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दमोह में रैन बसेरों का रियलिटी चेक, लोगों ने अच्छी व्यवस्था होने की कही बात

इन दिनों प्रदेश ठंड से जूझ रहा है और ऐसे में ईटीवी भारत जिलों में स्थित रैन बसेरों का रियलिटी चेक कर रहा है कि यहां बाहर से आ रहे लोगों के लिए क्या व्यवस्था प्रशासन ने की हैं.

Reality check of night shelters by etv bharat
रैन बसेरों का रियलिटी चेक
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Published : Jan 15, 2020, 9:13 AM IST

दमोह। जिले में नगर पालिका द्वारा संचालित केवल एक ही रेन बसेरा है. पहले रैन बसेरा बस स्टैंड पर संचालित होता था, लेकिन वहां पर बिल्डिंग खराब हो जाने के बाद जिला अस्पताल परिसर में इसका निर्माण किया गया और तब से लेकर अभी तक यहीं पर रैन बसेरे का संचालन किया जाता है. यहां पर प्रमुख रूप से मरीजों के परिजन रुकने के लिए आते हैं.

रैन बसेरों का रियलिटी चेक
जिला मुख्यालय में जिला अस्पताल परिसर के अंतर्गत अटल आश्रय के नाम से रैन बसेरे का संचालन किया जाता है. नेहरू युवा केंद्र को यह केंद्र संचालन करने के लिए मिला है. जहां पर कर्मचारी काम करके इस रेन बसेरा को चलाते हैं. कुछ लोग यहां पर मरीजों के परिजन के रूप में आते हैं, जो यहां की व्यवस्थाओं के तहत यहां रुकते हैं. कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें रैन बसेरा कर्मचारी बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से लेकर आते हैं. यह क्रम लगातार जारी रहता है.

जब हमने यहां पर पदस्थ लोगों से बातचीत की, तो उनका कहना था कि दमोह के रैन बसेरा में 20 बेड पुरुषों के लिए लगाए गए हैं, तो करीब 10 बेड महिलाओं के लिए मौजूद हैं. यहां रुकने वाले लोगों को केवल अपना पहचान पत्र दिखाना होता है. नगर पालिका के माध्यम से इसका संचालन होने के कारण कोई शुल्क नहीं लिया जाता और सभी तरह की व्यवस्था दी जाती है. पलंग, बिस्तर, कंबल के साथ पीने के पानी और निस्तार आदि की सुविधा यहां उपलब्ध हैं.

यहां पर आए एक व्यक्ति से भी हमने चर्चा की, तो उनका कहना था कि उन्हें अच्छी सुविधा मिल रही है. वहीं यहां के मैनेजर का भी यही कहना है कि रैन बसेरे का संचालन किया जा रहा है, जहां पर उनकी ओर से व्यवस्थाएं ठीक रखी जाती हैं.

दमोह में स्थित रैन बसेरा में रियलिटी चेक के दौरान व्यवस्था ठीक-ठाक नजर आई, हालांकि यहां पर रुकने के लिए आने वाले लोगों की संख्या देर रात ही बढ़ती है. यहां पर पदस्थ कर्मचारी रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड जाकर लोगों को रैन बसेरा का लाभ मिलने की जानकारी देकर साथ लेकर आते हैं. ऐसे में दमोह का रैन बसेरा रियलिटी चेक के हिसाब से ठीक-ठाक व्यवस्थाओं के नंबर पाने का हकदार है.

दमोह। जिले में नगर पालिका द्वारा संचालित केवल एक ही रेन बसेरा है. पहले रैन बसेरा बस स्टैंड पर संचालित होता था, लेकिन वहां पर बिल्डिंग खराब हो जाने के बाद जिला अस्पताल परिसर में इसका निर्माण किया गया और तब से लेकर अभी तक यहीं पर रैन बसेरे का संचालन किया जाता है. यहां पर प्रमुख रूप से मरीजों के परिजन रुकने के लिए आते हैं.

रैन बसेरों का रियलिटी चेक
जिला मुख्यालय में जिला अस्पताल परिसर के अंतर्गत अटल आश्रय के नाम से रैन बसेरे का संचालन किया जाता है. नेहरू युवा केंद्र को यह केंद्र संचालन करने के लिए मिला है. जहां पर कर्मचारी काम करके इस रेन बसेरा को चलाते हैं. कुछ लोग यहां पर मरीजों के परिजन के रूप में आते हैं, जो यहां की व्यवस्थाओं के तहत यहां रुकते हैं. कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें रैन बसेरा कर्मचारी बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से लेकर आते हैं. यह क्रम लगातार जारी रहता है.

