छिन्दवाड़ा। कोल इंडिया में 100 फीसदी विनिवेश और FDI के विरोध में भारतीय मजदूर संघ पांच दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर है. ये हड़ताल 23 सितंबर से हुई थी. पांच दिनों की हड़ताल के चलते करीब 10 हजार टन कोयला उत्पादन ठप हो गया है, जिससे कंपनी को लाखों का घाटा हो रहा है.
भारतीय मजदूर संघ के हड़ताल पर संयुक्त मोर्चा में शामिल इंटक, एटक, एचएमएस और सीटू ने एक दिवसीय हड़ताल कर उनका समर्थन किया. सभी संगठनों के हड़ताल पर जाने की वजह से पेंच क्षेत्र में उत्पादन और उत्खनन का काम पूरी तरह प्रभावित हो रहा है, तो वहीं कोयला परिवहन भी पूरी तरह से बंद है. संयुक्त मोर्चा की एक दिन की हड़ताल के समर्थन के बाद बीएमएस का भी धरना जारी है.
मजदूर संगठनों का कहना है कि अगर कोल इंडिया में एफडीआईआई और विदेशी लोगों ने अपना काम शुरू किया तो स्थानीय मजदूर और कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे. वहीं डब्ल्यूसीएल के अधिकारियों का कहना है कि कामगारों की उपस्थिति और उत्पादन का काम हड़ताल की वजह से पूरी तरह प्रभावित हो रहा है. क्षेत्र में प्रतिदिन औसतन दो हजार टन कोयला उत्पादन होता है जो पूरी तरीके से बंद है. अगर अंदाजा लगाया जाए तो पांच दिनों में 10 हजार टन कोयला उत्पादन ठप हो सकता है.