ETV Bharat / state

वन माफिया ने कटवाए लाखों रुपए के सागौन के पेड़, अधिकारियों की मिलीभगत से दिया अंजाम - पेड़ों

छतरपुर के बिजावर में राजस्व विभाग की मिलीभगत से लाखों रुपये की कीमत के 35 सागौन के हरे पेड़ों को वन माफिया काट कर उठा ले गए. इसकी भनक न तो स्थानीय प्रशासन को लगी और न ही वन विभाग को.

राजस्व और वन विभाग ने कटवा दिए मिलीभगत से 35 पेड़
author img

By

Published : Jul 17, 2019, 7:18 PM IST

Updated : Jul 17, 2019, 7:24 PM IST

छतरपुर। बिजावर इलाके में अधिकारियों की मिलीभगत से वन माफिया लाखों रुपए के सागौन के पेड़ काट कर उठा ले गए, किसी को भी इसकी भनक नहीं लगी. वन विभाग के कक्ष क्रमांक P- 323 पठारी बीट इलाके में स्थित गांव नयाताल में सागौन के पेड़ों से पूरा इलाका हरा हो गया था. इसी का फायदा उठाते हुए स्थानीय निवासी नारायण सिंह लाखों रुपए के सागौन के पेड़ कटवा लिए. आरोपी ने राजस्व विभाग को आवेदन देकर पेड़ों को कटवाने की इजाजत ये कहते हुए मांगी की पेड़ उनकी निजी जमीन पर हैं. संविदा पद पर नियुक्त तहसीलदार रामहित साहू ने बिना जांच किये कागजों की खानापूर्ति कर पेड़ों की कटाई की अनुमति दे दी. जो संदेह के दायरे में आ रही है.

राजस्व और वन विभाग ने कटवा दिए मिलीभगत से 35 पेड़


बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने जिस जगह पेड़ काटने की अनुमति दी, वहां का मुआयना नहीं किया और बिना जांच के ही पेड़ों को काट दिया गया. इस मामले में अधिकारियों और वन माफियाओं की मिली भगत का मामला सामने आया है. वहीं इस मामले में जिम्मेदारों का कहना है कि हमने अनुमति नहीं दी है, सवाल राजस्व विभाग से करें या वन विभाग से दोनों ही जांच का हवाला देते हुए गोलमोल जबाब देते नजर आ रहे हैं. जबकि मौके पर मौजूद वन सीमा चिन्ह (मुनारे) देखने में साफ गड़बड़ी का इशारा कर रहे हैं.

छतरपुर। बिजावर इलाके में अधिकारियों की मिलीभगत से वन माफिया लाखों रुपए के सागौन के पेड़ काट कर उठा ले गए, किसी को भी इसकी भनक नहीं लगी. वन विभाग के कक्ष क्रमांक P- 323 पठारी बीट इलाके में स्थित गांव नयाताल में सागौन के पेड़ों से पूरा इलाका हरा हो गया था. इसी का फायदा उठाते हुए स्थानीय निवासी नारायण सिंह लाखों रुपए के सागौन के पेड़ कटवा लिए. आरोपी ने राजस्व विभाग को आवेदन देकर पेड़ों को कटवाने की इजाजत ये कहते हुए मांगी की पेड़ उनकी निजी जमीन पर हैं. संविदा पद पर नियुक्त तहसीलदार रामहित साहू ने बिना जांच किये कागजों की खानापूर्ति कर पेड़ों की कटाई की अनुमति दे दी. जो संदेह के दायरे में आ रही है.

राजस्व और वन विभाग ने कटवा दिए मिलीभगत से 35 पेड़


बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने जिस जगह पेड़ काटने की अनुमति दी, वहां का मुआयना नहीं किया और बिना जांच के ही पेड़ों को काट दिया गया. इस मामले में अधिकारियों और वन माफियाओं की मिली भगत का मामला सामने आया है. वहीं इस मामले में जिम्मेदारों का कहना है कि हमने अनुमति नहीं दी है, सवाल राजस्व विभाग से करें या वन विभाग से दोनों ही जांच का हवाला देते हुए गोलमोल जबाब देते नजर आ रहे हैं. जबकि मौके पर मौजूद वन सीमा चिन्ह (मुनारे) देखने में साफ गड़बड़ी का इशारा कर रहे हैं.

