जमा करवाई, उसके बाद आरोपी ने सोलर पंप संबंधित डिटेल मोबाइल पर भेजा. फिर उसके बाद जालसाज ने किसान को झांसा देते हुए कहा कि सोलर पंप के लिए किसान को 20 साल के लिए एग्रीमेंट करना होगा, और इसके लिए किसान को 23 हजार 525 रुपये खाते में जमा कराने होंगे.

उसके बाद किसान आरोपी के कहे अनुसार 2अक्टूबर को 23 हजार 525 की राशि ऑनलाइन जमा करा दी. उसके बाद किसान के पास 3 अक्टूबर को फोन आया, कि पंप की कुल लागत 5 लाख 60 हजार रुपये है, और शासन द्वारा किसान को 5 लाख 4 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. इसके लिए किसान से 50 हजार 400 रुपए और जमा कराने की बात कही, और आगे कहा कि कल लोकेशन के हिसाब से टीम आएगी, और आपका सोलर पंप लगा दिया जाएगा.

उसके बाद किसान ने आरोपी के मुताबिक सारी राशि खाते में ऑनलाइन डलवा दी. 5 अक्टूबर को किसान के मोबाइल पर एक SMS आया. जिसमें लिखा था कि किसान मिस्टर विवेक कुमार और गौरव तिवारी के फोन से संपर्क करें. जब किसान ने उक्त मोबाइल नंबर पर फोन लगाया, तो किसान को पता चला कि शासन द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी 5 लाख 4 हाजर रुपये का 9% जीएसटी 45 हजार रुपये बनता है. यह राशि और आपको जमा करनी होगी. इसके बाद टीम पंप लेकर आपके पते पर पहुंच जाएंगी.

6 अक्टूबर को किसान ने 45 हजार रुपये उनके अकाउंट में ऑनलाइन जमा करा दिए. पैसे जमा कराने के 15 मिनट बाद किसान के पास फोन आया, और बताया कि यहां से टीम लोकेशन पर निकल रही है. लेकिन कुछ देर बाद किसान जीवन सिंह मीणा के पास फोन आया. जिसमें एनओसी के नाम पर 35 हजार रुपये और मांगे गए. लेकिन किसान ने यह राशि जमा नहीं कराई. किसान का कहना है कि आरोपी ने उनसे कुल एक लाख 24 हजार 525 रुपए उनके खाते में जमा करवाएं हैं, जब किसान को संदेह हुआ, तो किसान खातेगांव स्थित कृषि विभाग पहुंचा और मामले की जानकारी कृषि अधिकारियों को दी, तब जाकर पूरे मामले का खुलासा हुआ.

रिश्तेदारों से उधार लिए पैसे

पीड़ित किसान जीवन सिंह ने बताया कि उसके पास 12 एकड़ जमीन है. फसल खराब होने के कारण इस साल कुल 6 क्विंटल सोयाबीन ही पैदा हुई थी. किसान के पास इतने पैसे नहीं थे, कि इतनी राशि जमा कर सके, इसलिए किसान ने कुछ पैसा फसल बीमा का और बाकी पैसे रिश्तेदारों से उधार लिया था. अपने आप को ठगा महसूस कर रहे किसान जीवन सिंह मीणा ने कलेक्टर से लेकर एसपी तक मदद की गुहार लगाई है.

देवास। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर पंप लगाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है. हरणगांव थाना क्षेत्र के ग्राम कांकड़कुई के रहने वाले एक किसान से एक लाख 24 हजार की ठगी हुई है. फरियादी जीवन सिंह मीणा ने बताया कि 29 सितंबर को वह अपने मोबाइल पर गूगल के माध्यम से पीएम कुसुम योजना के बारे में सर्च कर रहा था. तभी अचानक एक ऑनलाइन फार्म खुला. जिसमें किसान ने अपना नाम मोबाइल नंबर सहित अन्य व्यक्तिगत जानकारी भरी. उसके बाद अगले दिन किसान के पास एक कॉल आया. किसान ने बताया कि कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को पीएम कुसुम योजना का अधिकारी बताया और उससे एक लाख 24 हजार रुपये ऐंठ लिए. वहीं इस संबंध में हरणगांव थाना प्रभारी रमनदीप हुंदल ने बताया कि पीड़ित किसान का आवेदन प्राप्त हुआ है. नंबर जांच के लिए साइबर सेल में भेज दिया गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी.

