छिंदवाड़ा। एनआईटी राउरकेला में अध्ययनरत छिंदवाड़ा के युवा वैज्ञानिक रूपेश माहोरे ने ऑक्सीजन की बचत करने वाली एक ऐसी डिवाइस बनाई है, जो 60 से 70 फीसदी ऑक्सीजन को बर्बाद होने से रोकती है यानि जितनी जरूरत होती है उतनी ही ऑक्सीजन मरीज को देती है. इस डिवाइस का नाम ऑक्सी सर्वर डिवाइस रखा गया है. रुपेश माहोरे का कहना है कि जब कोरोना चरम पर था उस समय ऑक्सीजन की कमी थी, लोग बीमारी से कम ऑक्सीजन की कमी से ज्यादा मर रहे थे, तभी उनके मन में विचार आया कि कुछ ऐसा किया जाए ताकि ऑक्सीजन सभी लोगों को मिल सके और ऑक्सीजन के दुरुपयोग को रोका जा सके. इसी के चलते उन्होंने ऑक्सी सर्वर डिवाइस बनाई, जो 60 से 70 फ़ीसदी ऑक्सीजन को बर्बाद होने से बचाती है और मरीज को जितनी ऑक्सीजन की जरूरत होती है, उतनी ही देती है.
ऑक्सीजन के दुरुपयोग को रोकता है ऑक्सी सर्वर डिवाइस
युवा वैज्ञानिक रुपेश माहोरे का कहना है कि जब कोरोना चरम पर था उस समय ऑक्सीजन की कमी थी, लोग बीमारी से कम ऑक्सीजन की कमी से ज्यादा मर रहे थे, तभी उनके मन में विचार आया कि कुछ ऐसा किया जाए ताकि ऑक्सीजन सभी लोगों को मिल सके और ऑक्सीजन के दुरुपयोग को रोका जा सके. इसी के चलते उन्होंने ऑक्सी सर्वर डिवाइस बनाई, जो 60 से 70 फ़ीसदी ऑक्सीजन को बर्बाद होने से बचाती है और मरीज को जितनी ऑक्सीजन की जरूरत होती है, उतनी ही देती है.बता दें कि नॉर्मल डिवाइस में काफी मात्रा में ऑक्सीजन बर्बाद हो जाती है.
कमाल की है ऑक्सी सर्वर डिवाइस
वैज्ञानिक रुपेश माहोरे ने ऑक्सी सर्वर डिवाइस अपने भाई के साथ मिलकर बनाई है. उनका कहना है कि डिवाइस एक प्रकार का कंजरवेटर है, जो नॉर्मल डिवाइस में 60 से 70 फीसदी ऑक्सीजन बर्बाद होती है, इस डिवाइस में कंजर्व करने की क्षमता है, जिससे ऑक्सीजन को बर्बाद होने से रोक लेता है और एक व्यक्ति को जितनी ऑक्सीजन की जरूरत होती है, उतनी ही ऑक्सीजन यह डिवाइस उपलब्ध कराता है. ये कमाल की है.
रूपेश चंद्रयान 2 प्रोजेक्ट में भी कर चुके हैं इंटर्नशिप
युवा वैज्ञानिक रुपेश माहोरे इसरो में भी चंद्रयान 2 के परीक्षण के दौरान इंटर्नशिप कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि बेंगलुरू ऑफिस में इस दौरान उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए इंटर्नशिप की थी. फिलहाल मैं राउरकेला के एनआईटी कॉलेज में पढ़ाई कर रहा हूं और वर्तमान में यूएस की हावर्ड यूनिवर्सिटी में इंटर्नशिप भी कर रहा हूं.