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Awadhesh Nayak left BJP: दतिया में भाजपा को बड़ा झटका, अवधेश नायक थामेंगे कांग्रेस का 'हाथ', 2000 कार्यकर्ताओं के साथ भोपाल रवाना

दतिया से बीजेपी नेता अवधेश नायक ने बीजेपी पार्टी छोड़ दी है. आज रविवार को वह भोपाल में कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे. यह खबर दतिया के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है.

Awadhesh Nayak take membership of congress
अवधेश नायक थामेंगे कांग्रेस का हाथ
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Published : Aug 6, 2023, 1:15 PM IST

Updated : Aug 6, 2023, 1:30 PM IST

अवधेश नायक थामेंगे कांग्रेस का हाथ

दतिया। जिले में रविवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को एक बहुत बड़ा झटका लगने जा रहा है. सन 1985 से संघ के स्वयंसेवक एवं 1993 से भारतीय जनता पार्टी के एक कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में पार्टी को अपनी सेवाएं देने के बाद वरिष्ठ नेता एवं मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व उपाध्यक्ष अवधेश नायक ने भाजपा छोड़ दी है. अवधेश नायक भाजपा छोड़ कांग्रेस का हाथ थामेंगे. अवधेश नायक सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ भोपाल के लिए रवाना हो गए हैं.

1993 में की राजनैतिक करियर की शुरुआत: अवधेश नायक ने 1993 में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता लेने के बाद अपनी राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की थी. इसके बाद अवधेश नायक भाजपा के सिंबल पर दतिया नगर पालिका में पार्षद के पद पर विराजे. 2003 में अवधेश नायक पर भाजपा ने अपना विश्वास जताया और उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा. लेकिन कुछ ही मतों से अवधेश नायक यह चुनाव हार गए. 2008 में मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भारतीय जनता पार्टी ने दतिया विधानसभा से टिकट दिया. उमा भारती के बेहद करीबी माने जाने वाले अवधेश नायक उमा भारती के साथ भारतीय जनशक्ति पार्टी में पहुंचे और भारतीय जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा. इस चुनाव में भी अवधेश को पराजय मिली.

नरोत्तम मिश्रा से हुआ मतभेद: 2009 में लोकसभा चुनाव के दौरान पुनः अवधेश नायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. तभी से वह पार्टी की सेवा में जुट गए. 2018 के चुनाव में प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से अवधेश के मतभेद पैदा हो गया और अवधेश की गृहमंत्री से पटरी नहीं बैठी. आज अवधेश नायक ने बगावती स्वर अपनाते हुए भारतीय जनता पार्टी को अलविदा कह दिया है. दोपहर बाद पीसीसी कार्यालय में पीसीसी चीफ कमलनाथ के सामने अवधेश नायक कांग्रेस का हाथ थामेंगे. अवधेश के कांग्रेस में जाने के बाद कांग्रेस एवं भाजपा दोनो दलों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है. सैकड़ों समर्थकों के साथ अवधेश नायक के भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के फैसले के बाद से दतिया के सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है.

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अवधेश को लेकर उथल पुथल: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीनों का वक्त शेष है. ऐसे समय में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में उथल-पुथल की स्थिति बनी हुई है. कुछ दिनों पहले पूर्व विधायक राधेलाल बघेल ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी. आज जिले के एक और कद्दावर नेता अवधेश नायक भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं. ऐसे में भाजपा के खेमे में उदासीनता का माहौल देखा जा रहा है. कभी उमा भारती के बेहद करीबी माने जाने वाले अवधेश नायक भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा के भी करीबी माने जाते हैं. आज सैकड़ों गाड़ियों की काफिले के साथ तकरीबन 2000 कार्यकर्ताओं के साथ अवधेश नायक कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने जा रहे हैं. पीसीसी चीफ कमलनाथ नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह एवं सेवड़ा से कांग्रेस विधायक और घनश्याम सिंह अवधेश नायक को सदस्यता दिलाएंगे.

