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MP Damoh Conversion Case ईसाई छात्रावास में धर्मांतरण के मामले में निःशक्तजन आयुक्त ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा

दमोह की आधारशिला संस्थान कैंपस में संचालित हो रहे छात्रावासों में बच्चों को अवैध ढंग से ईसाई धर्म की शिक्षा देने व धर्म परिवर्तन (MP Damoh Conversion Case) कराने का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद अब निःशक्तजन आयुक्त मध्यप्रदेश संदीप रजक ने संज्ञान लिया है. आयुक्त ने जांच करने के बाद 7 दिन में जवाब मांगा है. आयुक्त ने बताया कि इस छात्रावास का पंजीयन भी हमारे पास नहीं हुआ.

MP Damoh Conversion Case
धर्मांतरण के मामले में निःशक्तजन आयुक्त ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा
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Published : Nov 16, 2022, 7:27 PM IST

जबलपुर। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष के दौरे के बाद धर्मांतरण को लेकर कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है. छात्रावास में मौजूद बच्चों को ईसाई धर्म की शिक्षा याने धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया जा रहा था. जिसके खुलासे के बाद आधारशिला संस्था के अजय लाल समेत 9 पदाधिकारियों पर तो एफआईआर दर्ज हो गई लेकिन अब निः शक्त जन आयुक्त न्यायालय द्वारा एक पत्र पूरे मामले को लेकर कलेक्टर समेत एसपी दमोह को जारी किया है. पत्र में तहा गया है कि पूरे मामले की गंभीरता से न्यायिक जांच कर 7 दिवस के भीतर जांच प्रतिवेदन पेश करें.

धर्मांतरण के मामले में निःशक्तजन आयुक्त ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा

आवश्यक कदम उठाने के निर्देश : गौरतलब है कि दिव्यांग बच्चों को ना केवल संस्थान में बंद रखा जा रहा था, बल्कि उन्हें ईसाई धर्म की शिक्षा भी दी जा रही थी. इस पूरे मामले ने एक बार फिर ईसाई मिशनरी के कार्यकलापों पर सवाल खड़ा किया है. निःशक्तजन आयुक्त ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है और वह हर हाल में वहां मौजूद बच्चों के सुरक्षा और उनके संरक्षण के लिए जरूरी कदम उठाने की बात भी कह रहे हैं.

MP Damoh Conversion Case
धर्मांतरण के मामले में निःशक्तजन आयुक्त ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा

MP Conversion Case मिशनरी छात्रावासों की जांच में सामने आए धर्मांतरण के मामले,10 लोगों के खिलाफ FIR

हमारे पास नहीं कराया पंजीयन : पत्र में उन्होंने निर्देश दिए हैं कि छात्रावास में मौजूद बच्चों को समुचित स्थान और सुरक्षा दी जाए और उनका पूरा ध्यान भी रखा जाए. आयुक्त निःशक्तजन ने बताया कि जो संस्थान इस धर्मांतरण के खेल में लिप्त हैं. उसने हमारे कार्यालय से कोई पंजीयन भी प्राप्त नहीं किया.

जबलपुर। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष के दौरे के बाद धर्मांतरण को लेकर कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है. छात्रावास में मौजूद बच्चों को ईसाई धर्म की शिक्षा याने धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया जा रहा था. जिसके खुलासे के बाद आधारशिला संस्था के अजय लाल समेत 9 पदाधिकारियों पर तो एफआईआर दर्ज हो गई लेकिन अब निः शक्त जन आयुक्त न्यायालय द्वारा एक पत्र पूरे मामले को लेकर कलेक्टर समेत एसपी दमोह को जारी किया है. पत्र में तहा गया है कि पूरे मामले की गंभीरता से न्यायिक जांच कर 7 दिवस के भीतर जांच प्रतिवेदन पेश करें.

धर्मांतरण के मामले में निःशक्तजन आयुक्त ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा

आवश्यक कदम उठाने के निर्देश : गौरतलब है कि दिव्यांग बच्चों को ना केवल संस्थान में बंद रखा जा रहा था, बल्कि उन्हें ईसाई धर्म की शिक्षा भी दी जा रही थी. इस पूरे मामले ने एक बार फिर ईसाई मिशनरी के कार्यकलापों पर सवाल खड़ा किया है. निःशक्तजन आयुक्त ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है और वह हर हाल में वहां मौजूद बच्चों के सुरक्षा और उनके संरक्षण के लिए जरूरी कदम उठाने की बात भी कह रहे हैं.

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हमारे पास नहीं कराया पंजीयन : पत्र में उन्होंने निर्देश दिए हैं कि छात्रावास में मौजूद बच्चों को समुचित स्थान और सुरक्षा दी जाए और उनका पूरा ध्यान भी रखा जाए. आयुक्त निःशक्तजन ने बताया कि जो संस्थान इस धर्मांतरण के खेल में लिप्त हैं. उसने हमारे कार्यालय से कोई पंजीयन भी प्राप्त नहीं किया.

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