दमोह। नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है. ऐसे में चारों तरफ देवी के पंडाल सजे हुए हैं और लोग देवी की भक्ति में लीन हैं, लेकिन कई भक्तों को भक्ति कब अंधविश्वास में बदल जाती है, इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है. दमोह से महज 20 किलो मीटर दूर हिंडोरिया में भी एक एसी ही घटना सामने आई, जिसमें एक महिला ने परिवार की सुख समृद्धी की कामना करते हुए अपनी जीभ काटकर देवी को चढ़ा दी.
आस्था या अंधविश्वास
जिले के कस्बाई इलाके हिंडोरिया में एक महिला माता रानी की भक्ति में इतनी लीन हुई कि जब वह रात में माता रानी के पंडाल पूजा कर रही थी तभी उसने अपनी जीभ काटकर माता रानी को चढ़ा दी. यह बात पता चलने के बाद इसे देखने के लिए इलाके में लोगों की भीड़ जमा हो गई, लेकिन इस तरह की घटना को आस्था कहा जाए या अंधविश्वास यह सवाल जरूर उठ रहा है.
देवी दुर्गा के चरणों में अपनी जीभ भेंट करने वाली महिला का नाम संगीता बाई है, जो कि हिंडोरिया की निवासी है. इस महिला ने बताया कि उसने अपने परिवार की भलाई के लिए, बच्चों की खुशी के लिए अपनी जीभ माता को अर्पण की है.
अक्सर नवरात्रि में कई ऐसी अंधविश्वासी मान्यताएं सामने आती हैं और इस तरह के कृत्यों से लोग अपनी और अपने परिवार की जान को भी खतरे में डालते हैं और इसे आस्था का नाम देते हैं. अपनी जीभ काटने के फैसले से महिला को जरा भी दुख नहीं है और न ही उसे इस बात की चिंता है कि अब वो ठीक से बोल पाएगी या नहीं, बल्कि महिला खुश है.
मैहर में भक्त काटा गला
नवरात्रि के बीच ठीक ऐसी घटना सतना जिले में प्रसिद्ध देवी स्थान मैहर से भी सामने आ चुकी है जहां मंदिर की सीढ़ियों पर एक भक्त ने अपनी गर्दन ब्लेड से काट ली थी. बाद में उस व्यक्ति को वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने अस्पताल में भर्ती कराया था.
नोट- ईटीवी भारत इस तरह के किसी भी अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है.