छिंदवाड़ा। प्रदेश में कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां बच्चों की संख्या अधिक है, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षकों की संख्या काफी कम. वहीं कई स्कूलों में कर्मचारियों की कमी के चलते व्यवस्थाओं की हालत खराब रहती है. लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले की सौसर विधानसभा क्षेत्र में एक स्कूल ऐसा भी है, जिसमें केवल तीन छात्र पढ़ते हैं, लेकिन यहां 6 शासकीय कर्मचारियों की नियुक्ति है.
यहां के शासकीय उर्दू उच्च माध्यमिक विद्यालय में तीन छात्र ही शिक्षा प्राप्त करते हैं. इस स्कूल में उर्दू के माध्यम से पढ़ाई कराई जाती है. इस स्कूल में कुल 6 शासकीय कर्मचारी हैं, जिन पर वेतन के रूप में सरकार का प्रतिमाह लगभग 2 लाख 40 हजार जबकि सालाना 28 लाख 80 हजार रुपए खर्च होता है.
इस स्कूल की शुरुआत 19 अगस्त 2003 में तात्कालिक विधायक अजय चौरे ने की थी. 2003 से 2008 तक हर साल यहां पर बच्चों की संख्या 120 से 160 तक रहती थी, लेकिन 2008 के बाद से बच्चों की संख्या में लगातार गिरावट आई और वर्तमान में सिर्फ तीन छात्र ही बचे हैं. ये तीनों छात्र बारहवीं कक्षा में पढ़ते हैं, वहीं 6 कर्मचारियों में से 1 लैब असिस्टेंट, 3 सहायक अध्यापक, 1 अध्यापक और 1 प्राचार्य हैं.
जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद कुमार चौरागढ़ ने बताया कि बहुत जल्द ही यहां पर जो जरूरत से ज्यादा टीचर हैं, उन्हें दूसरी जगह पर ट्रांसफर कर दिया जाएगा.