जब हमने यहां पर पदस्थ लोगों से बातचीत की, तो उनका कहना था कि दमोह के रैन बसेरा में 20 बेड पुरुषों के लिए लगाए गए हैं, तो करीब 10 बेड महिलाओं के लिए मौजूद हैं. यहां रुकने वाले लोगों को केवल अपना पहचान पत्र दिखाना होता है. नगर पालिका के माध्यम से इसका संचालन होने के कारण कोई शुल्क नहीं लिया जाता और सभी तरह की व्यवस्था दी जाती है. पलंग, बिस्तर, कंबल के साथ पीने के पानी और निस्तार आदि की सुविधा यहां उपलब्ध हैं.

यहां पर आए एक व्यक्ति से भी हमने चर्चा की, तो उनका कहना था कि उन्हें अच्छी सुविधा मिल रही है. वहीं यहां के मैनेजर का भी यही कहना है कि रैन बसेरे का संचालन किया जा रहा है, जहां पर उनकी ओर से व्यवस्थाएं ठीक रखी जाती हैं.

दमोह में स्थित रैन बसेरा में रियलिटी चेक के दौरान व्यवस्था ठीक-ठाक नजर आई, हालांकि यहां पर रुकने के लिए आने वाले लोगों की संख्या देर रात ही बढ़ती है. यहां पर पदस्थ कर्मचारी रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड जाकर लोगों को रैन बसेरा का लाभ मिलने की जानकारी देकर साथ लेकर आते हैं. ऐसे में दमोह का रैन बसेरा रियलिटी चेक के हिसाब से ठीक-ठाक व्यवस्थाओं के नंबर पाने का हकदार है.

Intro:रैन बसेरा की वर्तमान स्थिति पर ईटीवी भारत का रियलिटी चेक चेक

दमोह की जिला अस्पताल परिसर में बना अटल आश्रय, रेन बसेरा रुकने आते हैं लोग

Anchor. दमोह जिला मुख्यालय पर नगर पालिका द्वारा संचालित केवल एक ही रेन बसेरा है. पहले रैन बसेरा बस स्टैंड पर संचालित होता था, लेकिन वहां पर बिल्डिंग खराब हो जाने के बाद जिला अस्पताल परिसर में इसका निर्माण किया गया और तब से लेकर अभी तक यहीं पर रैन बसेरा का संचालन किया जाता है. यहां पर प्रमुख रूप से मरीजों के परिजन रुकने के लिए आते हैं.


Body:Vo. जिला मुख्यालय पर जिला अस्पताल परिसर के अंतर्गत अटल आश्रय के नाम से रैन बसेरा का संचालन किया जाता है. नेहरू युवा केंद्र को यह केंद्र संचालन करने के लिए मिला है. जहां पर कर्मचारी काम करके इस रेन बसेरा को चलाते हैं. कुछ लोग यहां पर मरीजों के परिजन के रूप में आते हैं, जो यहां की व्यवस्थाओं के तहत यहां रुकते हैं. अनेक लोग ऐसे हैं जिनको रैन बसेरा कर्मचारी बस स्टैंड एवं रेलवे स्टेशन से लेकर के आते हैं. यह क्रम लगातार जारी रहता है. जब हमने यहां पर यहां पदस्थ लोगों से बातचीत की तो उनका कहना था कि दमोह के रैन बसेरा में 20 बेड पुरुषों के लिए लगाए गए हैं तो करीब 10 बेड महिलाओं के लिए मौजूद हैं. जिनको केवल अपना पहचान पत्र दिखाकर की यहां पर एक रात रुकने के लिए दिया जाता है. जिसके लिए नगरपालिका के माध्यम से इसका संचालन होने के कारण कोई शुल्क नहीं लिया जाता और सभी तरह की व्यवस्था दी जाती है. पलंग, बिस्तर, कंबल के साथ पीने के पानी और निस्तार आदि की सुविधा यहां उपलब्ध है. यहां पर आए एक व्यक्ति से भी हमने चर्चा की तो उनका कहना था कि उनको अच्छी सुविधा मिल रही है. वहीं यहां के मैनेजर का भी यही कहना है कि रैन बसेरा का संचालन किया जा रहा है. जहां पर उनकी ओर से व्यवस्थाएं ठीक रखी जाती हैं.


Conclusion:Vo. दमोह में स्थित रैन बसेरा में रियलिटी चेक के दौरान व्यवस्था ठीक-ठाक नजर आई. हालांकि यहां पर रुकने के लिए आने वाले लोगों की संख्या देर रात ही बढ़ती है. यहां पर पदस्थ कर्मचारी रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड जाकर लोगों को रैन बसेरा का लाभ मिलने की जानकारी देकर साथ लेकर आते हैं. ऐसे में दमोह का रैन बसेरा रियलिटी चेक के हिसाब से ठीक-ठाक व्यवस्थाओं के नंबर पाने का हकदार है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत मध्य प्रदेश
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