दमोह। जिले में आपदा प्रबंधन समिति की बैठक चल रही थी जिसमें शहर के आधे बाजार को खोलने पर फैसला हुआ. इसे लेकर कांग्रेस विधायक अजय टंडन ने बैठक का बहिष्कार कर दिया. उन्होंने मीडिया के सामने बैठक में लिए गए निर्णय को एकतरफा बताते हुए तानाशाही पूर्ण करार दिया.
सदस्यों की बात का औचित्य नहीं
कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाया कि बैठक में जो भी सदस्य हैं उनके सुझावों पर कोई चर्चा नहीं की जाती . न ही उनके सुझावों को कोई महत्व दिया जाता है उन्होंने ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए कहा, कि बैठक में पहले से ही यह तय कर लिया जाता है कि क्या निर्णय लिया जाएगा. प्रभारी मंत्री जो भी निर्णय लेते हैं उसी का आदेश जारी कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि जब हिटलर शाही फरमान जारी ही करना है तो बैठक का क्या मतलब है .
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यह था पूरा मामला
बैठक में इस बात को लेकर चर्चा हो रही थी कि बाजार किस रूपरेखा के तहत खोले जाएंगे. बाजार को कितने भागों में बांटा जाए ताकि कोरोना गाइडलाइन का पालन हो सके और बाजार भी खुल सके. प्रभारी मंत्री ने एक लाइन की दुकानें एक दिन खोलने का निर्णय लिया, जिस पर अजय टंडन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एक तरफ की लाइन खुलने से बाजार में भीड़ अधिक बढ़ेगी और लोगों को सामान लेने के लिए बार-बार बाजार आना पड़ेगा. इससे सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ जाएंगी, इससे तो बेहतर है कि पूरा बाजार एक ही बार में खोल दिया जाए, ताकि लोग एक ही समय में अपनी सारी खरीदारी कर लें और उन्हें दोबारा बाजार न आना पड़े. लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई और एक लाइन खोलने का आदेश जारी कर दिया गया.
बैठक में हुआ निर्णय
बैठक में निर्णय लिया गया कि 5 जून से दमोह का बाजार अनलॉक होगा. दमोह के बाजार को 14 भागों में बांटा गया है जिसमें एक-एक दिन एक- एक लाइन की दुकानें खोली जाएंगी. बाजार सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक खोला जाएगा. सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को एक लाइन और मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को उसके दूसरे तरफ की लाइन की दुकानें खोली जाएंगी. जबकि रविवार को पूरी तरह लॉकडाउन रहेगा. बैठक में केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल और प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह वर्चुअल माध्यम से और अन्य सदस्य बैठक में प्रत्यक्ष मौजूद थे.