किसान के मुताबिक, 30 सितंबर को योजना के रजिस्ट्रेशन के नाम पर आरोपी ने उससे 5 हजार 600 रूपये की राशि खाते में जमा करवाई, उसके बाद आरोपी ने सोलर पंप संबंधित डिटेल मोबाइल पर भेजा. फिर उसके बाद जालसाज ने किसान को झांसा देते हुए कहा कि सोलर पंप के लिए किसान को 20 साल के लिए एग्रीमेंट करना होगा, और इसके लिए किसान को 23 हजार 525 रुपये खाते में जमा कराने होंगे.

उसके बाद किसान आरोपी के कहे अनुसार 2अक्टूबर को 23 हजार 525 की राशि ऑनलाइन जमा करा दी. उसके बाद किसान के पास 3 अक्टूबर को फोन आया, कि पंप की कुल लागत 5 लाख 60 हजार रुपये है, और शासन द्वारा किसान को 5 लाख 4 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. इसके लिए किसान से 50 हजार 400 रुपए और जमा कराने की बात कही, और आगे कहा कि कल लोकेशन के हिसाब से टीम आएगी, और आपका सोलर पंप लगा दिया जाएगा.

उसके बाद किसान ने आरोपी के मुताबिक सारी राशि खाते में ऑनलाइन डलवा दी. 5 अक्टूबर को किसान के मोबाइल पर एक SMS आया. जिसमें लिखा था कि किसान मिस्टर विवेक कुमार और गौरव तिवारी के फोन से संपर्क करें. जब किसान ने उक्त मोबाइल नंबर पर फोन लगाया, तो किसान को पता चला कि शासन द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी 5 लाख 4 हाजर रुपये का 9% जीएसटी 45 हजार रुपये बनता है. यह राशि और आपको जमा करनी होगी. इसके बाद टीम पंप लेकर आपके पते पर पहुंच जाएंगी.

6 अक्टूबर को किसान ने 45 हजार रुपये उनके अकाउंट में ऑनलाइन जमा करा दिए. पैसे जमा कराने के 15 मिनट बाद किसान के पास फोन आया, और बताया कि यहां से टीम लोकेशन पर निकल रही है. लेकिन कुछ देर बाद किसान जीवन सिंह मीणा के पास फोन आया. जिसमें एनओसी के नाम पर 35 हजार रुपये और मांगे गए. लेकिन किसान ने यह राशि जमा नहीं कराई. किसान का कहना है कि आरोपी ने उनसे कुल एक लाख 24 हजार 525 रुपए उनके खाते में जमा करवाएं हैं, जब किसान को संदेह हुआ, तो किसान खातेगांव स्थित कृषि विभाग पहुंचा और मामले की जानकारी कृषि अधिकारियों को दी, तब जाकर पूरे मामले का खुलासा हुआ.

रिश्तेदारों से उधार लिए पैसे

पीड़ित किसान जीवन सिंह ने बताया कि उसके पास 12 एकड़ जमीन है. फसल खराब होने के कारण इस साल कुल 6 क्विंटल सोयाबीन ही पैदा हुई थी. किसान के पास इतने पैसे नहीं थे, कि इतनी राशि जमा कर सके, इसलिए किसान ने कुछ पैसा फसल बीमा का और बाकी पैसे रिश्तेदारों से उधार लिया था. अपने आप को ठगा महसूस कर रहे किसान जीवन सिंह मीणा ने कलेक्टर से लेकर एसपी तक मदद की गुहार लगाई है.

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