संकट मोचक के गढ़ में सेंध: प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भाजपा में संकटमोचक के रूप में जाना जाता है. तोड़फोड़ की राजनीति में भी नरोत्तम मिश्रा का कोई तोड़ नहीं है. चलती विधानसभा में विधानसभा के उप नेता को तोड़कर भाजपा में शामिल कराने की महारत नरोत्तम मिश्रा को हासिल है. जब जब भाजपा पर संकट मंडराता है तब नरोत्तम मिश्रा अपनी सियासी कलाबाजी से पार्टी एवं सरकार को संकट से उबार कर लाते हैं. पूर्व में भी कमलनाथ सरकार को गिराने में कहीं ना कहीं नरोत्तम मिश्रा की अहम भूमिका रही है. आज कांग्रेस ने नरोत्तम मिश्रा को भी एक बड़ा झटका दिया है.

अवधेश नायक थामेंगे कांग्रेस का हाथ

दतिया। जिले में रविवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को एक बहुत बड़ा झटका लगने जा रहा है. सन 1985 से संघ के स्वयंसेवक एवं 1993 से भारतीय जनता पार्टी के एक कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में पार्टी को अपनी सेवाएं देने के बाद वरिष्ठ नेता एवं मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व उपाध्यक्ष अवधेश नायक ने भाजपा छोड़ दी है. अवधेश नायक भाजपा छोड़ कांग्रेस का हाथ थामेंगे. अवधेश नायक सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ भोपाल के लिए रवाना हो गए हैं.

1993 में की राजनैतिक करियर की शुरुआत: अवधेश नायक ने 1993 में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता लेने के बाद अपनी राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की थी. इसके बाद अवधेश नायक भाजपा के सिंबल पर दतिया नगर पालिका में पार्षद के पद पर विराजे. 2003 में अवधेश नायक पर भाजपा ने अपना विश्वास जताया और उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा. लेकिन कुछ ही मतों से अवधेश नायक यह चुनाव हार गए. 2008 में मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भारतीय जनता पार्टी ने दतिया विधानसभा से टिकट दिया. उमा भारती के बेहद करीबी माने जाने वाले अवधेश नायक उमा भारती के साथ भारतीय जनशक्ति पार्टी में पहुंचे और भारतीय जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा. इस चुनाव में भी अवधेश को पराजय मिली.

नरोत्तम मिश्रा से हुआ मतभेद: 2009 में लोकसभा चुनाव के दौरान पुनः अवधेश नायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. तभी से वह पार्टी की सेवा में जुट गए. 2018 के चुनाव में प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से अवधेश के मतभेद पैदा हो गया और अवधेश की गृहमंत्री से पटरी नहीं बैठी. आज अवधेश नायक ने बगावती स्वर अपनाते हुए भारतीय जनता पार्टी को अलविदा कह दिया है. दोपहर बाद पीसीसी कार्यालय में पीसीसी चीफ कमलनाथ के सामने अवधेश नायक कांग्रेस का हाथ थामेंगे. अवधेश के कांग्रेस में जाने के बाद कांग्रेस एवं भाजपा दोनो दलों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है. सैकड़ों समर्थकों के साथ अवधेश नायक के भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के फैसले के बाद से दतिया के सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है.

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संकट मोचक के गढ़ में सेंध: प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भाजपा में संकटमोचक के रूप में जाना जाता है. तोड़फोड़ की राजनीति में भी नरोत्तम मिश्रा का कोई तोड़ नहीं है. चलती विधानसभा में विधानसभा के उप नेता को तोड़कर भाजपा में शामिल कराने की महारत नरोत्तम मिश्रा को हासिल है. जब जब भाजपा पर संकट मंडराता है तब नरोत्तम मिश्रा अपनी सियासी कलाबाजी से पार्टी एवं सरकार को संकट से उबार कर लाते हैं. पूर्व में भी कमलनाथ सरकार को गिराने में कहीं ना कहीं नरोत्तम मिश्रा की अहम भूमिका रही है. आज कांग्रेस ने नरोत्तम मिश्रा को भी एक बड़ा झटका दिया है.

Last Updated : Aug 6, 2023, 1:30 PM IST
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