दमोह। मध्य प्रदेश शासन द्वारा अब मजदूरों को उनके गृह जिलों में भेजने की शुरुआत की गई है. इसके तहत आज दो बसें शहडोल के लिए रवाना की गई तो एक बस पन्ना से यहां आई, जहां उनकी जांच की गई. साथ ही उनको क्वॉरेंटाइन किए जाने के निर्देश दिए गए.
प्रदेश के एक जिले से दूसरे जिले में लॉकडाउन के तहत फंसे हुए मजदूरों को उनके जिलों में भेजने की शुरूआत आज दमोह से की गई. आज शाम दो बस शहडोल के लिए रवाना हुई, जिसमें 38 मजदूर और दूसरी बस में 33 मजदूर बैठे. इन्हें एसडीएम रवीन्द्र चौकसे और तहसीलदार डॉ बबीता राठौर ने पत्र सौंपते हुए रवाना किया. दोनों बसों में मजदूरों का एक टीम लीडर बनाकर पत्र भी सौंपा गया. शाम छह बजे ही मारूताल बायपास पर पन्ना जिले के पवई से एक बस मजदूरों को लेकर दमोह पहुंची. इसमें 17 मजदूर आए. साथ में एक ऑटोरिक्शा भी आया, जिसमें तीन मजदूर थे. यहां पहुंचते ही एसडीएम ने सभी से चर्चा की और तहसीलदार ने सूची से नाम मिलान किया. यहां मेडिकल टीम ने सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया.
बता दें कि आज सुबह कलेक्टर तरूण राठी ने सभी एसडीएम, तहसीलदार और सीईओ जनपदों की बैठक लेकर जिले में बाहर के सभी मजदूरों को उनके गृहजिले में भेजने के निर्देश दिए थे. कलेक्टर के निर्देशानुसार हटा से तीन बसों से 52 मजदूरों को पन्ना जिले के लिए रवाना किया जा रहा है.