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3 बच्चों को पढ़ाने के लिए हैं 6 शिक्षक, अजब एमपी की गजब दास्तां

छिंदवाड़ा के शासकीय उर्दू उच्च माध्यमिक विद्यालय में तीन बच्चे ही पढ़ते हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए यहां 6 शिक्षक हैं. आपको ये जानकर हैरानी होगी, क्योंकि मध्यप्रदेश के कई स्कूलों में सैकड़ों बच्चों पर एक ही शिक्षक है, तो वहीं उर्दू माध्यमिक विद्यालय में केवल 3 बच्चों पर 6 शिक्षक हैं. ऐसी ही है अजब मध्यप्रदेश की गजब कहानी.

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Published : Aug 9, 2019, 8:52 AM IST

छिंदवाड़ा। प्रदेश में कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां बच्चों की संख्या अधिक है, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षकों की संख्या काफी कम. वहीं कई स्कूलों में कर्मचारियों की कमी के चलते व्यवस्थाओं की हालत खराब रहती है. लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले की सौसर विधानसभा क्षेत्र में एक स्कूल ऐसा भी है, जिसमें केवल तीन छात्र पढ़ते हैं, लेकिन यहां 6 शासकीय कर्मचारियों की नियुक्ति है.

3 छात्रों पर 6 शिक्षक

यहां के शासकीय उर्दू उच्च माध्यमिक विद्यालय में तीन छात्र ही शिक्षा प्राप्त करते हैं. इस स्कूल में उर्दू के माध्यम से पढ़ाई कराई जाती है. इस स्कूल में कुल 6 शासकीय कर्मचारी हैं, जिन पर वेतन के रूप में सरकार का प्रतिमाह लगभग 2 लाख 40 हजार जबकि सालाना 28 लाख 80 हजार रुपए खर्च होता है.

इस स्कूल की शुरुआत 19 अगस्त 2003 में तात्कालिक विधायक अजय चौरे ने की थी. 2003 से 2008 तक हर साल यहां पर बच्चों की संख्या 120 से 160 तक रहती थी, लेकिन 2008 के बाद से बच्चों की संख्या में लगातार गिरावट आई और वर्तमान में सिर्फ तीन छात्र ही बचे हैं. ये तीनों छात्र बारहवीं कक्षा में पढ़ते हैं, वहीं 6 कर्मचारियों में से 1 लैब असिस्टेंट, 3 सहायक अध्यापक, 1 अध्यापक और 1 प्राचार्य हैं.

जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद कुमार चौरागढ़ ने बताया कि बहुत जल्द ही यहां पर जो जरूरत से ज्यादा टीचर हैं, उन्हें दूसरी जगह पर ट्रांसफर कर दिया जाएगा.

छिंदवाड़ा। प्रदेश में कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां बच्चों की संख्या अधिक है, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षकों की संख्या काफी कम. वहीं कई स्कूलों में कर्मचारियों की कमी के चलते व्यवस्थाओं की हालत खराब रहती है. लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले की सौसर विधानसभा क्षेत्र में एक स्कूल ऐसा भी है, जिसमें केवल तीन छात्र पढ़ते हैं, लेकिन यहां 6 शासकीय कर्मचारियों की नियुक्ति है.

3 छात्रों पर 6 शिक्षक

यहां के शासकीय उर्दू उच्च माध्यमिक विद्यालय में तीन छात्र ही शिक्षा प्राप्त करते हैं. इस स्कूल में उर्दू के माध्यम से पढ़ाई कराई जाती है. इस स्कूल में कुल 6 शासकीय कर्मचारी हैं, जिन पर वेतन के रूप में सरकार का प्रतिमाह लगभग 2 लाख 40 हजार जबकि सालाना 28 लाख 80 हजार रुपए खर्च होता है.

इस स्कूल की शुरुआत 19 अगस्त 2003 में तात्कालिक विधायक अजय चौरे ने की थी. 2003 से 2008 तक हर साल यहां पर बच्चों की संख्या 120 से 160 तक रहती थी, लेकिन 2008 के बाद से बच्चों की संख्या में लगातार गिरावट आई और वर्तमान में सिर्फ तीन छात्र ही बचे हैं. ये तीनों छात्र बारहवीं कक्षा में पढ़ते हैं, वहीं 6 कर्मचारियों में से 1 लैब असिस्टेंट, 3 सहायक अध्यापक, 1 अध्यापक और 1 प्राचार्य हैं.

जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद कुमार चौरागढ़ ने बताया कि बहुत जल्द ही यहां पर जो जरूरत से ज्यादा टीचर हैं, उन्हें दूसरी जगह पर ट्रांसफर कर दिया जाएगा.

Intro:छिंदवाड़ा
मध्य प्रदेश के अजब गजब स्कूल, बच्चों के सर्वांगीण विकास हो सके साथ साथ अच्छी सी पढ़ाई और अच्छी शिक्षा मिले इस उद्देश्य को लेकर मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय स्कूलों का संचालन किया जाता रहा है



Body:छिंदवाड़ा के शोषण में उर्दू स्कूल में प्रदेश सरकार कर रही है एक बच्चे पर सालाना 9.60लाख का खर्च
तीन बच्चों को संभाल रहे छह कर्मचारी उर्दू हाई सेकेंडरी स्कूल की है यह हालत
जहां एक और मध्य प्रदेश में कई स्कूल ऐसे हैं जहां पर शिक्षकों की कमी के चलते अतिथि शिक्षक रखें पढ़ाई करनी पड़ती है कहीं-कहीं तो यहां हालात हैं कि पेड़ों के नीचे क्लास लगाकर पढ़ाई जाती है वही मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के सौसर में एक ऐसा स्कूल है जहां पर प्राथमिक स्कूल बंद हो चुका है माध्यमिक स्कूल भी बंद हो चुका है उसी के बाजू में हायर सेकेंडरी स्कूल है जिसमें सिर्फ तीन बच्चे ही शिक्षा प्राप्त करते हैं यह स्कूल में उर्दू के माध्यम से पढ़ाई कराई जाती है इस स्कूल में कुल 6 शासकीय कर्मचारी है ऑल इन 6 कर्मचारियों पर लगभग ₹28,80 हजार का वेतन काटा जाता है
सोशल विधानसभा क्षेत्र और जिले के कई स्कूलों में बच्चों की संख्या अधिक है परंतु शिक्षकों की कमी है अतिथि शिक्षकों के भरोसे अध्ययन कार्य चल रहे हैं वहीं सोशल नगर में एक ऐसा शासकीय स्कूल का संचालन किया जा रहा है जहां प्रदेश की सरकार की ओर से मात्र 3 बच्चे पढ़ने के लिए प्रतिमाह ₹240000 खर्च किए जा रहे हैं यहां कक्षा पहली से लेकर 12वीं तक पढ़ने वाले 3 ही बच्चे हैं और स्कूल में संचालन करने के लिए 6 कर्मचारियों को सालाना 28 लाख 80 हजार रुपए का वेतन दिया जाता है
शासकीय उर्दू स्कूल वार्ड नंबर 13 में संचालित शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल सौसर का है यहां पहली कक्षा से 12वीं कक्षा तक का है बच्चों को उर्दू विषय का अधिक ज्ञान मिल सके इस उद्देश्य को लेकर संपूर्ण संभाग में सिर्फ सौसर नगर में स्कूल की शुरुआत 19 अगस्त 2003 में तात्कालिक विधायक अजय चौरे द्वारा की गई थी वर्ड्स 2003 से 2018 तक यहां पर बच्चों की संख्या 120 से 160 संख्या दर्ज होती थी परंतु 2008 के आते-आते लगातार बच्चों की संख्या में गिरावट आई और वर्तमान में सिर्फ तीन बच्चे ही बचे यह तीनों बच्चे बारहवीं कक्षा का अध्ययन कर रहे हैं यहां 6 कर्मचारियों में से एक लैब असिस्टेंट 3 सहायक अध्यापक एक अध्यापक और एक प्राचार्य है जिसमें से यहां काम करने वाला स्टाफ में 4 महिलाएं शिक्षिकाएं और दो पुरुष है
जिला शिक्षा अधिकारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि बहुत जल्द जहां पर जरूरत से ज्यादा टीचर है उन्हें अतिशेष शिक्षकों को दूसरे जगह भेजा जाएगा

बाईट -01 अरविंद कुमार चौरागढ़, जिला शिक्षा अधिकारी , छिंदवाड़ा


Conclusion:जहां एक और मध्य प्रदेश में कई स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं वहीं एक स्कूल ऐसा है जहां बच्चों से डबल शिक्षकों और कर्मचारियों की संख्या है
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