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लॉकडाउन में युवाओं को अच्छी पहल, पशु-पक्षियों की बुझा रहे प्यास

गर्मी बढ़ने से पानी की परेशानियां भी बढ़ने लगी है. जंगल से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में पशु-पक्षियों को भी पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है. ऐसे में दमोह जिले के युवाओं ने अब सड़क किनारे और जहां पानी की कमी है, वहां पक्षियों के लिए सकोरे लगाए हैं.

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लॉकडाउन में पशु-पक्षियों की प्यास बुझा रहे युवा
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Published : May 4, 2020, 2:10 PM IST

दमोह। जिले के ग्रामीण अंचलों से सटे जंगलों में पानी का संकट गहराने लगा है. पत्थरीले इलाकों में पानी की कमी के कारण सबसे ज्यादा परेशानी पक्षियों और जानवरों को हो रही है. ऐसे में पक्षियों को पानी देने के लिए स्थानीय युवाओं ने सकोरे लगाए है. ताकि पक्षियों को पानी मिल सके.

लॉकडाउन में पशु-पक्षियों की प्यास बुझा रहे युवा

सबसे ज्यादा पानी की परेशानी ग्रामीण अंचलों से लगे पथरीले जंगली इलाकों में हो रही है. जंगल से सटे चौरैया गांव के युवाओं ने एक पहल करते हुए सड़क के पास के जंगलों में कुछ पेड़ों पर सकोरे लगाए गए हैं. जिनमें यह युवा सुबह-शाम पानी भरकर पक्षियों की प्यास बुझा रहे हैं. युवाओं का कहना है कि, वे लोग जंगली बंदरों के लिए भी खाने का इंतजाम करते हैं.

ग्रामीण युवाओं की पहल के बाद जहां पक्षियों को पानी मिल रहा है. वही लॉकडाउन के दिनों में पक्षियों के लिए भी युवाओं की यह सोच सराहनीय है. हालांकि, बीते सालों में गर्मी के दिनों में लोग सकोरे लगाकर पक्षियों को पानी की व्यवस्था करते रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के दिनों में जहां लोगों को अपने जीवन की परेशानी है. ऐसे में इस तरह की सोच के साथ काम करना निश्चित ही अभिनंदनीय कहा जा सकता है.

दमोह। जिले के ग्रामीण अंचलों से सटे जंगलों में पानी का संकट गहराने लगा है. पत्थरीले इलाकों में पानी की कमी के कारण सबसे ज्यादा परेशानी पक्षियों और जानवरों को हो रही है. ऐसे में पक्षियों को पानी देने के लिए स्थानीय युवाओं ने सकोरे लगाए है. ताकि पक्षियों को पानी मिल सके.

लॉकडाउन में पशु-पक्षियों की प्यास बुझा रहे युवा

सबसे ज्यादा पानी की परेशानी ग्रामीण अंचलों से लगे पथरीले जंगली इलाकों में हो रही है. जंगल से सटे चौरैया गांव के युवाओं ने एक पहल करते हुए सड़क के पास के जंगलों में कुछ पेड़ों पर सकोरे लगाए गए हैं. जिनमें यह युवा सुबह-शाम पानी भरकर पक्षियों की प्यास बुझा रहे हैं. युवाओं का कहना है कि, वे लोग जंगली बंदरों के लिए भी खाने का इंतजाम करते हैं.

ग्रामीण युवाओं की पहल के बाद जहां पक्षियों को पानी मिल रहा है. वही लॉकडाउन के दिनों में पक्षियों के लिए भी युवाओं की यह सोच सराहनीय है. हालांकि, बीते सालों में गर्मी के दिनों में लोग सकोरे लगाकर पक्षियों को पानी की व्यवस्था करते रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के दिनों में जहां लोगों को अपने जीवन की परेशानी है. ऐसे में इस तरह की सोच के साथ काम करना निश्चित ही अभिनंदनीय कहा जा सकता है.

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