छिंदवाड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा में आम लोगों को स्वच्छ पानी के लिए मोहताज होना पड़ रहा है. छिंदवाड़ा के पांढुर्णा की हिवरा सेनाड़वार गांव के ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. ग्रामीणों द्वारा बार-बार ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव को इस मामले से अवगत कराया गया है लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. ग्रामीणों को अब इस बात की चिंता सता रही है कि गांव की जनता पर स्वास्थ्य का खतरा मंडरा रहा है. इसके बाद भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी ग्रामीणों की सुनने को तैयार नहीं हैं.
ग्रामीण चंद्रशेखर पराड़कर के मुताबिक इससे पहले ग्राम पंचायत के एक कुएं से साफ पानी की सप्लाई की जाती थी. लेकिन स्वच्छ पानी वाले कुएं का पानी खत्म होने से प्रशासन दूषित कुएं में मोटर लगाकर पानी सप्लाई करवा रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि जिस कुएं से पानी नलों के जरिए घरों में पहुंचाया जा रहा है. उस कुएं का पानी हरे रंग का हो गया है फिर भी इस हरे रंग के पानी को गांव की जनता को पहुंचाया जा रहा है.
दूषित पानी से प्यास बुझा रहा है गांव
ग्रामीणों को कुएं का दूषित पानी मोटर पंप के माध्यम से पानी की टंकियों में भरकर उसी पानी को नलों के जरिए पूरे गांव को सप्लाई किया जा रहा है. ईटीवी भारत ने जब इस गांव में जाकर वास्तविकता को जानना चाह तो दूषित पानी वाली बात बिल्कुल सही निकली.
पांच हजार की आबादी वाला हिवरा सेनाड़वार गांव अपनी प्यास बुझाने के लिए कुएं का दूषित पानी से काम चला रहा है. गांव में कुल 20 वार्ड हैं और इन सभी ग्रामीणों को ग्राम पंचायत के कुएं का दूषित पानी टंकियों में भरकर नल के माध्यम से पूरे गांव में सप्लाई किया जा रहा है.
सचिव-सरपंच से कोरा आश्वासन
ग्रामीण चंद्रशेखर पराड़कर ने बताया कि ग्रामीणों ने स्वच्छ पेयजल के लिए सचिव और सरपंच को कई बार लिखित में ज्ञापन दिया. लेकिन उनके यहां से ग्रामीणों को सिर्फ और सिर्फ कोरो आश्वासन ही मिला है.