दमोह। जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर बटियागढ़ में रहने वाले बलराम पांडे सन 1983 में अपने दोस्तों के साथ 15 साल की उम्र में अयोध्या गए थे. वहां पर भगवान राम के दर्शन करने के लिए जब वे पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि भगवान राम कि मूर्ती एक टेंट में रखी हुई है और अन्य भगवान के मंदिर विशाल हैं.
35 साल के लंबे अंतराल के बाद भी आज तक बलराम पांडे अपने उस संकल्प पर अडिग हैं, और वे जूते चप्पल नहीं पहनते. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी अब उनको उम्मीद तो है कि भगवान राम का भव्य मंदिर बनेगा, लेकिन वह कहते हैं कि भगवान राम का जब भव्य मंदिर बन जाएगा. तब अयोध्या जाकर ही वे जूते चप्पल पहनने के संकल्प को पूरा करेंगे.