दमोह। जिले के नवनियुक्त प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि कोरोना काल में निजी डॉक्टर्स ने सीटी स्कैन के नाम पर मरीजों से खूब पैसे बनाए हैं. इसलिए अब प्रदेश सरकार जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगा रही है. यह बयान उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान दिया.
दरअसल, प्रदेश के परिवहन एवं जिला के प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत शनिवार को पहली बार प्रभारी मंत्री बनने के बाद दमोह पहुंचे. यहां उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं की बैठक ली साथ ही कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में भाग लिया. उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि कोरोना काल में निजी डॉक्टरों ने सीटी स्कैन के नाम पर मरीजों से दोगुने और तीन गुने रुपए लिए हैं, जो सीटी स्कैन 5 हजार रुपए का होता है, उसके 15 हजार रुपए तक वसूल किए गए हैं. इसलिए अब प्रदेश सरकार जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगाने जा रही है. मंत्री ने कहा कि, सितंबर तक तीसरी लहर आने आने की संभावना बताई जा रही है, लेकिन अगस्त के आखिर तक जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगा दी जाएगी.
प्रभारी मंत्री ने मीडिया के सामने स्वीकार किया कि कोरोना काल में प्रदेश सरकार ऑक्सीजन की कमी से बहुत हद तक जूझती रही है, लेकिन खुशी की बात यह है कि कोरोना की समाप्ति तक सरकार के पास सर प्लस ऑक्सीजन थी. अब सभी चयनित जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं. इसके लिए केंद्र सरकार ने भी बजट दे दिया है. दमोह में ऑक्सीजन प्लांट लगने में हो रहे विलंब के सवाल पर राजपूत ने कहा कि इस संबंध में उनकी कलेक्टर और सीएमएचओ से चर्चा हुई है. ऑक्सीजन प्लांट निकल चुका है. इस हफ्ते के आखिर तक स्थापित कर दिया जाएगा. मंत्री राजपूत ने आगे बताया कि उन्होंने सौ बिस्तर से अधिक बेड वाले अस्पतालों को भी निर्देश दिए हैं कि वह भी ऑक्सीजन प्लांट अपने स्तर पर लगा लें, क्योंकि वह सक्षम है. सरकार का मुंह न ताकें. प्रदेश में कई बड़े अस्पतालों ने अपने निजी प्लांट लगवा भी लिए हैं.
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क्राइसिस मैनेजमेंट एमपी की देन
प्रभारी मंत्री राजपूत ने कहा कि क्राइसिस मैनेजमेंट का गठन देश में सबसे पहले मध्य प्रदेश में किया गया था और यह सफल भी रहा. क्राइसिस मैनेजमेंट ने बहुत ही अच्छा काम किया है. चाहे मरीजों को भर्ती कराने का काम हो, लोगों के वैक्सीनेशन का काम हो, उनके उपचार का काम हो या मरीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाए जाने या डॉक्टरों की नियुक्ति का काम हो. क्राइसिस मैनेजमेंट ने बखूबी पूरा किया है. यह मॉडल अब दूसरी जगह भी अपनाया जा रहा है.
आईसीयू के बेड बढ़ेंगे
मंत्री राजपूत ने आगे कहा कि बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि तीसरी लहर आने के पहले आई सी यू के बेड बढ़ाई जाएं. पर्याप्त ऑक्सीजन की व्यवस्था की जाए, ताकि किसी मरीज को बाहर न भटकना पड़े. इसके अलावा जिन लोगों की मृत्यु कोरोना से हुई है. उन्हें प्रदेश सरकार हर हाल में मुआवजा देगी. बच्चों में तीसरी लहर के असर की संभावना को देखते हुए स्पष्ट रूप से विशेष व्यवस्थाएं करने के निर्देश भी दिए गए हैं. संविदा नर्स और डॉक्टर को निकाले जाने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें निकाला नहीं गया है, बल्कि अलग-अलग जगह एडजस्ट किया गया है. तीसरी लहर में पुनः उनसे काम लिया जाएगा. बैठक के बाद प्रभारी मंत्री ने कलेक्ट्रेट परिसर में बरगद का पौधा रोपा.