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शारदीय नवरात्र का पहला दिन: माता टेकरी पर लगा भक्तों का तांता, घट स्थापना के साथ महापर्व की शुरुआत - Sharadiya Navratri

आज शारदीय नवरात्र का पहला दिन है. देवास जिले के प्रसिद्ध देवी स्थलों पर आज सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिली, यहां महाआरती के बाद घट स्थापना के साथ महा नवरात्र पर्व की शुरुआत की गई. माना जाता है कि यहां आने वाले हर श्रद्धालु की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

mata tekri
माता टेकरी
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Published : Oct 17, 2020, 6:56 AM IST

Updated : Oct 17, 2020, 9:31 AM IST

देवास। शारदीय नवरात्र की शुरुआत आज से हो शुरू गई है. ऐसे में नवरात्र के पहले दिन सुबह से ही माता टेकरी में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. माता चामुंडा और तुलजा भवानी की शक्तिपीठ माता टेकरी में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. अलसुबह माता टेकरी मंदिर में महाआरती के बाद घट स्थापना के साथ महा नवरात्र पर्व की शुरुआत हुई.

महापर्व की शुरुआत

9 दिनों तक उमड़ता है भक्तों का सैलाब

माता टेकरी में मां चामुंडा और मां तलुजा भवानी के दर्शन के लिए नवरात्र में पूरे नौ दिन भक्त दूर-दूर से आते हैं. नवरात्र के नौ दिनों यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है. माता चामुंडा और तुलजा के इस सिद्ध मंदिर में नवरात्र के दौरान हर साल लाखों की संख्या श्रद्धालु अपनी कई मान्यताओं के साथ पहुंचते हैं.

दिन में तीन बार दर्शन देती हैं मां

कहा जाता है कि देवास जिले की टेकरी पहाड़ पर स्थित मां भवानी का यह मंदिर माता का रक्त पीठ है. किवदंती हैं कि यहां देवी मां के दो स्वरूप अपनी जागृत अवस्था में हैं. इन दोनों स्वरूपों को छोटी मां और बड़ी मां के नाम से जाना जाता है. वहीं बड़ी माता तुलजा भवानी और छोटी माता चामुंडा माता यहां बाल, युवा और वृद्ध रूप में दिन में तीन बार भक्तों को दर्शन देती हैं.

ये भी पढ़ें- इस बार पूरे नौ दिन की होगी नवरात्रि, 58 साल बाद ऐसा शुभ संयोग, ऐसे करें मां भगवती की पूजा

माता टेकरी मंदिर की मान्यता

माता टेकरी मंदिर से जुड़ी यह मान्यता है कि बड़ी मां और छोटी मां के बीच बहन का रिश्ता था. एक बार दोनों में किसी बात पर विवाद हो गया. विवाद से नाराज दोनों ही माताएं अपना स्थान छोड़कर जाने लगीं. बड़ी मां पाताल में समाने लगीं, और छोटी मां अपने स्थान को छोड़कर जाने लगीं. माताओं को कुपित देख (माना जाता है कि बजरंगबली माता का ध्वज लेकर आगे और भैरव बाबा मां का कवच बन दोनों माताओं के पीछे चलते हैं) हनुमान जी और भैरव बाबा ने उनसे क्रोध को शांत करने के लिए विनती की.

ये भी पढ़ें- साढ़ेसाती से परेशान भक्त इस नवरात्रि ये जरूर करें ये उपाय, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

इस समय तक बड़ी मां का आधा धड़ पाताल में समा चुका था. वे वैसी ही स्थिति में टेकरी में रुक गईं. वहीं छोटी माता टेकरी से नीचे उतर रही थीं. वे मार्ग अवरुद्ध होने से और भी कुपित हो गईं और जिस अवस्था में नीचे उतर रही थीं, उसी अवस्था में टेकरी पर रुक गईं.

माता टेकरी पर भैरव बाबा के मंदिर के साथ ही कई देवी देवताओं के मंदिर भी हैं. साथ ही यह ऐसा स्थल है जिसकी परिक्रमा खुद ही पूरी हो जाती है. पूर्ण परिक्रमा वाला यह अनूठा मंदिर है. माना जाता है कि यहां मां अपने भक्तों की हर मनोकामना के साथ ही सूनी गोद भी भर देती हैं.

