देवास। शहर में मोती बंगला चौराहे स्थित राजौले मार्केट में निजी फार्म हाउस के नाम पर कार्यालय संचालित किया जा रहा है, जहां पर कम दामों में लोगों को प्लॉट बेचने का कार्य किया जा रहा था. पिछले 6 माह पहले 21 फरवरी को नायब तहसीलदार ने इस फार्म हाउस पर जाकर कार्रवाई की थी, जिसमें कालोनाईजर के पास ना तो लाइसेंस था और ना ही विकास कार्य करने की अनुमति ली गई थी. इसके अलावा उसके पास नक्शा भी नहीं पाया गया था. उसके बावजूद भी लोगों को 399 रुपए स्क्वायर फीट का लालच देकर जमीन बेच रहा था.
इस मामले में तत्कालीन एडीएम ने कुछ दिनों का समय दिया था, लेकिन उसके बावजूद कालोनाईजर ने समस्त दस्तावेज पूरे नहीं किए, जिसके 6 माह के बाद अब कलेक्टर डॉक्टर श्रीकांत पांडे ने कालोनाईजर के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं, जिस पर नायब तहसीलदार पूनम तोमर बीएनपी थाने पर पहुंची, जहां निजी फार्म हाउस के मालिक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है.
इस मामले को लेकर बताया गया है कि खजूरिया जागीर गांव में अवैध रूप से प्लॉट काटकर कॉलोनी बनाने की शिकायत नायब तहसीलदार ने बीएनपी थाने पर की, जिसमें जांच के बाद कलेक्टर द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दिए गए थे. गत दिनों 13 जून को नायब तहसीलदार पूनम तोमर ने आवेदन कोतवाली थाने पर दिया था, जो थाने पर नहीं मिला, जिसके चलते कालोनाईजर के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है.
नायब तहसीलदार पूनम तोमर ने बताया की कालोनाईजर द्वारा लाइसेंस नहीं लिया गया था. इसी के साथ खजूरिया जागीर गांव में विकास की अनुमति भी नहीं ली गई थी. वहीं प्लॉट बेचने के बाद जो नक्शा लगाया गया था उसमें अंतर है. इस प्रकरण में जांच के बाद कार्रवाई पुलिस द्वारा की जाएगी. वहीं बीएनपी थाना प्रभारी मुकेश इजारदार ने बताया कि सोहन नांदेल नामक कॉलोनाईजर है, जिन्होंने विकास और प्लॉट बेचने में अनियमितता की है, उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भू-माफियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. उस दौरान जिला प्रशासन ने भी मुख्यमंत्री के आदेश का पालन करते हुए भू-माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की थी. नतीजन निजी फार्म हाउस संचालक के खिलाफ भी कार्रवाई की गई थी. इस मामले में अंत में रिपोर्ट दर्ज हुई है.