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प्रतिमा बनाने वाले कारीगरों के लिए संकट का दौर, सरकार से मदद की लगाई गुहार - गणेश उत्सव

वैश्विक महामारी कोरोना के चलते गणेश उत्सव के लिए गणेश प्रतिमा बनाने वाले कारीगर काफी चिंतित हैं. सालभर में एक बार आने वाला यह त्योहार इन कारीगरों के लिए किसी दिवाली से कम नहीं होता, लेकिन इस महामारी के चलते अब इन्हें आर्थिक संकट का डर सता रहा है.

Era of crisis for artisans
कारीगरों के लिए संकट का दौर
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Published : Jul 22, 2020, 6:52 PM IST

Updated : Jul 22, 2020, 10:18 PM IST

दमोह। वैश्विक महामारी कोरोना ने देशभर में कई लोगों के रोजगार पूरी तरह से खत्म कर दिए हैं, ऐसे में अब गणेश उत्सव के लिए गणेश प्रतिमा बनाने वाले कारीगर काफी चिंतित है. साल भर में एक बार आने वाला यह त्योहार इन कारीगर के लिए किसी दिवाली से कम नहीं होता, क्योंकि इसी त्योहार में प्रतिमाएं बनाने से इन्हें जो लाभ होता है इससे यह लोग सालभर का अपना बजट बनाते हैं.

कारीगरों के लिए संकट का दौर

इन कारीगरों को अब पेट पालने की चिंता

वहीं इस साल कारीगरों द्वारा कम प्रतिमा ही बनाई जा रही है. इस साल पंडालों का निर्माण भी नहीं होगा. ऐसे में केवल छोटी प्रतिमाएं बनाई जा रही है. हालांकि प्रतिमाओं के निर्माण से ये कारीगर उतना नहीं कमा पाएंगे, जिससे इनका सालभर का खर्चा चल सके. लिहाजा अब इनके सामने मंदी का संकट गहरा गया है.

बड़ी प्रतिमा बनाने पर लगी रोक
दरअसल दमोह में हजारों प्रतिमाओं का निर्माण होता है. इनमें जो बड़ी प्रतिमा होती है. उन प्रतिमाओं से इन्हें बनाने वाले कारीगर का रोजगार चलता है. लेकिन यह प्रतिमाएं इस साल शासन के निर्देश के बाद न तो निर्मित होनी हैं और न ही पंडालों का निर्माण करके इन प्रतिमाओं की स्थापना की जानी है. ऐसे हालात में इन प्रतिमाओं का निर्माण करने वाले कलाकार अब परेशान हैं.

कारीगरों को लाखों का नुकसान

दमोह में कई कारीगर ऐसे हैं जो पीढ़ियों से इस कला से जुड़े हुए हैं, और गणेश जी की प्रतिमाओं के साथ देवी प्रतिमाओं और भगवान राम की प्रतिमा का निर्माण भी करते हैं. लेकिन इस साल किसी भी तरह की प्रतिमा का निर्माण नहीं होने से इनका लाखों का नुकसान होना तय है. इन कारीगर का कहना है कि इसी कला के माध्यम से वे अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करते थे, लेकिन इस बार न तो पांडाल होने हैं और ना ही पंडालों में प्रतिमाओं को रखा जाना है. ऐसे में अब उनके सामने कोई भी आर्डर नहीं है, जिससे अब उनको आगामी दिनों में रोजी रोटी के संकट से जूझना पड़ेगा.

सरकार से मदद की गुहार
मिट्टी की प्रतिमा निर्माण के लिए यह कलाकार बड़ी मशक्कत करते हैं, लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण प्रतिमाओं का निर्माण नहीं हो रहा है. वहीं ये कारीगर सामग्री खरीद चुके हैं, लेकिन उस सामग्री से बनने वाली न तो प्रतिमाएं बननी है. और न ही उनकी बिक्री होनी हैं. ऐसे में यह कलाकार अब दोहरी मार झेल रहे हैं. एक ओर सामग्री के खराब होने का डर है. तो दूसरी ओर पैसे न मिलने का डर है. ऐसे में यह कलाकार अब सरकार से मदद की गुहार भी लगा रहे हैं.

दमोह। वैश्विक महामारी कोरोना ने देशभर में कई लोगों के रोजगार पूरी तरह से खत्म कर दिए हैं, ऐसे में अब गणेश उत्सव के लिए गणेश प्रतिमा बनाने वाले कारीगर काफी चिंतित है. साल भर में एक बार आने वाला यह त्योहार इन कारीगर के लिए किसी दिवाली से कम नहीं होता, क्योंकि इसी त्योहार में प्रतिमाएं बनाने से इन्हें जो लाभ होता है इससे यह लोग सालभर का अपना बजट बनाते हैं.

कारीगरों के लिए संकट का दौर

इन कारीगरों को अब पेट पालने की चिंता

वहीं इस साल कारीगरों द्वारा कम प्रतिमा ही बनाई जा रही है. इस साल पंडालों का निर्माण भी नहीं होगा. ऐसे में केवल छोटी प्रतिमाएं बनाई जा रही है. हालांकि प्रतिमाओं के निर्माण से ये कारीगर उतना नहीं कमा पाएंगे, जिससे इनका सालभर का खर्चा चल सके. लिहाजा अब इनके सामने मंदी का संकट गहरा गया है.

बड़ी प्रतिमा बनाने पर लगी रोक
दरअसल दमोह में हजारों प्रतिमाओं का निर्माण होता है. इनमें जो बड़ी प्रतिमा होती है. उन प्रतिमाओं से इन्हें बनाने वाले कारीगर का रोजगार चलता है. लेकिन यह प्रतिमाएं इस साल शासन के निर्देश के बाद न तो निर्मित होनी हैं और न ही पंडालों का निर्माण करके इन प्रतिमाओं की स्थापना की जानी है. ऐसे हालात में इन प्रतिमाओं का निर्माण करने वाले कलाकार अब परेशान हैं.

कारीगरों को लाखों का नुकसान

दमोह में कई कारीगर ऐसे हैं जो पीढ़ियों से इस कला से जुड़े हुए हैं, और गणेश जी की प्रतिमाओं के साथ देवी प्रतिमाओं और भगवान राम की प्रतिमा का निर्माण भी करते हैं. लेकिन इस साल किसी भी तरह की प्रतिमा का निर्माण नहीं होने से इनका लाखों का नुकसान होना तय है. इन कारीगर का कहना है कि इसी कला के माध्यम से वे अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करते थे, लेकिन इस बार न तो पांडाल होने हैं और ना ही पंडालों में प्रतिमाओं को रखा जाना है. ऐसे में अब उनके सामने कोई भी आर्डर नहीं है, जिससे अब उनको आगामी दिनों में रोजी रोटी के संकट से जूझना पड़ेगा.

सरकार से मदद की गुहार
मिट्टी की प्रतिमा निर्माण के लिए यह कलाकार बड़ी मशक्कत करते हैं, लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण प्रतिमाओं का निर्माण नहीं हो रहा है. वहीं ये कारीगर सामग्री खरीद चुके हैं, लेकिन उस सामग्री से बनने वाली न तो प्रतिमाएं बननी है. और न ही उनकी बिक्री होनी हैं. ऐसे में यह कलाकार अब दोहरी मार झेल रहे हैं. एक ओर सामग्री के खराब होने का डर है. तो दूसरी ओर पैसे न मिलने का डर है. ऐसे में यह कलाकार अब सरकार से मदद की गुहार भी लगा रहे हैं.

Last Updated : Jul 22, 2020, 10:18 PM IST
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