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शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज पहुंचे छिंदवाड़ा, बोले-हिंदू राष्ट्र नहीं रामराज्य की हो मांग

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज गुरुवार को छिंदवाड़ा पहुंचे. यहां उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए देश में हिंदू राज्य की जगह राम राज्य की मांग की.

Avimukteshwaranand Maharaj
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद
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Published : May 25, 2023, 6:09 PM IST

छिंदवाड़ा। देश और प्रदेश में बीते कई दिनों से हिंदू राष्ट्र की मांग उठ रही है. बागेश्वर सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री लगातार अपनी कथाओं में हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे हैं. इसी क्रम में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने भी मांग की है, लेकिन उन्होंने हिंदू की जगह रामराज्य की मांग की है. छिंदवाड़ा के शक्तिपीठ बड़ी माता मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए भूमिपूजन करने छिंदवाड़ा पहुंचे जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने पत्रकारों संबोधित किया. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि देश में हिंदू राष्ट्र की जगह रामराज्य स्थापित करने की बात होनी चाहिए और हमें रामराज्य की मांग करनी चाहिए.

हिंदू राष्ट्र की जगह रामराज्य की मांग: जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि बार-बार अगर हिंदू राष्ट्र की मांग उठ रही है तो इसका मतलब यह है कि धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र से लोगों का मोहभंग हो रहा है, लेकिन जब हम हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं तो फिर वही गोलबंदी शुरू हो जाती है और लोग धर्मनिरपेक्षता की बात करते हैं. इसलिए भारत में जो हिंदू राष्ट्र की मांग चाहता है, उसे रामराज्य की मांग करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यहां पर मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए आए हैं और उनका किसी राजनीतिक व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है. लोग उनके बयानों को गलत तरीके से प्रस्तुत कर देते हैं.

Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand worshiping in temple
मंदिर में पूजा करते शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

वैदिक शिक्षा पर आधारित बनाया जा रहा है गुरुकुल: उन्होंने कहा कि वे अपने गुरु के आदेशानुसार 10000 बच्चों के लिए वैदिक शिक्षा पर आधारित गुरुकुल बनाने का प्रयास कर रहे हैं और इसका कार्य आरंभ हो गया है । धर्म और राजनीति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि धर्म अब जीवन के उन्नयन का विषय नहीं रह गया है बल्कि राजनीति और व्यापार का विषय बन गया है और इसलिए लोग धर्म का चोला पहनकर अपना स्वार्थ पूरा करते हैं.

  1. Bageshwar Dham पंड़ित धारेंद्र शास्त्री को मिला Kailash Vijayvargiya का साथ, जानें हिंदू राष्ट्र को लेकर बड़ा बयान
  2. बागेश्वर सरकार की राजनीति में एंट्री! क्यों सियासत और हिंदू राष्ट्र पर लगातार कर रहे बयानबाजी

शंकराचार्य की उपाधि के बाद पहली बार पहुंचे छिंदवाड़ा: जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद शंकराचार्य की उपाधि मिलने के बाद पहली बार छिंदवाड़ा पहुंचे थे. इसके पहले वे जब छिंदवाड़ा आए थे तो उस दौरान वे राम मंदिर में साईं बाबा की प्रतिमा देख भड़क गए थे और वहां से हटवा दिया था. कहा था कि जब तक साईं बाबा की प्रतिमा नहीं हटेगी मंदिर में पूजा करने नहीं जाऊंगा. साईं बाबा की मूर्ति हटने के बाद ही अविमुक्तेश्वरानंद महाराज वहां पूजा करने पहुंचे.

छिंदवाड़ा। देश और प्रदेश में बीते कई दिनों से हिंदू राष्ट्र की मांग उठ रही है. बागेश्वर सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री लगातार अपनी कथाओं में हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे हैं. इसी क्रम में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने भी मांग की है, लेकिन उन्होंने हिंदू की जगह रामराज्य की मांग की है. छिंदवाड़ा के शक्तिपीठ बड़ी माता मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए भूमिपूजन करने छिंदवाड़ा पहुंचे जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने पत्रकारों संबोधित किया. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि देश में हिंदू राष्ट्र की जगह रामराज्य स्थापित करने की बात होनी चाहिए और हमें रामराज्य की मांग करनी चाहिए.

हिंदू राष्ट्र की जगह रामराज्य की मांग: जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि बार-बार अगर हिंदू राष्ट्र की मांग उठ रही है तो इसका मतलब यह है कि धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र से लोगों का मोहभंग हो रहा है, लेकिन जब हम हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं तो फिर वही गोलबंदी शुरू हो जाती है और लोग धर्मनिरपेक्षता की बात करते हैं. इसलिए भारत में जो हिंदू राष्ट्र की मांग चाहता है, उसे रामराज्य की मांग करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यहां पर मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए आए हैं और उनका किसी राजनीतिक व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है. लोग उनके बयानों को गलत तरीके से प्रस्तुत कर देते हैं.

Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand worshiping in temple
मंदिर में पूजा करते शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

वैदिक शिक्षा पर आधारित बनाया जा रहा है गुरुकुल: उन्होंने कहा कि वे अपने गुरु के आदेशानुसार 10000 बच्चों के लिए वैदिक शिक्षा पर आधारित गुरुकुल बनाने का प्रयास कर रहे हैं और इसका कार्य आरंभ हो गया है । धर्म और राजनीति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि धर्म अब जीवन के उन्नयन का विषय नहीं रह गया है बल्कि राजनीति और व्यापार का विषय बन गया है और इसलिए लोग धर्म का चोला पहनकर अपना स्वार्थ पूरा करते हैं.

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शंकराचार्य की उपाधि के बाद पहली बार पहुंचे छिंदवाड़ा: जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद शंकराचार्य की उपाधि मिलने के बाद पहली बार छिंदवाड़ा पहुंचे थे. इसके पहले वे जब छिंदवाड़ा आए थे तो उस दौरान वे राम मंदिर में साईं बाबा की प्रतिमा देख भड़क गए थे और वहां से हटवा दिया था. कहा था कि जब तक साईं बाबा की प्रतिमा नहीं हटेगी मंदिर में पूजा करने नहीं जाऊंगा. साईं बाबा की मूर्ति हटने के बाद ही अविमुक्तेश्वरानंद महाराज वहां पूजा करने पहुंचे.

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