Intro: स्पेशल-
राजस्व विभाग की मिली भगत से लाखो रुपय
राजस्व विभाग की मिली भगत से लाखो रुपये की कीमत के 35 बहुमूल्य हरे सागौन के पेड़ों को वन माफियाओं ने काटा ----
बिजावर- वन विभाग के कक्ष क्रमांक P 323 पठारी बीट के अंतर्गत काफी हरा भरा जंगल जो ग्राम नयाताल से लगा हुआ है यही के निवासी नारायण सिंह द्वारा राजस्व विभाग में आवेदन देकर अपनी निजी भूमि से सागौन के पेड़ों की कटाई की अनुमति मांगी गयी संविदा पद पर नियुक्त तहसीलदार रामहित साहू द्वारा बिना जांच कागजों की खानापूर्ति करते हुए हरे जीवित पेड़ों की कटाई
की अनुमति दे दी गयी जो संदेह पैदा करती है Body:मौके पर कोई जिम्मेदार अधिकारीयो का न पहुंचना और एयर कंडीशन में बैठकर हरे पेड़ों की कटाई का फरमान जारी कर दिया गया, जबकि अनापत्ति वन विभाग से भी मांगी गई होगी उस वक्त भी वन विभाग के जुम्मेदार भी मौका पर न जाकर वन विभाग ने अपनी सहमति कर दी,जो मिली भगत की ओर इशारा करते है पेड़ राजस्व में है और मीडिया के पूछने पर जवाब दिया कि हमने अनुमति नहीं दी है सवाल राजस्व विभाग से करे या बन बिभाग से दोनों ही जांच का हवाला देते हुए गोलमोल जबाब देते नजर आ रहे है जबकि मौके पर मौजूद वन सीमा चिन्ह (मुनारे) देखने मे साफ गड़बड़ी का इशारा कर रहे है सभी नियमो की धज्जियां उड़ा कर हरे भरे पेड़ तो काटे गए है पेड़ हम आप सभी के लिए जीवन दाता है करोड़ो रूपये खर्च कर बिज्ञापन कराए जाते है पेड़ मत काटो लेकिन वन विभाग ने अपने पेड़ो को दूसरे विभाग का बताकर मिली भगत कर माफियाओं के हाथों से कटवा दिया गया ,अब इन विभागीय अधिकारियों की मिली भगत के कारण ही पर्यावरण संतुलन का खतरा हो रहा है यही वे अधिकारी-कर्मचारी हैं जो पर्यावरण दिवस पर एक पेड़ लगाने के लिए बड़े बड़े नेताओं समाज सेवकों के समक्ष बड़े टेंट लगाकर कार्यक्रमों का आयोजन कर शासन की मोटी रकम खर्च कर सोशल मीडिया पर फोटो डालकर संदेश देते हैं कि पेड़ हमारे जीवन का आधार है
Conclusion: अनुमति किसी ने दी हो हरे-भरे वृक्षों को काटने लिए अनुमति आंखों पर पट्टी बांध कर दोनों विभागों ने कैसे जारी कर दी यह जांच का विषय है एक साथ इतने पेड़ों को काटने की अनुमति देना संदेहास्पद है । प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला पठारी बीट क्षेत्र का है बीट गार्ड बिलगांय से सत्यापन कराया गया है ऐसी जानकारी जन चर्चा का विषय बनी हुई है पूर्व में रहे रेंजर एस.के सचान की भूमिका संदेहास्पद लग रही है इन काटे गए पेड़ों से जो वेश कीमती इमारती लकड़ी इकठ्ठा की गई है उसकी माप कुल 203 नग 17.281 घन मीटर है यह सरकारी आंकड़ा है और गोलमाल कितना है ये तो उन इमानदार अधिकारियों को पता होगा । इस क्षेत्र वनों की अंधाधुंध पेड़ों की कटाई के लिए दोनों विभागों के उच्चाधिकारी यदि पूर्ण ईमानदारी से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करते हैं तो पर्यावरण का संतुलन बना रहना तय है नहीं तो पर्यावरण दिवस पर ही सोशल मीडिया पर पेड़ लगाए प्राण बचाए के नारे लगाते दिखेंगे और जंगलों से पेड़ साफ़ मिलेंगे।

वाइट-1 - अनुपम सहाय (डीएफओ जिलाछतरपुर)

वाइट-2- मनोज मालवीय (एस.डी.एम.बिजावर )

वाइट -3- ए.के. तिवारी रेंजर बिजावर

वाइट -4- राजकुमार अहिरवार बीट गार्ड पठारी
स्पेशल
mp_chr_01_pedo_ki_katai_milibhagat_pkg_mpc10030
Last Updated : Jul 17, 2019, 7:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.