दमोह। जिले में पॉलिटेक्निक कॉलेज के पीछे और परशुराम टेकरी से लगी वनभूमि से अतिक्रमण हटाने के दौरान जमकर हंगामा हुआ. कार्रवाई के दौरान राजस्व और वन विभाग के अमले पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया. हमले में डिप्टी रेंजर सहित 3 लोग घायल हो गए. मौके पर काफी भगदड़ भी मच गई थी. इस दौरान अमले ने जैसे-तेसे भागकर अपनी जान बचाई. वहीं बाद में स्थानीय कलेक्ट्रेट पहुंच गए, जहां उन्होंने कार्रवाई के विरोध में जमकर बवाल काटा.
दरअसल दमोह के पॉलिटेक्निक कॉलेज के पीछे करीब एक हजार परिवार निवास करते हैं. कई लोगों ने वनभूमि पर अतिक्रमण किया हुआ था. जिसके हटाने के लिए तहसीलदार बबीता राठौर और रेंजर महिपाल सिंह के नेतृत्व में एक टीम भेजी गई. मौके पर पहुंचकर जैसी ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई, वैसे ही कुछ स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया. अमले पर पत्थल, लाठी और हंसिया से हमला किया गया. जिसमें डिप्टी रेंजर तनवीर अहमद, ट्रैक्टर चालक गोविंद और चैना अहिरवार घायल हो गए.
पत्थर और लाठी से हमला
मामले में रेंजर महिपाल सिंह ने बताया कि वनभूमि पर कुछ लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ था. जिसे हटाने के लिए सोमवार को राजस्व और वन विभाग का अमला पहुंचा. जैसे ही कार्रवाई शुरू की, वैसे ही स्थानीय लोगों ने पत्थर और लाठियों से हमला कर दिया. इस दौरान काफी भगदड़ मच गई, और अमले के कर्मचारियों ने भागकर अपनी जान बचाई.
घायल ट्रैक्टर चालक गोविंद पटेल ने बताया कि वह अतिक्रमण का सामान उठाने टीम के साथ गया था. जिस दौरान 15-20 लोगों ने उसे घेर लिया और मारपीट शुरू कर दी. भीड़ से जैसे-तैसे वह जान छुड़ाकर भागा. इस दौरान गोविंद को कई गंभीर चोटें आई हैं. इलाज के लिए उसे अस्पताल में भती कर दिया गया है.
कार्रवाई के विरोध में स्थानीय पहुंचे कलेक्ट्रेट
अतिक्रमण हटाए जाने के बाद दर्जनों महिलाएं और पुरुष कलेक्ट्रेट पहुंच गए. वहां पर उन्होंने जमकर हंगामा किया और धरने पर बैठ गए. इस दौरान विरोध कर रहे लोगों ने कलेक्टर कक्ष में भी घुसने का प्रयास किया. हालांकि पुलिस ने उन्हें किसी तरह समझाइश देकर वापस भेजा दिया. स्थानीय लोगों ने अपनी समस्याओं के संबंध में एक ज्ञापन भी ADM नाथूराम गौंड को दिया है.
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स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लगाए आरोप
बस्ती में रहने वाले लोगों का कहना है कि वह सालों से इस जगह पर रह रहे हैं. स्थानीय निवासी सरोज कहती हैं कि दमोह से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में वह केस जीत चुकी हैं, लेकिन पुलिस वाले और सरकारी कर्मचारी जबरन उनके मकान तोड़ने पहुंच जाते हैं, बारिश का मौसम शुरू हो चुका है, ऐसे में सभी रहने के लिए कहां जाएं. वहीं विरोध करने वाली महिलाओं ने पुलिस पर मारपीट के भी आरोप लगाए.