किए गए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

यहां आने वाले भक्तों की संख्या को ध्यान मे रखते हुए प्रसाशन और पुलिस ने माता टेकरी मंदिर पर सुरक्षा के इंतजाम किए हैं. इसके अलावा लगातार CCTV से भी निगरानी की जा रही है. साथ ही आने वाले दिनों में भीड़ और बढ़ने की संभावना है, ऐसे में इंदौर, भोपाल, उज्जैन, शाजापुर मार्ग को लेकर ट्रैफिक प्लान भी लागू किया जाएगा.

देवास। शारदीय नवरात्र की शुरुआत आज से हो शुरू गई है. ऐसे में नवरात्र के पहले दिन सुबह से ही माता टेकरी में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. माता चामुंडा और तुलजा भवानी की शक्तिपीठ माता टेकरी में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. अलसुबह माता टेकरी मंदिर में महाआरती के बाद घट स्थापना के साथ महा नवरात्र पर्व की शुरुआत हुई.

महापर्व की शुरुआत

9 दिनों तक उमड़ता है भक्तों का सैलाब

माता टेकरी में मां चामुंडा और मां तलुजा भवानी के दर्शन के लिए नवरात्र में पूरे नौ दिन भक्त दूर-दूर से आते हैं. नवरात्र के नौ दिनों यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है. माता चामुंडा और तुलजा के इस सिद्ध मंदिर में नवरात्र के दौरान हर साल लाखों की संख्या श्रद्धालु अपनी कई मान्यताओं के साथ पहुंचते हैं.

दिन में तीन बार दर्शन देती हैं मां

कहा जाता है कि देवास जिले की टेकरी पहाड़ पर स्थित मां भवानी का यह मंदिर माता का रक्त पीठ है. किवदंती हैं कि यहां देवी मां के दो स्वरूप अपनी जागृत अवस्था में हैं. इन दोनों स्वरूपों को छोटी मां और बड़ी मां के नाम से जाना जाता है. वहीं बड़ी माता तुलजा भवानी और छोटी माता चामुंडा माता यहां बाल, युवा और वृद्ध रूप में दिन में तीन बार भक्तों को दर्शन देती हैं.

ये भी पढ़ें- इस बार पूरे नौ दिन की होगी नवरात्रि, 58 साल बाद ऐसा शुभ संयोग, ऐसे करें मां भगवती की पूजा

माता टेकरी मंदिर की मान्यता

माता टेकरी मंदिर से जुड़ी यह मान्यता है कि बड़ी मां और छोटी मां के बीच बहन का रिश्ता था. एक बार दोनों में किसी बात पर विवाद हो गया. विवाद से नाराज दोनों ही माताएं अपना स्थान छोड़कर जाने लगीं. बड़ी मां पाताल में समाने लगीं, और छोटी मां अपने स्थान को छोड़कर जाने लगीं. माताओं को कुपित देख (माना जाता है कि बजरंगबली माता का ध्वज लेकर आगे और भैरव बाबा मां का कवच बन दोनों माताओं के पीछे चलते हैं) हनुमान जी और भैरव बाबा ने उनसे क्रोध को शांत करने के लिए विनती की.

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इस समय तक बड़ी मां का आधा धड़ पाताल में समा चुका था. वे वैसी ही स्थिति में टेकरी में रुक गईं. वहीं छोटी माता टेकरी से नीचे उतर रही थीं. वे मार्ग अवरुद्ध होने से और भी कुपित हो गईं और जिस अवस्था में नीचे उतर रही थीं, उसी अवस्था में टेकरी पर रुक गईं.

माता टेकरी पर भैरव बाबा के मंदिर के साथ ही कई देवी देवताओं के मंदिर भी हैं. साथ ही यह ऐसा स्थल है जिसकी परिक्रमा खुद ही पूरी हो जाती है. पूर्ण परिक्रमा वाला यह अनूठा मंदिर है. माना जाता है कि यहां मां अपने भक्तों की हर मनोकामना के साथ ही सूनी गोद भी भर देती हैं.

किए गए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

यहां आने वाले भक्तों की संख्या को ध्यान मे रखते हुए प्रसाशन और पुलिस ने माता टेकरी मंदिर पर सुरक्षा के इंतजाम किए हैं. इसके अलावा लगातार CCTV से भी निगरानी की जा रही है. साथ ही आने वाले दिनों में भीड़ और बढ़ने की संभावना है, ऐसे में इंदौर, भोपाल, उज्जैन, शाजापुर मार्ग को लेकर ट्रैफिक प्लान भी लागू किया जाएगा.

Last Updated : Oct 17, 2020, 9:31 AM IST
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