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वन्यजीवों पर भी भीषण गर्मी का कहर, पानी की तलाश में भटक रहे हिरणों की हो रही मौत - harda

देवास जिले के खातेगांव क्षेत्र से लगे ग्रामीण इलाकों पास के जंगलों के हिरणों की मौत पानी की कमी के कारण हो रही है. इन घटनाओं ने वन विभाग के वन्यजीवों की सुरक्षा के तमाम दावों की पोल खोलकर रख दी है.

खेत में मिला हिरण का शव
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Published : Apr 26, 2019, 7:03 AM IST

देवास। भीषण गर्मी जहां लोगों का जीना मुहाल कर दिया तो वहीं पानी नहीं मिलने से वन्यजीवों का जीवन भी दांव पर लगा हुआ है. जिले के खातेगांव में पानी नहीं मिलने से एक हिरण की मौत हो गई. वहीं कन्नौद वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम मोहाई में भी पानी की तलाश में हिरणों का झुंड जंगल से बाहर निकलकर खेतों में पहुंच गया लेकिन पानी ना मिलने से झुंड के एक हिरण की मौत हो गई.

कुसमानिया सबरेंज के वनरक्षक संतोष बागवान ने बताया कि सूचना मिली थी कि मोहाई के एक खेत मे हिरण की मौत हुई है. मौके पर जाकर देखा तो किसान शोभाराम जाट के खेत में डेढ साल के हिरण की पानी नहीं मिलने से मौत हो गई थी हिरण के शरीर पर कोई भी घाव नहीं पाया गया, जिसके बाद पंचनामा बनाकर मृत हिरण को पीएम के लिए कन्नौद ले जाया गया.

हिरण के शव का पंचनामा बनाते वन विभाग के कर्मचारी

आपको बता दें कि कुसमानिया के जंगल से लगा हुआ खिवनी अभ्यारण्य का जंगल भी है. जो कि वन्यजीवों के लिए संरक्षित क्षेत्र है. यहां विभिन्न प्रजाति के जीव निवास करते हैं. गर्मी में पानी की तलाश के लिये वन्यजीवों का बाहर निकलकर आना उनके लिए जोखिम भरा है. यह स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है कि यह हिरण कौन से जंगल से यहां आया है लेकिन इस घटना ने वन विभाग के वन्यजीवों की सुरक्षा के तमाम दावों की पोल खोलकर रख दी है.

देवास। भीषण गर्मी जहां लोगों का जीना मुहाल कर दिया तो वहीं पानी नहीं मिलने से वन्यजीवों का जीवन भी दांव पर लगा हुआ है. जिले के खातेगांव में पानी नहीं मिलने से एक हिरण की मौत हो गई. वहीं कन्नौद वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम मोहाई में भी पानी की तलाश में हिरणों का झुंड जंगल से बाहर निकलकर खेतों में पहुंच गया लेकिन पानी ना मिलने से झुंड के एक हिरण की मौत हो गई.

कुसमानिया सबरेंज के वनरक्षक संतोष बागवान ने बताया कि सूचना मिली थी कि मोहाई के एक खेत मे हिरण की मौत हुई है. मौके पर जाकर देखा तो किसान शोभाराम जाट के खेत में डेढ साल के हिरण की पानी नहीं मिलने से मौत हो गई थी हिरण के शरीर पर कोई भी घाव नहीं पाया गया, जिसके बाद पंचनामा बनाकर मृत हिरण को पीएम के लिए कन्नौद ले जाया गया.

हिरण के शव का पंचनामा बनाते वन विभाग के कर्मचारी

आपको बता दें कि कुसमानिया के जंगल से लगा हुआ खिवनी अभ्यारण्य का जंगल भी है. जो कि वन्यजीवों के लिए संरक्षित क्षेत्र है. यहां विभिन्न प्रजाति के जीव निवास करते हैं. गर्मी में पानी की तलाश के लिये वन्यजीवों का बाहर निकलकर आना उनके लिए जोखिम भरा है. यह स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है कि यह हिरण कौन से जंगल से यहां आया है लेकिन इस घटना ने वन विभाग के वन्यजीवों की सुरक्षा के तमाम दावों की पोल खोलकर रख दी है.

Intro:भीषण गर्मी में पानी के आभाव में तड़प-तड़पकर मर गया हिरण

खातेगांव। वन विभाग द्वारा वन्यजीवों की सुरक्षा के तमाम दावे किए जा रहे है। जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है। भीषण गर्मी से इन दिनों जहाँ लोगो का जनजीवन प्रभावित हो रहा है, वही पीने का पानी नही मिलने से वन्यजीवों का जीवन भी दांव पर लगा हुआ है। गुरुवार को पानी का पानी नही मिलने से एक हिरण की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना ने वन विभाग द्वारा किये गए प्रबंध की पोल खोल कर रख दी।

Body:ऐसा ही मामला गुरुवार को कन्नौद वन परिक्षेत्र अन्तर्गत ग्राम मोहाई में सामने आया जहाँ भीषण गर्मी में पीने के पानी की तलाश में हिरण के झुंड ने जंगल से बाहर निकलकर किसानों के खेत की और रुख किया। लेकिन इस झुंड को किसान के खेत मे भी पीने का पानी नही मिला। जिसके कारण एक हिरण ने दम तोड़ दिया।

जानकारी देते हुए कुसमानिया सबरेंज के वनरक्षक संतोष बागवान ने बताया कि मुखबीर से सूचना मिली कि मोहाई के एक खेत मे हिरण मृत अवस्था मे पड़ा है। मौके पर जाकर देखा तो किसान शोभाराम जाट के खेत मे डेढ साल के हिरण की पानी नही मिलने से मौत हो गई। हिरण के शरीर पर कोई भी घाव नही पाया। ग्रामीणों के समक्ष मौका पंचनामा बनाकर मृत हिरण को पीएम के लिए कन्नौद ले गए।

Conclusion:आपको बता दे कि कुसमानिया के जंगल से लगा हुआ खिवनी अभ्यारण्य का जंगल भी है। यह जंगल वन्यजीवों के लिए संरक्षित वन क्षेत्र है। जिसमे विभिन्न प्रजाति के जीव निवास करते है। ऐसे में वन्यजीवों का बाहर निकलकर आना उनके लिए जोखिम भरा है। यह स्पष्ट नही कहा जा सकता है कि यह हिरण कौनसे जंगल से यहाँ आया। लेकिन इस घटना ने वनविभाग के द्वारा वन्यजीवों की सुरक्षा के तमाम दावों की पोल खोलकर रख दी।

उल्लेखनीय है कि इसी क्षेत्र में 10 फरवरी को करीब 12 दिन उम्र का एक हिरण का बच्चा भी पानी की तलाश में एक किसान के सूखे कुऍ में जा गिरा था। और किसान के द्वारा सूचना देने पर वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला था।

बाईट- संतोष बागवान, वन रक्षक सबरेंज कुसमानिया
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