छिंदवाड़ा। 24 लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर दो लाख की राशि निकालने का मामला सामने आया है. ग्राम पंचायत सचिव राकेश चंदेल ने चौरई पुलिस थाने में जाकर सरेंडर कर दिया. सरेंडर करने के पहले बकायदा प्रेसवार्ता कर सचिव ने जनपद पंचायत के कर्मचारियों पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.
7 संगीन धाराओं में मामला दर्ज
बता दें कि 7 संगीन धाराओं में मामला दर्ज होने के बाद भी फरार आरोपी सचिव राकेश चंदेल थाने के पास प्रेस वार्ता कर रहा था. पुलिस को भनक तक नहीं लगी. इसके बाद बकायदा सचिव ने थाने में जाकर सरेंडर किया. हालांकि, इस घटना के बाद पुलिस के खुफिया तंत्र पर सवालिया निशान जरूर लग जाता है कि फरार आरोपी थाने के पास प्रेस वार्ता करता रहा और पुलिस को भनक तक नहीं थी. आरोपी ने खुद को बेकसूर बताते हुए जनपद पंचायत के कर्मचारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए.
आरोपी ने लगाए अन्य कर्मचारियों पर आरोप
पंचायत सचिव राकेश चंदेल ने कहा कि वह इस मामले में बेकसूर है. पोर्टल की आईडी और पासवर्ड जनपद पंचायत में ही रहते हैं. उसे जनपद पंचायत के चार बाबू मानसिक रूप से दबाव डालकर दस्तावेजों में साइन करवाते थे. साथ ही सचिव ने बताया कि रोजगार सहायक संजय चौरे कंप्यूटर से संबंधित सभी काम करता था. इसलिए इन सबने मिलकर उसे फंसा दिया. उसने कहा कि वह खुद पुलिस में सरेंडर कर जांच में सहयोग करना चाहता है.
कलेक्टर ने तीनों आरोपियों को किया निलंबित
दरअसल, ग्राम पंचायत बोहनाखैरी के सचिव राकेश चंदेल रोजगार सहायक और पंचायत समन्वयक ने मिलकर 24 ग्रामीणों की फर्जी मृत्यु सर्टिफिकेट बनाएं और फिर मध्य प्रदेश सरकार की योजना संबल के तहत मिलने वाली अनुग्रह राशि दो-दो लाख रुपए का गबन किया था, जिसके बाद ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस ने तीनों के खिलाफ सात धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की. जिसके बाद कलेक्टर ने तीनों आरोपियों को निलंबित कर दिया.
तीन सदस्यीय दल करेगा जांच
मामले की जांच को लेकर प्राथमिक तौर पर पता चला है कि 106 लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए गए हैं. फिलहाल, इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय दल बनाया है, जो मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपेगा.