दमोह। बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रदेश में राजनीतिक और धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध है. लेकिन इसके बाद भी 30 मई को कई जगह राजनीतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. दरअसल मोदी सरकार के 7 साल पूरे होने पर देशभर में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था दमोह जिले की पथरिया तहसील में भी रविवार को 'सेवा ही संगठन' के तहत रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ. जिसमें केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल के साथ कई बीजेपी नेता शामिल हुए थे. इस दौरान सभी को सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते देखा गया.
जिले में धारा-144 लागू
बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते दमोह जिले की राजस्व सीमा में धारा-144 लगाई गई है. पुलिस विभाग और प्रशासन के कर्मचारी संयुक्त रूप से कोरोना की गाइडलाइन का पालन कराने में लगे हुए हैं. ऐसे में सत्ताधारी पार्टी के लोग ही विभिन्न कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को इकठ्ठा कर कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते दिखे. जबकि धारा-144 के चलते आम लोगों के जुटने पर प्रशासन कार्रवाई कर रहा है. ऐसे में बीजेपी पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं.
कोरोना गाइडलाइन की उड़ा दी धज्जियां
एक तरफ प्रशासन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए मशक्कत कर रहा है. तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने इन नियमों की धज्जियां उड़ा दीं. 'सेवा ही संगठन' के तहत आयोजित रक्तदान शिविर में किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया. भीड़ में लोग एक दूसरे से सटकर खड़े देखे गए. यहां तक की कई लोग केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के भी काफी नजदीक खड़े थे.
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ऐसे कैसे टूटेगी कोरोना की चेन
कोरोना गाइडलाइन के दोहरे मापदंडों और राजनीतिक कार्यक्रमों के इस तरह के आयोजनों से कोरोना वायरस की चेन तोड़ना मुश्किल हो सकता है. कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग एक हथियार के रूप में देखा जा रहा है. डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए सरकारी दफ्तरों में 50-60 प्रतिशत कर्मचारी ही साथ काम कर रहे हैं. वहीं निजी क्षेत्रों के कर्मचारी वर्क-फ्रॉम-होम कर रहे हैं. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के इस तरह के आयोजन कहीं सरकार के किए पर पानी न फेर दे.