छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने स्वास्थ्य एवं महिला- बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक ली, इस दौरान लापरवाही बरतने पर कार्रवाई के आदेश दिए. इस बैठक में CMHO समेत सभी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर भी मौजूद रहे. कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि, स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे प्राथमिकता वाले सभी कार्यक्रमों में लक्ष्य पूर्ति की ANM वार जानकारी तैयार करने और लापरवाह ANM के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जीसी चौरसिया, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी डॉ मोनिका बिसेन, सभी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, बाल विकास परियोजना अधिकारी और दोनों विभागों के अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे.
'समन्वय बनाकर करें काम'
कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि, शिशु एवं मातृ स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार के लिए स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग साथ में मिलकर समन्वय बनाते हुए कार्य करें. योजना बनाकर कार्य करने और थोड़े से प्रयासों से अपेक्षाकृत बेहतर परिणाम सामने आएंगे. पांच वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर की जांच और उसका वर्गीकरण भली-भांति किया जाए. अति कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ की कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि, कुपोषित बच्चों के परिजनों को पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों को भर्ती करने के लिए प्रोत्साहित करें. इसी तरह गर्भवती माताओं की पूरी जानकारी रखें. कोई भी गर्भवती माता शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे.
संपूर्ण टीकाकरण करे सुनिश्चित
सभी का एएनसी कार्ड हो. प्रसव पूर्व सभी जांचें भली-भांति हों और स्वास्थ्य की स्थिति के अनुरूप प्रोटोकॉल का पालन किया जाए. परिजनों को संस्थागत प्रसव के महत्व को समझाते हुए प्रेरित करने का कार्य भी करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए हैं. साथ ही उन्होंने कहा है कि, माताओं और शिशुओं का शत-प्रतिशत संपूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए. समय पर उपचार उपलब्ध करवाने से अनेक शिशुओं व माताओं को आसानी से बचाया जा सकता है. इसके लिए दोनों विभाग सक्रिय रहकर फील्ड में कार्य करें.
स्वास्थ्य स्थिति का लें फॉलोअप
कलेक्टर ने कहा कि, 30 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों में असंचारी रोगों की पहचान के लिए चलाए जा रहे एनसीडी कार्यक्रम के अंतर्गत अपेक्षित लक्ष्य के विरूध्द स्क्रीनिंग और परीक्षण का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण किया जाए. उन्होंने कहा कि, केवल स्क्रीनिंग और परीक्षण ही पर्याप्त नहीं है, चिन्हांकित व्यक्तियों को समय पर दवाइयां भी उपलब्ध कराई जाएं और उनके स्वास्थ्य की स्थिति का फॉलोअप भी लिया जाए. संपूर्ण टीकाकरण, एनसीडी कार्यक्रम और टीबी रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत लक्ष्य के विरूध्द अपेक्षित पूर्ति की स्थिति में एक माह के अंदर अनिवार्य रूप से सुधार करने के निर्देश दिए हैं.