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सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे जबलपुर के कृषि वैज्ञानिक, कर रहे ये खास मांग - AGRICULTURAL SCIENTISTS PROTEST

जबलपुर के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में कृषि वैज्ञानिकों ने किया प्रदर्शन, मोदी सरकार को भेजा 15 सूत्रीय मांग पत्र

AGRICULTURAL SCIENTISTS RETIREMENT age reduced
जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में प्रदर्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 15, 2024, 7:02 AM IST

जबलपुर: केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों ने कई बार आंदोलन किया है. बल्कि किसानों के आंदोलन से मोदी सरकार को कृषि कानून तक वापस लेना पड़ा था, लेकिन इस बार केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ किसान नहीं बल्कि कृषि वैज्ञानिक मुखर हो रहे हैं. दरअसल, कृषि वैज्ञानिकों की रिटायरमेंट की उम्र घटाने का मामला अब तूल पकड़ रहा है.

केंद्र सरकार के खिलाफ जबलपुर में प्रदर्शन

जबलपुर के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में कृषि विज्ञान केंद्र एम्पलाई वेलफेयर एसोसिएशन ने केंद्र सरकार के खिलाफ एक दिवसीय प्रदर्शन किया. कर्मचारी नेता डॉ. विशाल मेश्राम ने बताया, '' केंद्र सरकार ने कृषि वैज्ञानिकों की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल से घटाकर 62 साल कर दी है. इसके अलावा कई भत्ते भी खत्म कर दिए हैं. यहां तक दीपावली के समय मिलने वाला बोनस भी नहीं दिया गया, इसलिए हमारी दिवाली तक खराब हो गई.''

जानकारी देते हुए कृषि वैज्ञानिक डॉ. विशाल मेश्राम (ETV Bharat)

'आंदोलन में बदल जाएगा ये धरना प्रदर्शन'

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि केंद्र सरकार यदि अपने नियमों में परिवर्तन नहीं करती है और पुराने नियम लागू नहीं करती है तो यह धरना प्रदर्शन एक आंदोलन में बदल जाएगा. इसके बाद एग्रीकल्चर कॉलेज और कृषि विज्ञान केंद्रों में होने वाले सभी शोधकार्य बंद कर देंगे. इस धरना प्रदर्शन में वैज्ञानिकों के अलावा लैब में काम करने वाले लैब अटेंडेंट, शोध कार्यों में लगे दूसरे कर्मचारी और कृषि विज्ञान केंद्रों में काम करने वाले कर्मचारी में शामिल हैं.

Agricultural scientists protested
केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कर्मचारी (ETV Bharat)

कृषि वैज्ञानिकों ने पेंशन स्कीम को बताया गलत

दरअसल, कृषि वैज्ञानिकों और शोध कार्य में लगे लोगों को केंद्र सरकार की ओर से वेतन भत्ते दिए जाते हैं. हालांकि, इनके निर्धारण में राज्य सरकार का भी दखल होता है, लेकिन पैसा केंद्र सरकार से आता है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि बीते 2 सालों से धीरे-धीरे करके केंद्र सरकार ने कटौती करना शुरू कर दिया था. वहीं कृषि वैज्ञानिक केंद्र सरकार की पेंशन स्कीम को भी सही नहीं मानते हैं और ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग कर रहे हैं. कृषि वैज्ञानिकों ने 15 सूत्रीय मांग पत्र जबलपुर जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के माध्यम से केंद्र सरकार को पहुंचाया है.

जबलपुर: केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों ने कई बार आंदोलन किया है. बल्कि किसानों के आंदोलन से मोदी सरकार को कृषि कानून तक वापस लेना पड़ा था, लेकिन इस बार केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ किसान नहीं बल्कि कृषि वैज्ञानिक मुखर हो रहे हैं. दरअसल, कृषि वैज्ञानिकों की रिटायरमेंट की उम्र घटाने का मामला अब तूल पकड़ रहा है.

केंद्र सरकार के खिलाफ जबलपुर में प्रदर्शन

जबलपुर के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में कृषि विज्ञान केंद्र एम्पलाई वेलफेयर एसोसिएशन ने केंद्र सरकार के खिलाफ एक दिवसीय प्रदर्शन किया. कर्मचारी नेता डॉ. विशाल मेश्राम ने बताया, '' केंद्र सरकार ने कृषि वैज्ञानिकों की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल से घटाकर 62 साल कर दी है. इसके अलावा कई भत्ते भी खत्म कर दिए हैं. यहां तक दीपावली के समय मिलने वाला बोनस भी नहीं दिया गया, इसलिए हमारी दिवाली तक खराब हो गई.''

जानकारी देते हुए कृषि वैज्ञानिक डॉ. विशाल मेश्राम (ETV Bharat)

'आंदोलन में बदल जाएगा ये धरना प्रदर्शन'

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि केंद्र सरकार यदि अपने नियमों में परिवर्तन नहीं करती है और पुराने नियम लागू नहीं करती है तो यह धरना प्रदर्शन एक आंदोलन में बदल जाएगा. इसके बाद एग्रीकल्चर कॉलेज और कृषि विज्ञान केंद्रों में होने वाले सभी शोधकार्य बंद कर देंगे. इस धरना प्रदर्शन में वैज्ञानिकों के अलावा लैब में काम करने वाले लैब अटेंडेंट, शोध कार्यों में लगे दूसरे कर्मचारी और कृषि विज्ञान केंद्रों में काम करने वाले कर्मचारी में शामिल हैं.

Agricultural scientists protested
केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कर्मचारी (ETV Bharat)

कृषि वैज्ञानिकों ने पेंशन स्कीम को बताया गलत

दरअसल, कृषि वैज्ञानिकों और शोध कार्य में लगे लोगों को केंद्र सरकार की ओर से वेतन भत्ते दिए जाते हैं. हालांकि, इनके निर्धारण में राज्य सरकार का भी दखल होता है, लेकिन पैसा केंद्र सरकार से आता है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि बीते 2 सालों से धीरे-धीरे करके केंद्र सरकार ने कटौती करना शुरू कर दिया था. वहीं कृषि वैज्ञानिक केंद्र सरकार की पेंशन स्कीम को भी सही नहीं मानते हैं और ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग कर रहे हैं. कृषि वैज्ञानिकों ने 15 सूत्रीय मांग पत्र जबलपुर जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के माध्यम से केंद्र सरकार को पहुंचाया है.

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